मंगलवार, 24 अगस्त 2010

प्रोफेसर आर.के.सिंह खोज सकते हैं एड्स का इलाज़

उम्मीद जगी है कि एचआईवी (ह्यूमन इम्युनो वायरस) संक्रमित लोगों के लिए कारगर दवा तैयार कर ली जाएगी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो.आर के सिंह ने ऐसे 9 यौगिक खोज निकाले हैं जो एड्स की संभावना को न सिर्फ कम करेंगे बल्कि इसे पनपने से भी रोकेंगे। एड्स अब तक लाइलाज बीमारी है। दुनिया में लगभग 35 मिलियन लोग इसकी चपेट में हैं। सिर्फ भारत में ही 2.5 मिलियन लोग एड्स पीडि़त हैं। तमाम अनुसंधान के बाद भी वैज्ञानिक इस बीमारी की काट नहीं ढूंढ पाये। अब जाकर एक राहत भरी खबर मिली है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. आरके सिंह ने एड्स के इलाज की दिशा में कुछ बेहतर परिणाम हासिल किए हैं। उन्होंने ऐसे 9 यौगिक खोजे हैं जो एचआईवी संक्रमण को रोकने में कारगर हैं। इसे चिकित्सा जगत में महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। क्या है अनुसंधान और उसके नतीजे इविवि के रसायन विज्ञान विभाग में इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी नई दिल्ली के सहयोग से यह प्रोजेक्ट लगभग चार वर्षो से चल रहा है। अब तक लगभग 100 यौगिकों को खोजा गया और उनपर अध्ययन किया गया। इनमें से तीस को परीक्षण के लिए दिल्ली के नेशनल इन्स्टीट्यूट आफ इम्युनोलॉजी, नेशनल एड्स रिसर्च इन्स्टीट्यूट पुणे और बेल्जियम की प्रयोगशालाओं में भेजा गया। जांच के बाद 9 ऐसे यौगिक चिह्नित किये गए जो एड्स के वायरस एचआईवी को नष्ट करने में कारगर साबित हुए। इस दौरान यह भी पता चला कि नये खोजे गए यौगिक शरीर पर किसी अन्य प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं डालते हैं। इतना ही नहीं, इनकी मदद से जिन दवाओं को विकसित किया जाएगा उनमें लागत भी कम आएगी। खोजे गए मॉलीक्यूल शरीर में ऐसी परिस्थितियां भी विकसित करेंगे जिससे प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो। आगे का अध्ययन पोलैंड में एचआईवी पर कार्य कर रहे प्रो.आरके सिंह बताते हैं कि आगे का अध्ययन इन्स्टीट्यूट आफ बायोकेमेस्ट्री एंड फिजिक्स पोलैंड में होगा। इसमें वहां के प्रो.डी सुगर भी मदद करेंगे। इंसा (इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी नई दिल्ली) की तरफ से प्रो.सिंह को छह माह के लिए पोलैंड भेजा जा रहा है(अमलेन्दु त्रिपाठी,दैनिक जागरण,इलाहाबाद,24.8.2010)।

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