पहली सितंबर से प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों में मरीजों को किसी भी प्रकार की क्लीनिकल जांच कराने पर फीस नहीं देनी होगी। उन्हें एमआरआई और सीटी स्कैन छोड़कर हर प्रकार की जांच की मुफ्त सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। अब तक यह सुविधा जिला अस्पतालों तक ही सीमित थी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक राजस्व गांव को दस हजार की राशि उपलब्ध करायी जाएगी। प्रधान स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक संजय कुमार की उपस्थिति में स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले हर प्रकार के रेडियोलोजिकल एवं पैथोलोजिकल जांच की मुफ्त सुविधा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला अस्पताल तक उपलब्ध थी। अब यह सुविधा सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों में भी पहली सितंबर से उपलब्ध रहेगी। कुछ जांच को आउटसोर्स किया गया था। तकनीकी कारणों से ये सभी जांच 10 सितंबर से मुफ्त हो पाएंगे। यह सुविधा बीपीएल एवं एपीएल सभी के लिए उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रत्येक राजस्व गांव में ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के गठन की अवधारणा है। पंचायत स्तर पर ये समिति बनायी गयी है, और उन्हें उनके अधीन पड़ने वाले प्रत्येक राजस्व गांव के लिए सालाना दस हजार की राशि मुहैया करायी जा रही है। उद्देश्य है कि गांव के स्तर पर ही बीमार का इलाज करा दिया जाए। गंभीर बीमारी के मामले में समिति उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या जिला अस्पताल रेफर करेगी। समिति का सचिव एएनएम को बनाया जाएगा। समिति गांवों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाएगी। समिति के संचालन के लिए गाइडलाइन तैयार कर लिया गया है(दैनिक जागरण,पटना,20.8.2010)।
Bhout sunder jankari.
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