सोमवार, 2 अगस्त 2010

मध्यप्रदेश में नई दवा नीति लागू

मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में दवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक अगस्त से नई दवा नीति लागू की है। प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री महेन्द्र हार्डिया ने रविवार को यहां कहा कि नई नीति के जरिए प्रदेश में औषधियों, शल्य क्रिया के उपकरणों और उपचार के अन्य सामान की खरीद दवा और सामानों की दरों आदि के निर्धारण की प्रक्रिया सुझाने का काम तमिलनाडु मेडिकल सर्विस कारपोरेशन को दिया गया है। इस नीति में 201 ऐसी दवाओं को शामिल किया गया है, जो दिन-प्रतिदिन रोगियों के उपचार में उपयोग होती हैं और इससे लगभग 96 प्रतिशत बीमारियों का उपचार होता है। इसके अलावा यदि अन्य रोगों के लिए दवाओं की आवश्यकता है, तो इसके लिए सक्षम अधिकारियों को यह अधिकार दिए गए हंै कि वे स्थानीय स्तर पर निविदा के आधार पर दवा खरीद कर रोगियों को उपलब्ध कराएं। हार्डिया ने बताया कि सभी 50 जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल सर्जन, गैस राहत अस्पतालों तथा मेडिकल कालेज सहित 118 चिकित्सा संस्थाओं द्वारा दवा की खरीद की जा सकेगी। हार्डिया ने कहा कि नई दवा नीति के तहत 80 प्रतिशत बजट का उपयोग जिले के अधिकारी करेंगे, जबकि 20 प्रतिशत बजट विशेष परिस्थितियों में मुख्यालय स्तर पर खर्च किया जाएगा। नीति के तहत ऐसे दवा निर्माताओं को टीएमएनएससी चैन्नई के माध्यम से चिन्हित किया गया है, जिनके पास आईएसओ का सर्टिफिकेशन है और वे गुड मेनीफैक्चरिंग प्रेक्टिसेज का पालन करते हैं। इसमें जेनरिक दवाओं ही खरीद कर रोगियों को दी जाएंगी। नई दवा नीति को आन लाइन किया गया है। ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए किस स्टोर में कितनी दवा मौजूद है और एक्सपायरी के करीब कितनी दवाएं हैं, यह सब आनलाइन देखा जा सकेगा(दैनिक जागरण,भोपाल,2.8.2010)।

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