
शिवशंकर का दावा है कि उसके द्वारा बनाए गए गर्भनिरोधक में 80 से 90 प्रतिशत तक विभिन्न तेल हैं । 10 से 14 प्रतिशत आयोडाइज्ड सोडियम क्लोराइड और 0.4 से 0.8 प्रतिशत कपूर है। उसने बताया कि गर्भनिरोधक दवा तैयार करने के बाद उसने 12 जुलाई 2002 को कंट्रोलर जनरल आफ पेटेंट डिजाइन एन्ड ट्रेंड से इसका पेटेंट लेने के लिए आवेदन किया था जो कि उसे 20 सालों के लिए पेटेंट मिला।
इन 20 सालों में से आठ साल इसी तरह स्वास्थ्य मंत्नालय और भारतीय आयुविज्ञान परिषद , आईसीएमआर, से मिन्नतें करते हुए गुजर चुके हैं लेकिन इस दवा के जानवरों तक पर परीक्षण की अनुमति नहीं मिल पाई है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,19.8.2010)।
अफसोस होता है ऐसी हालत देखकर.
जवाब देंहटाएंमेरा भारत ...........
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