दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए जबड़े को दुरुस्त करने के लिए लखनऊ के छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विवि के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डाक्टरों ने एक नई तकनीक विकसित की है। नई तकनीक में जबड़ा धातु की प्लेट के बजाय सिर की हड्डी से जोड़ा जा सकेगा। यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत सस्ती और सेहत के लिए बेहतर साबित होगी। चिकित्सा विवि के प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो.एके सिंह, डा.विजय कुमार और एक अन्य प्लास्टिक सर्जन डा.देवी प्रसाद महापात्रा ने मिलकर यह शोध किया है। तीनों विशेषज्ञ डाक्टरों का संयुक्त शोध पत्र गत माह यूरोपियन जर्नल ऑफ प्लास्टिक सर्जन में प्रकाशित हुआ है। डा. विजय कुमार के मुताबिक सिर की पैराइटल हड्डी के भीतरी हिस्से से एक पतली प्लेट बनाकर टूटे हुए जबड़े को जोड़ा जा सकता है। धीरे-धीरे यह सिर की हड्डी जबड़े की हड्डी से मिल जाती है। एक साल में 20 लोगों पर किये गए शोध में पाया कि लगभग 45 मिनट में होने वाली यह सर्जरी अपेक्षाकृत सस्ती है। दरअसल अब तक जबड़ा जोड़ने के लिए स्टील या टाइटेनियम की प्लेट का इस्तेमाल किया जाता था, जिसकी कीमत 1500 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक होती थी। यही नहीं कुछ वर्ष बाद इसे निकलवाना भी पड़ता था क्योंकि इससे कई बार जबड़े में सड़न पैदा हो जाती है। शोध के बेहतर परिणाम आने के बाद राजधानी के मरीजों को इसका लाभ प्लास्टिक सर्जरी विभाग में मिलना शुरू हो गया है।
इसलिए भी फायदेमन्द :
चूंकि सिर की हड्डी के अन्दर वाले हिस्से का टुकड़ा काटकर प्लेट बनायी जाती है इसलिए सिर पर किसी तरह का निशान बाकी नहीं रहेगा। द्य इस विधि से जबड़े में संक्रमण की आशंका कम होती है। यह प्रक्रिया काफी सस्ती है(दैनिक जागरण,लखनऊ,18.8.2010)।
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