प्लेटलेट्स चढ़वाने के लिए छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आने वाले डेंगू, गैस्ट्रोसर्जरी व वायरस संक्रमित मरीजों को अब एक से ज्यादा रक्तदाताओं की जरूरत नहीं होगी। यहां के ब्लड बैंक में एफेरेसिस मशीन लगायी गयी है। यह मशीन रक्तदाताओं के शरीर से निकले खून में से प्लेटलेट्स निकलेंगी और रक्त के बाकी कॉम्पोनेंट उसके शरीर में वापस चले जाएंगे। इस प्रक्रिया में कम से कम 45 मिनट और ज्यादा से ज्यादा 90 मिनट लगेंगे। अब तक राजधानी में यह सुविधा केवल पीजीआई में ही थी। सोमवार को विश्र्वविद्यालय के व्हाइट हॉल में आयोजित एक गोष्ठी में यह बात सामने आयी। यहां ब्लड बैंक की सहायक प्रभारी डा.तूलिका चन्द्रा ने बताया कि अब तक यदि किसी मरीज को प्लेटलेट्स की जरूरत होती थी तो रक्तदाता का खून निकालकर फिर प्लेटलेट्स को अलग किया जाता था। इससे रक्त के बाकी कॉम्पोनेंट खराब हो जाते थे। एक यूनिट खून से निकली प्लेटलेट्स की संख्या काफी कम होती थी लिहाजा मरीज की जान बचाने के लिए पांच-छह यूनिट रक्त की जरूरत होती थी। कई बार मरीजों को इतने रक्तदाता मिलते भी नहीं थे। दूसरा नुकसान यह था कि पांच-छह रक्तदाताओं की प्लेटलेट्स मरीज के शरीर में जाने से कई बार दुष्प्रभाव भी दिखते थे। महीने के अंत से चिकित्सा विवि के मरीजों को इस मशीन का लाभ मिलेगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,17.8.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।