गुरुवार, 5 अगस्त 2010

हिमाचलःटीबी पॉजीटिव पर होगा एचआईवी टेस्ट

एड्स और टीबी कार्यक्रम समन्वय के साथ चलेंगे। टीबी पॉजीटिव पाए जाने वाले मरीज का एचआईवी टेस्ट होगा। नाको की नई गाइडलाइन के तहत जिला क्षय रोग अधिकारी व जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना को सफल बनाने के लिए हर जिले के दोनों कार्यक्रम अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी हो गए हैं। इससे मरीजों को एक बारगी ही टेस्ट सुविधा मिल जाने से बीमारी का जल्द पता चल सकेगा और उनका समय पर ही उपचार भी शुरू हो सकेगा। एचआईवी पॉजीटिव मरीजों में टीबी होने की ज्यादा आशंका रहती है। भूख की कमी, तेजी से वजन में कमी, खांसी के लक्षण दोनों बीमारियों में पाए जाते हैं। हालांकि इस समय गर्भवती महिलाएं स्वेच्छा से एचआईवी टेस्ट करवाने को ज्यादा संख्या में पहुंच रही हैं। एआरटी सेंटर हमीरपुर के आंकड़ों के अनुसान पांच हजार के करीब गर्भवती महिलाओं ने स्वेच्छा से एचआईवी टेस्ट करवाया है। इनमें करीब एक दर्जन गर्भवती महिलाओं को एचआईवी पॉजीटिव पाया गया। जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री का कहना है कि समय पर बीमारी का पता चलने पर जहां स्वास्थ्य विभाग ने उनकी डिलीवरी देख-रेख में करवाई, वहीं उनके जन्म लेने वाले बच्चों को भी नई जिंदगी मिली है। अब एड्स व टीबी कार्यक्रम एक साथ चलने से नए मरीजों का जल्दी ही पता चल सकेगा। इससे शीघ्र उपचार शुरू हो सकेगा और मरीज जल्द मौत की गिरफ्त में जाने से बच सकेंगे। इसी माह प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत इसी माह शिमला में नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के तहत दिल्ली के विशेषज्ञ सभी जिलों के क्षय रोग अधिकारियों व एड्स कंट्रोल अधिकारियों को जानकारियां और प्रशिक्षण देंगे। उसके बाद यह अधिकारी पैरा मेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मियों को ट्रेनिंग देंगे। टीवी और एड्स कंट्रोल कार्यक्रमों में समन्वय के साथ काम होगा। टीबी पॉजीटिव का एचआईवी टेस्ट भी होगा। छह अगस्त को शिमला में ट्रेनिंग रखी गई है। डॉ. सुलक्षणा पुरी, निदेशक एड्स कंट्रोल सोसाइटी(अश्वनी वालिया,दैनिक भास्कर,हमीरपुर,5.8.2010)

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