सोमवार, 2 अगस्त 2010

रेडियोथेरेपी के दुष्प्रभाव से होगा बचाव

कैंसर पीडि़तों को अब रेडियोथेरेपी के दुष्प्रभाव नहीं झेलने पड़ेंगे। इसके लिए लखनऊ के चिकित्सा विवि के दन्त संकाय के प्रॉस्थोडॉन्टिक्स विभाग ने एक खास उपकरण रेडिएशन स्टैण्ड तैयार किया है। इसके इस्तेमाल से रेडियोथेरेपी का प्रभाव सिर्फ उसी अंग तक सीमित रहेगा जहां उसकी जरूरत है। आमतौर पर रेडियोथेरेपी के बाद मरीजों के अन्य अंग (जहां इसकी जरूरत नहीं है) भी लम्बे समय के लिए सूजन, जलन और घाव की चपेट में आ जाते हैं। अब कैंसर मरीजों को इस समस्या से निजात मिल सकेगी। प्रॅास्थोडॉन्टिक्स के पूर्व विभागाध्यक्ष डा.पूरनचन्द ने बताया कि यह उपकरण अभी ओरल कैंसर के मरीजों के लिए तैयार किया गया है। जिन मरीजों को मुंह का कैंसर है, उनकी रेडियोथेरेपी करते वक्त इसे प्रयोग किया जा सकता है। इससे मंुह के संवेदनशील अंग प्रभावित नहीं होंगे। शोध प्रक्रिया से गुजर रहे इस उपकरण के सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद तय हुआ है कि अक्टूबर में चिकित्सा विवि के शताब्दी जन्मोत्सव के मौके पर लगने वाली प्रदर्शनी में इसे प्रस्तुत किया जाएगा। डा.पूरनचन्द ने बताया कि रेडियो किरणों से अन्य अंगों को बचाने के लिए इस उपकरण में अभी एल्युमीनियम का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोशिश है कि इसमें लेड शीट या ऐसी फिल्म का इस्तेमाल किया जाए, जो अपेक्षाकृत हल्की हो। ऐसे काम करता है उपकरण : रेडिएशन स्टैण्ड की नाप हर मरीज के लिए अलग होती है अर्थात मरीज की जरूरत के मुताबिक इसे तैयार किया जाता है। उपकरण में इस्तेमाल होने वाली एल्युमीनियम शीट रेडियो किरणों को शरीर के उसी अंग तक सीमित रखती हैं, जहां उसकी जरूरत होती है(शैलजा तिवारी,दैनिक जागरण,लखनऊ,2.8.2010)।

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