यदि सब कुछ नियोजित रहा तो आने वाले समय में गरीब परिवारों की गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार नहीं होगी। केंद्र सरकार एक नई कल्याणकारी योजना शुरू करने जा रही है, जिसके तहत आंगनबाड़ी के जरिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद चार हजार की सहायता राशि दी जाएगी। ताकि प्रसूता अपना व नवजात का बेहतर पालन-पोषण कर सके। केंद्र पोषित इस योजना की सूबे में शुरुआत पौड़ी जिले से करने की तैयारी है। तमाम प्रयासों के बावजूद गरीब परिवारों की गर्भवती महिलाओं के कुपोषण का शिकार होने के मामलों में कमी नहीं आ पा रही है। अब कारण जो भी हो, इस संबंध में राज्यों से आ रही रिपोर्ट पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने चिंता जताई और राज्यों से इसके उपाय पर चर्चा की। तय किया गया कि पूर्व की योजनाओं को जारी रखते हुए एक नई योजना और शुरू की जाए। इसे इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना नाम दिया गया। इसके तहत गर्भवती महिला को निकट के आंगनबाड़ी केंद्र में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद यहां के मापदंड व दिशा- निर्देशों के अनुसार, आईएएफ टेबलेट का सेवन, प्रसव पूर्व और बाद में स्वास्थ्य जांच, टीकाकारण स्तनपान आदि पर पूरा ध्यान देना होगा। रजिस्ट्रेशन के कुछ दिन बाद ही महिला को डेढ़ हजार और प्रसव के तीन माह के भीतर दो किस्तों में डेढ़ व एक हजार रुपये दिए जायेंगे। ताकि महिला खुद व नवजात का बेहतर ढंग से पालन-पोषण कर सके। मंत्रालय ने राज्य सरकार को योजना पर तेजी से काम करने के साथ ही हर माह इसकी प्रगति रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। सूबे में योजना की शुरुआत माह के अंत में पौड़ी जनपद से करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। कोशिश की जा रही शीघ्र ही इसे अन्य जिलों में शुरू कराया जाये। योजना के लिए केंद्र ने राज्य सरकार को फिलहाल एक करोड़ की मंजूरी दी है। भविष्य में इसमें बढ़ोतरी करने का भी प्रस्ताव है(सत्येन्द्र पांडेय,दैनिक जागरण,देहरादून,18.8.2010)।
लो आ गया एक और गरीबों के नाम पर लूटने की कांग्रेसी योजना ...जो सरकार गरीब को दो वक्त की रोटी नहीं दे पाई वह फिर ले आई एक लोलीपोप..हाँ इससे भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों के आपराधिक गर्भ की रक्षा जरूर होगी ...शर्मनाक बेशर्मी है ..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पहल।
जवाब देंहटाएं