स्वाइन फ्लू का हौवा अब भूल जाइये। सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पेनलेस वैक्सीन तैयार की है। शनिवार से बरेली में भी इसका प्रयोग शुरू हो जाएगा। इसकी डोज नोजल स्प्रे के रूप में दी जाएगी। स्वाइन फ्लू एक बार फिर चर्चा में है। मंडल में बदायूं में भी स्वाइन फ्लू का मामला प्रकाश में आ चुका है। लोगों में इसे लेकर भय है। इस बीच लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए स्वाइन फ्लू के खिलाफ लड़ाई में एक और वैक्सीन शामिल हो गई है। सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार की गई इस वैक्सीन का नाम है नैसोवैक। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रेम कुमार बताते हैं इस वैक्सीन का उपयोग स्प्रे के तौर पर होगा। इसे नाक में डाला जाएगा। एक डोज के इस्तेमाल के बाद एक साल तक स्वाइन फ्लू का खतरा नहीं रहेगा। खास बात यह है कि इस वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। डॉ. कुमार के अनुसार इस वैक्सीन को विदेश में प्रयोग पहले से हो रहा है। भारतीय नागरिकों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए कंपनी से इसे हिंदुस्तान में भी लांच किया है। उन्होंने कहा कि लोगों वैक्सीन किसी विशेषज्ञ से ही लगवाना चाहिए। इसकी अधिक मात्रा नुकसान कर सकती है। यही नहीं, सही ढंग से न लगने पर वैक्सीन की डोज कारगर नहीं होगी(गोविन्द मिश्र,दैनिक जागरण,बरेली,31.7.2010)।
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