पिता जी की उम्र 62 की है। एक साल पहले सीने में दर्द हुआ और यह सिलसिला एक दो महीने में होता रहता है। कभी-कभी तो दिन में कई बार सीने में चुभन होती है जिससे उन्हें काफी तकलीफ होती है। चिकित्सक की सलाह पर सभी जांचे करायीं लेकिन वो सामान्य निकलीं। सांस की बीमारी है और पल्स भी बढ़ी रहती है। - पंकज यादव, फैजाबाद
-पिता जी के विषय में जो आप परेशानी बता रहे हैं यह दिल की बीमारी ये ताल्लुक नहीं रखती है। उन्हें यह परेशानी एलर्जी के कारण हो सकती है। उन्हें सांस की बीमारी के लिए डाक्टर के पास ले जायें और नियमित दवा खिलाएं। कभी-कभी ऐसा होता है व्यक्ति में सांस की परेशानी होती है और दवाएं नहीं ली जाती हैं तो दिल की बीमारी की आशंका पैदा हो जाती है।
अक्सर सिर दर्द बना रहता है और अचानक दिल घबराने लगता है। नींद भी कम आती है। डाक्टर की सलाह पर नींद की दवा लेता हूं। क्या इससे दिल की बीमारी का कोई सम्बन्ध तो नहीं है? - रमेश चन्द्र श्रीवास्तव, लखीमपुर
-आप जो लक्षण बता रहे हैं वह दिल की बीमारी से सम्बन्धित नहीं हैं। यह लक्षण मानसिक सम्बन्धी परेशानी के कारण हो सकते हैं इसलिए आप किसी मनोचिकित्सक की सलाह लें। इसके अलावा खाली पेट नियमित टहलें और व्यायाम भी करें। अगर फिर भी लाभ न पहुंचे तो राम मनोहर लोहिया अस्पताल आकर दिखायें।
2005 में दिल का दौरा पड़ा था। डाक्टर की सलाह पर दवाएं नियमित चलीं लेकिन इस समय दवाएं नहीं खा रहा हूं जिस कारण सीने में दर्द बना रहता है।- उमेश चन्द्र सक्सेना, लखीमपुर
-दिल का दौरा पड़ने पर नियमित दवाएं खायी जाती हैं। इस बीमारी में दो प्रकार की दवा ली जाती हैं। पहली दिल के दौरे को नियंत्रित करने के लिए और दूसरी दोबारा दिल का दौरा न पड़ने के लिए इसलिए आप फिर से दवाएं नियमित खाते रहे। दवाएं हमेशा चलती रहेंगी।
मेरी उम्र 25 वर्ष है। ब्लड प्रेशर की शिकायत है जिसकी दवा चलती है। कभी-कभी पैदल चलने में तकलीफ होती है।- गंगेश गुप्ता, बहराइच
- इतनी कम उम्र में ब्लड प्रेशर की शिकायत होना अच्छी बात नहीं है और यह लक्षण गुर्दे की बीमारी के भी हो सकते हैं। इसके लिए आप रीनल आर्टरी स्नोसिस जांच करायें। कभी-कभी गुर्दे की नसों में सिकुड़न के कारण भी इस प्रकार की शिकायत हो जाती है जिसे इस जांच के बाद ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा खाने में नमक कम लें।
मेरी उम्र 30 वर्ष है। बाएं कंधे से लेकर हाथ तक हमेशा दर्द बना रहता है। इसके कारण घबराहट भी होने लगती है और धड़कन अचानक तेज हो जाती है। कहीं ये दिल की बीमारी के लक्षण तो नहीं है? - हर्षवर्धन शुक्ला, गोण्डा
- आप जो परेशानी बता रहे हैं वह जोड़ों की अर्थराइटिस हो सकती है। अगर दिल की धड़कन तेज होती है तो हो सकता है दिल के वॉल्व में सिकुड़न आ गई हो या फिर लीकेज की समस्या हो। विशेषकर कम उम्र में यह परेशानी चिन्ता का विषय है। इसके लिए आप किसी मनोचिकित्सक की सलाह लें और नियमित दवा खायें। परेशानी की कोई बात नहीं। आपकी बीमारी जल्दी ठीक हो जाएगी।
मेरी उम्र 22 वर्ष की है। अचानक घबराहट होने लगती है। सांस भी फूलती है। इसके कारण काफी परेशानी होती है। कहीं ये दिल की बीमारी के लक्षण तो नहीं हैं?-विवेक अवस्थी, लखीमपुर
- इस उम्र में ऐसी परेशानी होना अच्छी बात नहीं है। घबराहट की समस्या आपको सांस फूलने के कारण हो सकती है। इसके लिए किसी मनोचिकित्सक की सलाह लें और नियमित दवा का सेवन करें। साथ ही काम को बोझ समझ कर न करें। व्यायाम करें और दिनचर्या बनायें।
मेरे छोटे भाई की उम्र 30 वर्ष है और वजन 72 किलो है। दो-तीन साल पहले से उसे ब्लड प्रेशर की समस्या हो गई है जो 100/150 तक बना रहता है। माता जी को भी यही समस्या है। उनका ब्लड प्रेशर 80/130 तक बना रहता है।- नीरज त्रिपाठी, बहराइच
- आपके भाई को इस उम्र में ब्लड प्रेशर की समस्या अत्यधिक परेशानी भरी है। इसके लिए खाने में नमक कम लें। नमक बिल्कुल कम न करें। धूम्रपान और अल्कोहल से सम्बन्धित कोई चीज न लें। वजन को नियंत्रित करें जिसके लिए व्यायाम अति आवश्यक है और सुबह खाली पेट अवश्य टहलें। एक-डेढ़ महीने तक नियमित ऐसा करें। इससे वजन के साथ ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित हो जाएगा। अगर इसके बावजूद समस्या बनी रहती है तो डाक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करें। माता जी का अधिक ब्लड प्रेशर नुकसानदेह है। ब्लड प्रेशर 80/130 के नीचे रहना चाहिए। डाक्टर की सलाह पर जो दवा खा रही है वह नियमित खाती रहें। लाभ न होने पर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आकर दिखायें।
अक्सर तनाव बना रहता है। इस कारण काम में मन नहीं लगता है। नींद भी कम आती है। - इश्तियाक अली, खैराबाद
- काम की भागदौड़ में व्यक्ति समझ नहीं पाता है कि उसे कौन सी शारीरिक परेशानी घेर रही है। तनाव रहना दिल की बीमारी का नहीं बल्कि मानसिक कारण है। इसके लिए किसी मनोचिकित्सक की सलाह लें और काम के दबाव को कम करें।
मेरी पति की उम्र 59 वर्ष है। उन्हें 17 साल से एन्जाइना है। कभी-कभी तकलीफ अधिक बढ़ जाती है। डाक्टर ने सिटी एन्जियों जांच लिखी है। क्या इस जांच से पूरी परेशानी की जानकारी हो जाएगी। - मधु सक्सेना, महानगर
- एन्जाइना की तकलीफ ज्यादा चलने मेहनत का काम करने से बढ़ने लगती है। इसके लिए एन्जियोंग्राफी की जांच सबसे कारगर होती है क्योंकि इस जांच में पूरी समस्या पता चल जाती है। डाक्टर के परामर्श पर जो दवा चल रही है उसे नियमित लेते रहें।
दो महीने से अचानक सिर चकराने लगता है, उल्टी महसूस होती है। दिल की धड़कन तेज चलने लगती है। इस कारण काफी परेशानी होती है। - इमरान अहमद, लहरपुर, सीतापुर
- हो सकता है ये दिल की बीमारी की शुरुआत हो। इसके लिए सभी जांच करायें। इसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा धूम्रपान, तली-भुनी चीजें कम खायें और सुबह अवश्य टहलें।
मेरी उम्र 32 की है। सीने में अक्सर दर्द बना रहता है। पानी पीने के बाद काफी आराम मिलता है। - पंकज श्रीवास्तव, उतरौला
- आपको गैस की तकलीफ हो सकती है जिस कारण यह परेशानी आपको होती है। इसके लिए चिकित्सक के परामर्श पर इण्डोस्कोपी जांच करायें और नियमित दवा का सेवन करें। इसके अलावा तली चीजों का सेवन कम करें।
एक साल से सीने में अक्सर दर्द बना रहता है और भारी-भारी लगता है। तेज चलने पर दर्द काफी बढ़ जाता है। कहीं ये दिल की बीमारी के लक्षण तो नहीं हैं? - रामजी श्रीवास्तव, कृष्णानगर
- आप जिस प्रकार के लक्षण बता रहे हैं वह एन्जाइना के लक्षण हैं। मेहनत व चलते समय दिल को अधिक रक्त की आवश्यकता होती है। इसके लिए चिकित्सक के परामर्श पर जांचें कराएं और नियमित दवा खायें। इस बीमारी में कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, ईसीजी, टीएमटी और आखिर में एन्जियोग्राफी की जांच होती है। दिल की बीमारी में व्यक्ति को अपनी दिनचर्या नियंत्रित करनी चाहिए। साथ ही मौसमी फल, साग-सब्जी का नियमित सेवन करना चाहिए।
एन्जाइना का दर्द के क्या लक्षण है? - उमेश मिश्रा, त्रिवेणी नगर
- रक्त का प्रवाह दिल की नसों के द्वारा होता है, जब इसमें कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है तो रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा होने लगती है। व्यक्ति जब अधिक मेहनत या जल्दी चलता है उस वक्त अधिक रक्त प्रवाह की आवश्यकता होती है। पर्याप्त मात्रा में प्रवाह न मिल पाने के कारण एन्जाइना का दर्द होता है। आराम करने पर इस दर्द से राहत मिलती है।
दिल का दौरा पड़ने पर क्या करना चाहिए? दीपक मिश्रा, सीतापुर
- दिल का दौरा पड़ने पर व्यक्ति को सबसे पहले जमीन पर लिटा देना चाहिए और उसके शर्ट के बटन खोल देना चाहिए। साथ ही खिड़कियां और दरवाजे खोल देना चाहिए, जिससे पर्याप्त हवा मिल सके। अगर घर में एस्पिरीन की गोली हो तो उसे तुरन्त देनी चाहिए। दिल का दौरा पड़ने पर व्यक्ति को चलने नहीं देना चाहिए, क्योंकि मेहनत करने से दिल पर अधिक जोर पड़ता है। दिल का दौरा पड़ने पर व्यक्ति को एक घंटे के अन्दर व अधिकतम तीन घंटे तक अस्पताल पहुंचा देना चाहिए(दैनिक जागरण,लखनऊ,13.7.2010)।
" नमक बिल्कुल कम न करें" ?
जवाब देंहटाएंनीचे दिये उदाहरणों में मनोचिकित्सक क्या करेगा
मेरी उम्र 30 वर्ष है। बाएं कंधे से लेकर हाथ तक हमेशा दर्द बना रहता है। इसके कारण घबराहट भी होने लगती है और धड़कन अचानक तेज हो जाती है। कहीं ये दिल की बीमारी के लक्षण तो नहीं है? - हर्षवर्धन शुक्ला, गोण्डा
- आप जो परेशानी बता रहे हैं वह जोड़ों की अर्थराइटिस हो सकती है। अगर दिल की धड़कन तेज होती है तो हो सकता है दिल के वॉल्व में सिकुड़न आ गई हो या फिर लीकेज की समस्या हो। विशेषकर कम उम्र में यह परेशानी चिन्ता का विषय है। इसके लिए आप किसी मनोचिकित्सक की सलाह लें और नियमित दवा खायें। परेशानी की कोई बात नहीं। आपकी बीमारी जल्दी ठीक हो जाएगी।
मेरी उम्र 22 वर्ष की है। अचानक घबराहट होने लगती है। सांस भी फूलती है। इसके कारण काफी परेशानी होती है। कहीं ये दिल की बीमारी के लक्षण तो नहीं हैं?-विवेक अवस्थी, लखीमपुर
- इस उम्र में ऐसी परेशानी होना अच्छी बात नहीं है। घबराहट की समस्या आपको सांस फूलने के कारण हो सकती है। इसके लिए किसी मनोचिकित्सक की सलाह लें और नियमित दवा का सेवन करें। साथ ही काम को बोझ समझ कर न करें। व्यायाम करें और दिनचर्या बनायें
मेरी उम्र 17 साल है मुझे किसी भी बात को सोचकर घबराहट होती है
जवाब देंहटाएंमेरी उम्र 17 साल है मुझे किसी भी बात को सोचकर घबराहट होती है
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