मंगलवार, 13 जुलाई 2010

नई दवाएं खोजने को बनेगा कोष

देश में दवाओं की खोज एवं शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार सौ अरब रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करेगी। इसका मकसद भारत को नई दवाओं की खोज में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाना है। रसायन एवं खाद मंत्रालय के तहत दवा विभाग के सचिव अशोक कुमार ने कहा कि हमने वेंचर कैपिटल फंड में योगदान देने वालों से रुचि-पत्र आमंत्रित किए हैं। अगले बीस दिन में यह प्रक्रिया पूरी होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि इस फंड के असेट मैनेजर की नियुक्ति के लिए बातचीत चल रही है और जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा। फार्मा विभाग यूटीआई असेट मैनेजमेंट को फंड मैनेजर नियुक्त कर सकता है। यह फंड चालू वित्त वर्ष के अंत तक स्थापित होने की उम्मीद है। इस कोष के जरिए फार्मा और बायो-फार्मा क्षेत्र में दवाओं की खोज एवं शोध कार्यो के लिए वर्ष 2015 तक पूंजी जुटाई जाएगी। बकौल कुमार वर्ष 2020 तक हम भारत को दवा क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शुमार करना चाहते हैं। विभाग के एक अधिकारी के अनुसार सरकार इस फंड में सालाना 15-20 फीसदी का योगदान देगी। इसका इस्तेमाल संस्थानों के निर्माण, लोगों के प्रशिक्षण और कंपनियों को दवाओं के शोध कार्य में मदद देने में किया जाएगा। इससे पहले वर्ष 2009 में सरकार ने दवाओं के शोध पर भारी भरकम निवेश करने का इरादा जताया था। शुरुआत में सरकार की वर्ष 2012 तक इस फंड के जरिए 30 अरब रुपये जुटाने की योजना है। दुनिया भर में दवाओं की खोज एवं शोध पर खर्च की जाने वाली 130 अरब डॉलर की राशि में भारत की हिस्सेदारी महज एक फीसदी है, जबकि भारत में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा दवा उद्योग है। देश में ज्यादातर विदेशों में खोजी गई लोकप्रिय दवाओं का जेनेरिक वर्जन तैयार किया जाता है। अब सरकार ने वर्ष 2020 तक हर पांच नई दवाओं की खोज में एक भारत की होने का लक्ष्य रखा है। इस कोष का मकसद कंपनियों को विकासशील देशों की गरीब आबादी में फैलने वाली ऐसी बीमारियों की दवाएं खोजने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिन पर वे ज्यादा ध्यान नहीं देतीं। अभी बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियां ज्यादा मुनाफा देने वाली डायबिटीज, हार्ट डिसऑर्डर और कैंसर की दवाएं विकसित करने पर ज्यादा जोर देती हैं। जबकि विकासशील देशों की गरीब आबादी में तेजी से फैल रही मलेरिया, ट्यूबरकुलोसिस और काला जार जैसी बीमारियों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता, क्योंकि इनसे कंपनियों को कम फायदा होता है। सरकार द्वारा बनाए जाने वाले वेंचर कैपिटल फंड का उद्देश्य इन बीमारियों की दवाएं खोजने के लिए कंपनियों को वित्तीय मदद मुहैया कराना है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,13.7.2010)।

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