सरकार ने इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियों (ईसीपी) के देश में विज्ञापन द्वारा प्रचार करने पर रोक लगा दी है। इस संबंध में कानून उल्लंघन करने वाली पिरामल हेल्थकेयर, मोरपेन और मेनकाइंड फार्मा को नोटिस जारी किए गए हैं। अन्य कंपनियों को इन गोलियों की जानकारी नियत मानदंडों के अनुरूप उपलब्ध कराने को कहा गया है। देश में 15 कंपनियां ये गोलियां बनाती हैं। वर्तमान कानूनों के तहत मीडिया में इन गोलियों के प्रचार की इजाजत नहीं है। ईसीपी सामान्य औषधि की श्रेणी में नहीं आती। इसे चिकित्सक की अनुमति के बिना बेचने की इजाजत नहीं है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इन गोलियों के प्रचार के लिए मानदंड तय किए गए हैं। जिनमें कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को इन गोलियों के साइड-इफेक्ट्स के प्रति जागरूक बनाना भी शामिल है लेकिन कंपनियां ऐसा नहीं कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूर्व में जिन शर्तो पर इन कंपनियों को ईसीपी संबंधी विज्ञापन टीवी चैनलों पर दिखाने की अनुमति दी थी, उनमें कहा गया था कि विज्ञापन में इससे होने वाले दुष्प्रभावों और अन्य जरूरी जानकारियां दी जाएंगी। साथ ही विज्ञापन प्रसारण में मर्यादाओं का ध्यान रखा जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,26.7.2010)।
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