दुनिया भर में आठ करोड़ 90 लाख युवतियां एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से जूझती हैं। 25-30 के आयुवर्ग की महिलाओं में पेट दर्द और गर्भधारण न कर पाने की यही मुख्य वजह है। यह कहना है ब्लूम आईवीएफ सेंटर फोर्टिस मोहाली में कंसलटेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. रिश्मा ढिल्लों पाई का।उन्होंने बताया कि इसमें गर्भ (एंडोमेट्रियम) को ढकने वाली टिश्यूज ओवरीज या गर्भाशय के आसपास जैसी असामान्य जगहों पर विकसित होने लगती हैं। मासिक धर्म के समय रक्तस्राव होता है और खून के गहरे थक्के ओवरीज में जमा होने लगते हैं, जिसे चॉकलेट सिस्ट कहते हैं। पेल्विस और आसपास खून के धब्बे जमा हो जाते हैं, जिससे आंतें, ट्यूब्स और ओवरीज आपस में चिपक जाती हैं।
डॉ. पाई ने बताया कि यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे ट्यूब्स और ओवरीज को नुकसान पहुंचता है जो इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। समय पर इलाज न कराया गया तो पेल्विस में सूजन आ जाती है और पेल्विक ऑर्गन्स को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
डॉ. पाई ने बताया कि केस हिस्ट्री, परीक्षण और सोनोग्राफी से इसका पता लगाया जा सकता है। कई बार लैप्रोस्कोपी (कीहोल सर्जरी) की मदद से इस बीमारी का पता लगाने के साथ ही इसका इलाज भी एक ही समय में कर दिया जाता है। इन दिनों पेट पर 2-3 छोटे कट लगाकर कैमरा और अन्य इंस्ट्रूमेंट की मदद से पेल्विस के अंदर एंडोमेट्रियॉटिक हिस्सों को हटा दिया जाता है या लेजर की मदद से जला दिया जाता है। हालांकि सर्जरी के बाद इसके फिर से उभरने की आशंका बनी रहती है और कुछ मरीजों को मल्टीपल सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
मेडिकल ट्रीटमेंट से आर्टिफिशियल मीनोपॉज के जरिये एंडोमेट्रियॉसिस को रोका जा सकता है। इसके लिए हॉरमोन टैबलेट्स या महीने में एक इंजेक्शन काफी है। हालांकि यह पक्का इलाज नहीं है और इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
डॉ. पाई ने बताया कि एंडोमेट्रियॉसिस से जूझ रहे युवा मरीज जो बच्चा चाहते हैं, उनके लिए आईयूआई और आईवीएफ (टेस्ट ट्यूब बेबी) जैसी स्पेशल ट्रीटमेंट मौजूद हैं। अगर मरीज की उम्र ज्यादा है और कई सर्जरी हो चुकी हैं, तो गर्भाशय और ओवरीज निकालकर हिस्टेरेक्टॉमी ही इलाज है(मनोज अपरेजा,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,20.7.2010)।
राधारमण जी , यह टॉपिक आम जनता को समझ आना मुश्किल है । मुझे याद है हमारे फ़ाइनल के एग्जाम में endometriosis पर पूरा २५ मार्क्स का प्रश्न था । मेरे बाजु में बैठा एक लड़का पूछता है --यार ये endometriosis क्या होता है । मैंने कहा भाई ये लम्बी कहानी है , इसे छोड़ आगे बढ़ जा ।
जवाब देंहटाएंखैर अच्छी जानकारी है । बस लिखने में थोडा परिवर्तन कर लें तो बेहतर रहेगा । फॉण्ट साइज बढ़ा दें और छोटे छोटे पैरा बना कर लिखेंगे तो पढने में ज्यादा मज़ा आएगा ।