क्या रक्त में शुगर की मात्रा को कम करना और डायबिटीज की परेशानियों को रोकना आसान है? क्या सिर्फ सही भोजन प्रणाली अपनाकर इसमें सुधार किया जा सकता है? इन सवालों का जवाब है- हां। कुछ खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और यह ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर कर देते हैं। ये न सिर्फ हृदय की रक्षा करते हैं, बल्कि मधुमेह के कारण आंखों की रोशनी को भी कम होने से बचाते हैं। डायबिटीज से लड़ने में ये खाद्य पदार्थ धारदार हथियार साबित हो सकते हैं। आइए डालते हैं इन पर एक नजर-
सेब
फिनलैंड में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग सेब और अन्य उच्च क्वर्सिटिन वाले खाद्य पदार्थ लेते हैं, उनमें डायबिटीज और हृदय की बीमारियों से मौत की आशंका २क् प्रतिशत तक कम होती है। क्वर्सिटिन के अन्य अच्छे स्रोतों में प्याज, टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, जामुन आदि हैं।
दालचीनी
मेरीलैंड में मानव पोषण अनुसंधान केंद्र में हुए अध्ययन में पाया गया है कि यदि आप आधा चम्मच दालचीनी रोजाना खाने में प्रयोग करते हैं तो यह आपकी कोशिकाओं को इंसुलिन से भी अधिक संवेदनशील बनाती है। शोध में पाया गया कि कोशिकाएं ब्लड शुगर को ऊर्जा में परिवर्तित कर देती हैं। 40 दिनों तक दालचीनी की विभिन्न मात्रा लेने के बाद डायबिटीज के रोगियों ने भी ब्लड शुगर में आई गिरावट को महसूस किया। इसके साथ ही उनके दिल के स्वास्थ्य पर भी बड़ा प्रभाव देखने को मिला। दालचीनी को किसी भी खाद्य पदार्थ में डालकर खाया जा सकता है।
खट्टे फल
डायबिटीज के रोगियों में विटामिन सी की कमी पाई जाती है। इसलिए उनके लिए एंटीऑक्सीडेंट्स वाले खट्टे फल नाश्ते में अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं। गोलियों से आपको जल्दी विटामिन सी मिल सकता है, लेकिन फलों में फैट कम होता है और फाइबर अधिक मात्रा में। इसके साथ ही इसमें अन्य पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, इसलिए खट्टे फल बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
सालमन मछली
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित लोगों में दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा सामान्य लोगों से दोगुना होता है। ओमेगा-थ्री फैटी एसिड से भरपूर मछलियां जैसे अलास्कन सालमन, सारर्डिनेस और अटलांटिक मोकेरेल खाने से आर्टरीज में क्लॉटिंग नहीं होती। साथ ही रक्त का संचरण भी ठीक तरह से होता रहता है।
हाई फाइबर फूड
टेक्सास यूनिवर्सिटी के साउथवेस्टर्न मेडिकल कॉलेज में हुए अध्ययन में पाया गया कि 24-50 ग्राम फाइबर रोजाना भोजन में लेने वालों के रक्त में शुगर के स्तर में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हुआ। वास्तव में, फाइबर से भरपूर डाइट मधुमेह के रोगियों के लिए उतनी ही प्रभावकारी होती हैं, जितनी मधुमेह की दवाइयां होती हैं। इसलिए ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्राउन राइस, फलों व ब्रेड आदि का सेवन करना बेहतर साबित हो सकता है। ये सभी हाई फाइबर फूड हैं।
सिरका
खाना खाने से पहले दो चम्मच वेनिगर (सिरका) आपके ब्लड शुगर को कम कर सकता है। एरीजोना स्टेट यूनिवसिर्टी ने तीन अलग-अलग समूहों में लोगों का परीक्षण करके यह निष्कर्ष निकाला है। इन समूहों में पूर्ण रूप से स्वस्थ, डायबिटीज की आशंका वाले लोग और पूर्ण रूप से डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों को रखा गया था। इनको दिन में दो बार खाना खाने से पहले दो चम्मच सिरका दिया गया। सिरका देने के एक घंटे बाद मधुमेह के रोगी की ब्लड शुगर सिरका लेने से पहले की अपेक्षा 25 फीसदी कम थी।
ग्रीन टी
अध्ययन में पाया गया कि उच्च वसा वाला भोजन करने और व्यायाम, फलों का सेवन, सब्जियों का सेवन न करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही ब्लड शुगर को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता बिगड़ जाती है। इसका एक साधारण उपचार है ग्रीन टी, संतरे या क्रैनबेरी का जूस पीना। इनमें जलन और सूजन से लड़ने वाले शक्तिशाली तत्व होते हैं।
सूखे मेवे
एक अध्ययन में यह सामने आया है कि जो लोग रोजाना नट्स यानी सूखे मेवों का सेवन करते हैं उन्हें अन्य लोगों की अपेक्षा हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जरूरत से अधिक सूखे मेवे भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में कैलोरीज होती है। बेहतर होगा कि दो चम्मच नट्स ही लें और उसे गिन लें। रोजाना उतनी ही संख्या में नट्स खाएं।
पालक
सभी हरी पत्तेदार सब्जियां ल्यूटिन की सबसे अच्छा स्रोत होती हैं। उनमें पाया जाने वाला कैरोटिनोइड आंखों के लिए बेहतर होता है। इसे भोजन में शामिल करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि डायबिटीज के रोगियों को सबसे ज्यादा आंखों से संबधित परेशानियां ही होती है। वहीं इनमें फाइबर, विटामिन बी, आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
चॉकलेट
टूफ्ट्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया है कि डार्क चॉकलेट इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाती है। टाइप-टू डायबिटीज के मरीजों के लिए यह काफी लाभकारी हो सकती है। चॉकलेट रक्त वाहिकाओं की क्रियाविधि को सुधारती है। इसके साथ ही डार्क चॉकलेट ब्लड प्रेशर को भी कम करने और एलडीएल, जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहते हैं, को भी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मगर, इसे बहुत अधिक नहीं खाना चाहिए।
फलियां
छोले, सेम, राजमा, बरबटी, दाल, सूप, सलाद और अन्य तरह के व्यंजनों को भी खाने में शामिल करना बेहतर है। इसी तरह के कम फैट, कम कैलोरी, हाई फाइबर और हाई प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ डायबिटीज और दिल के खतरों को कम करने में मदद करते हैं। रक्त में ग्लूकोज मिलने की दर को फाइबर कम करता है, इससे मधुमेह के रोगियों को भूख कम लगती है(दैनिक भास्कर,5.7.2010)।
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