बुधवार, 28 जुलाई 2010

डेढ सौ रूपए में मिलेगा स्वदेश में विकसित स्वाइन फ्लू का टीका

स्वाइन फ्लू के जिस स्वदेशी टीके की ट्रायल सफलतापूर्वक इन्दौर शहर के चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में हुई, अब उसे पूरे देश में इस्तेमाल किया जाएगा। यह टीका पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने विकसित किया है। स्वदेशी टीका न केवल सस्ता है, बल्कि इसके साइड इफेक्ट्स भी कम हैं। टीका शीघ्र ही बाजार में मिलने लगेगा। टीके की ट्रायल के लिए इंदौर, मुंबई और अहमदाबाद के तीन अस्पतालों का चयन किया गया था। पिछले साल इंदौर के चाचा नेहरू अस्पताल में पोलियो उन्मूलन के लिए विकसित नए टीके का भी परीक्षण किया गया था। देश में अभी तक स्वाइन फ्लू का कोई टीका नहीं बना था। इसे विदेशों से आयात करना प़ड़ता था। चाचा नेहरू अस्पताल के शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत जैन ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट स्वाइन फ्लू के स्वदेश में विकसित टीके की ट्रायल इसी वर्ष अस्पताल में ३ से १७ वर्ष के बच्चों पर की गई थी। इसके नतीजे बहुत उत्साहवर्धक रहे। यह टीका इंजेक्शन के रूप में लेने की बजाए नाक में स्प्रे किया जा सकेगा। स्वाइन फ्लू का टीका महँगा होने के कारण कम मात्रा में आयात किया जा सका था। पुणे में विकसित स्वदेशी टीके की कीमत आमजन की क्षमता के अनुरूप ही १५० रखी गई है। साइड इफेक्ट भी कम : विदेशी टीके को इंजेक्शन के रूप में लगाना प़ड़ता है जिससे बुखार, सूजन या दौरे प़ड़ने जैसी परेशानी आती है। नाक से दिए जाने वाले टीके से इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। हालाँकि स्वदेशी टीके से भी नाक बहने और छींकें आने जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने सराहा अस्पताल के अधीक्षक डॉ. शरद थोरा ने बताया कि पोलियो उन्मूलन के लिए विकसित किए गए नए टीके का परीक्षण भी ०९ में विश्व स्वास्थ्य संगठन और केंद्र सरकार की अनुशंसा पर किया गया था। पोलियो के नए टीके के परीक्षण परिणाम को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अस्पताल के प्रयासों को सराहा है। यह टीका अब पूरे देश में इस्तेमाल किया जा रहा है(प्रदीप जैन,नई दुनिया,इन्दौर,28.7.2010)।

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