रविवार, 25 जुलाई 2010

मेडिकल कालेजों को एक छतरी के नीचे लाने की कोशिश

विशेष स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोगों को अब मरीज को एक जगह से दूसरी जगह लादकर नही ले जाना पड़ेगा। दरअसल,राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) ने देश भर के मेडिकल कालेजों को एक छतरी के नीचे लाने का निर्णय लिया है। इसके तहत देशभर के सुपर स्पेशियलिटी सेंटर व मेडिकल कालेजों को टेलीमेडिसिन से जोड़ा जाना है। सभी को विशेष सेवाएं देने के लिए अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल कालेजों के टेली मेडिसिन से जुड़ने के बाद अस्पतालों में मरीज का बोझ भी कम होगा। अमूमन मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे दूसरे सम्बन्धित विशेषता वाले संस्थान भेज दिया जाता है। ऐसे में परिजनों को जहां मरीज को ले जाने में परेशानी होती है। वही दूसरी ओर इलाज का खर्च भी बढ़ जाता है। टेली मेडिसिन से जुड़ने के बाद मरीज को अपने शहर के मेडिकल कालेज में ही अन्य जगहों के मेडिकल कालेजों व सुपरस्पेशियलिटी सेंटरों के विशेषों का इलाज मिल सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि देश में डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिए शुरू की गयी इस योजना से दूर-दराज के लोगों को भी बेहतर चिकित्सकीय इलाज मिल सकेगा। इसके दूसरे चरण में प्रत्येक राज्य के जिला अस्पतालों को टेली मेडिसिन से जोड़ने की तैयारी की गयी है। इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए एसजीपीजीआई को पहले चरण में 9.15 करोड़ के बजट का आवंटन किया गया है। टेली मेडिसिन से मेडिकल कालेजों को जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। आल इंडिया मेडिकल साइंसेज, पीजीआई चंडीगढ़ के साथ ही चेन्नई के श्री रामचंद्र मेडिकल कालेज को जोड़ने का काम हो चुका है(राष्ट्रीय सहारा,25.7.2010)।

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