जच्चा-बच्चा अभियान में पूरी ताकत झोंकने वाली केंद्र सरकार अंदरखाने एक और योजना पर भी मंथन कर रही है। योजना में हर जच्चा-बच्चा का लेखा-जोखा देश के हर अस्पताल में होगा। साथ ही जन्म लेते ही बच्चे को यूआईडी (यूनिक आईडेंटिफिकेशन डिजिट) नंबर आवंटित हो जाएगा। नंबर बताने भर से ही डाक्टर उनका टीकाकरण कर देंगे। यह जानकारी नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर के सलाहकार प्रशांथ के एस ने दी। जनगणना अभियान में केंद्र सरकार द्वारा हर नागरिक को यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से (यूआईडी) नंबर आवंटित कराने का निर्णय लिया गया है। इस नंबर को फीड करने पर संबंधित नागरिक पूरा ब्योरा कंप्यूटर पर देखा जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अंतर्गत जच्चा-बच्चा टीकाकरण को भी इस नंबर से संबद्ध करने पर विचार कर रहा है। गर्भवती होते ही महिला का पूरा ब्योरा उसके यूआईडी नंबर के आधार पर संबंधित अस्पताल के कंप्यूटर में फीड कर दिया जाएगा। गर्भकाल के दौरान उसे किस उपचार की जरूरत होगी, इसकी भी डिटेल कंप्यूटर फीडिंग में शामिल रहेगी। साथ ही शिशु के जन्म लेते ही पहला काम उसे यूआईडी नंबर आवंटन का होगा और उसके डिटेल यूआईडी नंबर के साथ कंप्यूटर में फीड रहेंगे। शिशु को पांच साल तक कौन-कौन से टीके की जरूरत है और उसे कब और कौन से टीके लग चुके हैं-इसका ब्योरा समय-समय पर कंप्यूटर में अपडेट किया जाएगा। जच्चा व शिशु देश के किसी अस्पताल में जाती है, वहां राज्य, जिला, नगर व वार्ड का कोड नंबर डालने के बाद महिला व शिशु का यूआईडी नंबर फीड किया जाएगा। इसके बाद उनके टीकाकरण का पूरा ब्योरा स्क्रीन पर आ जाएगा। उसी आधार पर चिकित्सक आगे का टीकाकरण शुरू कर देंगे(दैनिक जागरण,दिल्ली,24.7.2010)।
अच्छी खबर।
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ये साहस के पुतले ब्लॉगर।
व्यायाम द्वारा बढ़ाएँ शारीरिक क्षमता।
सही दिशा में कदम है ।
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