सोमवार, 12 जुलाई 2010

हिमाचलःनिजी प्रैक्टिस करना हुआ अपराध

निजी प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों पर अब हिमाचल सरकार आपराधिक मामला दर्ज करेगी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में कुछ डाक्टरों के विरुद्ध निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करने के खुलासे के बाद शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया है। विशेष स्वास्थ्य सचिव एस.एस. गुलेरिया ने टांडा मेडिकल कॉलेज में विशेष बैठक में यह निर्णय लिया। शुक्रवार को सीएमओ ने टांडा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की शिकायत पर आधारित कुछ दस्तावेज बरामद किए थे। जांच में डॉक्टर यदि दोषी पाए गए तो विभाग उनके व उनके एचओडी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करेगा। शनिवार को टांडा मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों की ओर से निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस का मामला दैनिक भास्कर ने उजागर किया था। शेष पेज 11 पर इसके बाद ही प्रदेश के गुलेरिया ने शनिवार को कॉलेज में दस्तक देकर विभिन्न विभागों के एचओडी के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया। गुलेरिया ने कहा कि सरकारी नौकरी करने वाले किसी भी डॉक्टर को सरकार निजी प्रेक्टिस की इजाजत नहीं देगी। बंद होंगे बिना पंजीकरण चल रहे स्वास्थ्य संस्थान: प्रदेश में पीएनडीटी एक्ट को प्रभावी बनाने के लिए सभी जिलों के सीएमओ को निजी क्लीनिकों को चेक करने के आदेश दिए गए हैं। जिन क्लीनिकों में स्टाफ कम या बिना पंजीकरण के मशीनें पाई गई, उन्हें सरकार बंद कर देगी। प्रदेश सरकार सुविधाओं के आधार पर निजी क्लीनिकों में डॉक्टरों का शुल्क निर्धारित करने पर भी विचार कर रही है। एक अगस्त से शुरू होने बाले नए शैक्षणिक सत्र के दौरान रैगिंग की कोई घटना न हो इसके लिए सीनियर और जूनियर छात्रों में बेहतर तालमेल बनाने के लिए कॉलेज स्तर पर समितियां गठित की जा रही हैं। कॉलेज परिसर में रैगिंग करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के साइन बोर्ड भी लगाने के आदेश दिए गए हैं। प्राइवेट लैब में टेस्ट, जांच के आदेश: कुछ डॉक्टरों के विरुद्ध निजी प्रयोगशालाओं से रोगी के टेस्ट करवाने के लिए बाध्य करने की शिकायतें भी मिली हैं। इसकी जांच करने के सहायक निदेशक को आदेश जारी कर दिए गए हैं(दैनिक भास्कर,शिमला,11.7.2010)।

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