उत्तर प्रदेश और बिहार में इस साल 2 जुलाई तक घातक पोलियो टाइप पी-1 का एक भी मामला सामने नहीं आया है, इसे इस रोग के नियंत्रण की दिशा में बड़ी सफलता माना जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने बताया कि पोलियो नियंत्रण के लिए देश में चलाए जा रहे पल्स पोलियो अभियान को भारी सफलता मिली है। इस साल 9 जनवरी को पोलियो की नई दवा बाईवेलैंट ओरल पोलियो वैक्सीन की शुरुआत की गई थी, जिसके परिणाम बहुत ही च्च्छे रहे हैं। देश में 2 जुलाई तक पोलियो के कुल 22 मामले सामने आए है जिनमें टाइप पी-1 के 5 और टाइप पी-3 के 17 मामले हैं। गत वर्ष इसी अवधि में पोलियो के 741 मामले सामने आए थे। इनमें पोलियो टाइप-1 के 80 और टाइप-3 के 662 मामले थे। गतवर्ष इसी टाइप-1 के उत्तर प्रदेश में 38 और बिहार में 34 मामले सामने आए थे। देश में इस साल अब तक पोलियो टाइप पी-1 के जो पांच मामले सामने आए है उनमें प. बंगाल में 3 और जम्मू कश्मीर एवं महाराष्ट्र में एक-एक मामला सामने आया है। टाइप पी-3 के कुल 17 मामले आए हैं उनमें उत्तर प्रदेश में 10, बिहार में 6 और हरियाणा में एक मामला शामिल है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि पोलियो की नई दवा बाईवेलैंट ओरल पोलियो वैक्सीन की विशेषता यह है कि इसके सही इस्तेमाल से पोलियो के खतरनाक टाइप-1 और टाइप-3 दोनों वायरस पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। इसी का असर है कि यूपी और बिहार में नए मामलों में कमी आई है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,12.7.2010)।
यू पी , बिहार में बाज़ी मार ली तो समझो बेडा पार हो गया ।
जवाब देंहटाएंअच्छी खबर है ।