इंदौर शहर में अब लीनियर एक्सीलरेटर थैरेपी से कैंसर मरीजों का इलाज होगा। इसके लिए इंदौर कैंसर फाउंडेशन पद्म-केशव चैरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से आधुनिक तकनीक की स्वेदश में निर्मित मशीन ‘सिद्धार्थ-2’ स्थापित करने जा रहा है।
इसके लिए फाउंडेशन को परमाणु उर्जा विभाग की इजाजत मिल गई है। इस मशीन की स्थापना के साथ ही इंदौर देश के उन तीन शहरों में शामिल होगा, जहां एडवांस टेक्नोलॉजी से कैंसर के इलाज होता है।
कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए फाउंडेशन अब खुद को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेड एंड नेक अंकोलॉजी के रूप में विकसित करने जा रहा है। इसके दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है।
इसके तहत इस मशीन को स्थापित करने के लिए संत कृपाल कैंसर सेंटर बनाया जा रहा है। इसका अनुमानित खर्च करीब 85 लाख रु. है। इसमें से 70 लाख पद्म-केशव ट्रस्ट और शेष फाउंडेशन देगा। इसके लिए ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी शंकर हरियानी ने अनुमति दी है। केंद्र सरकार यह मशीन फाउंडेशन को नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। इस बारे में फाउंडेशन के डॉ. दिग्पाल धारकर ने बताया कि दिसंबर तक सेंटर का काम पूरा हो जाएगा। संभवत: दिसंबर में मशीन आ जाएगी।
तीसरे चरण में ब्रेकी थैरेपी की सुविधा
फाउंडेशन तीसरे चरण में ब्रेकी थैरेपी की सुविधा भी मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है। शरीर के अंदर के हिस्सों में रेडिएशन से इलाज की सुविधा के लिए यह सेंटर स्थापित किया जाएगा।
देश में दो जगह है यह तकनीक
इस मशीन से रेडिएशन की यह सुविधा देश में सिर्फ दो जगह ही है। एक मशीन महाराष्ट्र के वर्धा और दूसरी अडियार (चेन्नई) में स्थापित है। इंदौर में स्थापित होने वाली मशीन दोनों जगह की मशीन से भी आधुनिक है(दैनिक भास्कर,इन्दौर,9.7.2010)।
इंदौरवासियों को बधाई !!
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