80 के दशक में विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त अभियान चलाकर प्रदेश से छोटी चेचक को खत्म कर दिया था। इसी तर्ज पर एक और अभियान की शुरुआत 15 अगस्त से होने जा रही है। बच्चों को डिप्थीरिया, टिटनेस, टीबी, मीजल्स जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने वाले इस सघन टीकाकरण अभियान को महाआंदोलन का नाम दिया गया है। प्रतिरक्षण कार्यक्रम का स्वरूप बदला गया है। अब इसमें चिकित्सकों की प्रत्यक्ष निगरानी में एएनएम हर बच्चे को टीका लगाएगी। इसके लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर आयुष (आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग व सिद्ध) के चिकित्सक तैनात होंगे। बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए राज्य के उप केंद्रों पर हर बुधवार व शनिवार को आक्जलरी नर्सिग मिडवाइव्स (एएनएम) द्वारा टीकाकरण किया जाता है। एएनएम के अस्पताल से गायब रहने, टीकाकरण न करने जैसी तमाम शिकायतों की वजह से अपेक्षित परिणाम नहीं आ रहे थे। स्थिति यह है कि राज्य में जन्म लेने वाले प्रति हजार बच्चों में से 73 की विभिन्न बीमारियों के चलते मृत्यु हो जाती है, यह आंकड़ा देश में सर्वाधिक है। इससे निपटने को प्रदेश के परिवार कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत सघन टीकाकरण अभियान चलाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था जिसको मंजूरी मिल गयी है। सभी जिलों को इसका ब्योरा भेज दिया गया है। कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि योजना को पहले एक अगस्त से शुरू होना था लेकिन अब यह 15 से सभी जिलों में एक साथ शुरू होगी। एएनएम अब अकेले टीकाकरण नहीं करेगी। इनकी निगरानी के लिए आयुष चिकित्सक साथ होगा। हर 2680 पीएचसी पर एक आयुष चिकित्सक की तैनाती की जाएगी। इसके लिए चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। साथ ही राज्य में एएनएम के रिक्त पदों को भी तत्काल भरा जा रहा है। डाक्टरों के आने-जाने के लिए राज्य के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर एक-एक अतिरिक्त गाडि़यों की व्यवस्था की जा रही है। टीकाकरण वाले बुधवार और शनिवार के दिन इन्हीं अस्पतालों पर तीन-तीन गाडि़यां उपलब्ध रहेंगी। वैक्सीन खराब न हो, कोल्ड चेन बनी रहे इसके लिए सीएचसी पर जनरेटर लगवाने और इनके बजट की अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है। योजना की देखरेख का जिम्मा जिला परियोजना अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को सौंपा गया है(आशीष मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,19.7.2010)।
अच्छा समाचार.
जवाब देंहटाएंउम्मीद करते हैं कि यह अभियान सुचारू रूप से चलेगा ।
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