बिलासपुर के धर्म अस्पताल को सिम्स में तब्दील हुए आठ वर्ष बीत गए, लेकिन अभी तक यहां डॉक्टरों की कमी को पूरा नहीं किया जा सका है। अधिकांश डॉक्टर यहां लंबे समय तक टिक ही नहीं पाते। पिछले 8 सालों में करीब 450 डॉक्टरों ने यहां से दूसरे चिकित्सा संस्थानों की ओर पलायन किया है। विवादों से नाता, आए दिन हंगामा और अपनी छवि की चिंता की कारण है कि डॉक्टर सिम्स को छोड़कर अन्य संस्थानों में चले जाते हैं।
मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के मापदंड के अनुसार 100 सीटों वाले एमबीबीएस मेडिकल कालेज में 135 विशेषज्ञ डॉक्टर और करीब 75 जूनियर व सीनियर रेसीडेंस डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन सिम्स की बात करें तो यहां जूनियर और सीनियर डॉक्टर के अलावा विशेषज्ञ डाक्टरों की संख्या भी हमेशा से आधी ही रही है।
आए दिन डॉक्टर नौकरी छोड़ते हैं। 8 वर्षो में सिम्स से करीब 450 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी है, यानी औसतन एक साल में 56 डॉक्टर। इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों के पलायन करने के पीछे कई कारण हैं। कुछ डॉक्टर इसे विभागीय गुटबाजी कहते हैं तो कुछ काम का अधिक बोझ होना बताते हैं।
ज्यादातर लोगोंे को यहां की मूलभूत सुविधाओं से शिकायत रही है। सिम्स स्थापना वर्ष से ही बदइंतजामी व मरीजों को इलाज की सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने के लिए चर्चित है। यहां आए दिन इलाज व कर्मियों को लेकर हंगामा होना भी आम बात है।
ऐसे में अपनी छवि बेहतर बनाए रखने के लिए भी यहां डॉक्टर सेवाएं देने में रुचि नहीं दिखाते। रेडियोलॉजी विभाग एक ही डाक्टर के भरोसे है। इसी तरह ईएनटी, आर्थोपेडिक, मेडिसीन, पैथोलॉजी, मनोरोग, पीएसएम, फार्मेकोलॉजी में एक भी प्रोफेसर नहीं है। यहां प्रोफेसर के कुल 21 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से वर्तमान में मात्र 7 प्रोफेसर ही कार्यरत हैं।
सिम्स में डॉक्टरों के लिए अभाव
डॉक्टरों की संख्या कम होने पर काम का बोझ ज्यादा।
स्टाफ कालोनी में खामियां।
आधुनिक उपकरणों का अभाव।
वरिष्ठता के आधार पर डॉक्टरों को पदभार नहीं।
सिम्स के बैकग्राउंड से डॉक्टरों को लाभ नहीं।
210 की जगह 110
सिम्स में प्रतिवर्ष एमबीबीएस की 100 सीटों पर विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। एमसीआई के मापदंड के अनुसार यहां कुल 210 डॉक्टर होने चाहिए, जबकि वर्तमान में यहां करीब 110 डाक्टर ही कार्यरत हैं। इस तरह सिम्स में 40-50 फीसदी डॉक्टरों की कमीं हमेशा ही बनी रहती है।
सिम्स छोड़ चुके विशेषज्ञ
मेडिसीन के प्रोफेसर डॉ. इनामदार, गायनेकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. एसके रथ, डॉ मीनकेतन कर, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रीमती इनामदार, सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सी. कर, डॉ. सामी, ईएनटी के प्रोफेसर डॉ. लुले, बायोकेमेस्ट्री के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप बेहरा, सर्जरी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. केई गेडाम, रेडियोलॉजी से डॉ. अनिल सिंह, डॉ. खाका आदि(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,4.7.2010)।
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