वैज्ञानिकों ने कुछ खास कंपाउंड के साथ ट्राईफ्लूरोमिथाइल ग्रुप को अटैच करने के लिए नया तरीका ईजाद किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सिंथेसिस पर आधारित तरीका अपना कर दवा कंपनियां नई दवाओं का परीक्षण तेजी से कर सकेंगी और इससे दवाओं की खोज पर आने वाली लागत में भी कमी आएगी।
दवा की केमिस्ट्री
लदवाओं को जल्द ही शरीर में घुलने से रोकने के लिए दवा के साथ मिलाया जाता है । ट्राईफ्लोरोमिथाइल यानी सीएफ3शरीर में अधिक देर तक रहने वाली दवाएं होतीं है ज्यादा प्रभावी सीएफ3 दवाओं को आसानी से शरीर से बाहर नहीं निकलने देता है ।प्रयोग में काम आने वाले कंपोनेंट बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं ।
दवा निर्माता और अन्य कंपनियां आसानी से कर सकती हैं नए तरीके का इस्तेमाल
कुछ दवाओं की प्रकृति होती है कि वे जितनी अधिक देर तक शरीर में रहती हैं उतनी ही अधिक प्रभावी होती हैं। ऐसी दवाओं को तेजी से घुलने से रोकने के लिए दवा कंपनियां इनके साथ फ्लोरीन युक्त स्ट्रक्चर ट्राईफ्लूरोमेथिल ग्रुप अटैच करतीं हैं। हालांकि अभी इसके लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रियाओं के लिए कठिन रिएक्शन कंडीशन की जरूरत होती है और ये बहुत कम केसों में काम करतीं हैं। इससे नई दवाओं के परीक्षण के लिए इनकी उपयोगिता सीमित हो जाती है।
अब एमआईटी केमिस्टो ने कुछ खास कंपाउंड के साथ ट्राईफ्लूरोमेथिल ग्रुप को अटैच करने के लिए नया तरीका ईजाद किया है। केमिस्टो का मानना है कि नया तरीका अपना कर दवा कंपनियां नई दवाओं का परीक्षण तेजी से कर सकेंगी और नई दवाओं की खोज पर आने वाली लागत में भी कमी आएगी। साइंस के फ्म् जून के अंक में प्रकाशित सिंथेसिस का तत्काल प्रभाव हो सकता है। रिसर्च टीम की अगुवाई करने वाले एमआईटी केमिस्ट्री प्रोफेसर स्टीफन बुचवाल्ड का कहना है कि सिंथेसिस हासिल करना केमिस्टों के लिए लंबे समय से एक चुनौतीपूर्ण काम रहा है। बुचवाल्ड का कहना है कि कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इसके लिए प्रयास करने का यह बेहतरीन कारण है। बुचवाल्ड की लैब में पोस्टडॉक्टोरल एसोसिएट युन जिन चू पेपर के लीड आथर हैं। ग्रेजुएट स्टूडेंट टोड सेंशेल,पोस्टडॉक्टोरल स्टूडेंट एसोसिएट्स टाम किन्जेल और यांग झांग और पूर्व पोस्टडॉक्टोरल एसोसिएट्स डोनाल्ड वाटसन ने भी पेपर तैयार करने में मदद की है। ट्राईफ्लूरोमेथिल ग्रुप (सीएफ ब्) आम तौर पर कई दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। इन दवाओं में एंटीडेप्रेजेंट प्रोजैक आर्थराइटिस, मेडिकेशन सेलेब्रेक्स जैनुविया शामिल हैं।
जैनुविया का इस्तेमाल डायबिटीज के इलाज के लिए किया जाता है। जब फॉरन कंपाउंड जैसे दवाएं शरीर में प्रवेश करतीं हैं वे लिवर में भेजी जातीं हैं जहां वे टूट कर किडनी द्वारा उत्सर्जन के लिए अवशोषित कर ली जाती हैं। किंजेल का कहना है कि हालांकि सीएफ3 ग्रुप शरीर में टूटने के लिहाज से काफी कठोर होता है क्योंकि इसमें तीन फ्लोरीन परमाणु होते हैं। फ्लोरीन उन कंपोनेंट में शामिल नहीं है जैसा हम खाते हैं ऐसे में शरीर यह नहीं तय कर पाता है कि इसका क्या किया जाए। सीएफ 3 ग्रुप को आर्गैनिक मॉलीक्यूल्स के साथ जोड़ने केमिस्ट आम तौर पर हाईड्रोजन फ्लोराइड का इस्तेमाल करते हैं। यह प्रक्रिया ऐसी कंडीशन में होती है जिससे कि कांपलेक्स मॉलीक्यूल जैसे फार्मास्युटिकल्स या एग्रोकेमिकल्स में पाए जाने स्ट्रक्चरल कंपोनेंट में अनडिजायर्ड रिएक्शन होते हैं। नए रिएक्शन के साथ सीएफ3 ग्रुप को ड्रग सिंथेसिस के बाद की स्टेज में सीएफ3 ग्रुप को शामिल किया जा सकता है। रिएक्शन का इस्तेमाल ब्राड रेंज के मैटेरियल में भी किया जा सकता है। इससे दवा कंपनियों को नए कंपाउंड तैयार करने में आसानी होगी।
केमिस्ट एरिल कंपाउंड के साथ सीएफ 3अटैच करने के लिए एक ऐसा कैटेलिटिक मैथेड खोजने का प्रयास कर रहे हैं जिसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के कंपोनेंट पर किया जा सके। कुछ केमस्टिों ने इसमें कुछ हद तक सफलता हासिल की है लेकिन विभिन्न प्रकार के ऐरिल कंपाउंड पर लागू किया जाने वाला तरीका अभी तक नहीं खोजा जा सका है। इसके लिए केमिस्टों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीएफ3 को अन्य स्रोत से कार्बन रिंग में स्थानांतरित करने के लिए उपयुक्त कैटेलिस्टि (उत्प्रेरक) की पहचान करना है। सीएफ3 अन्य मॉलीक्यूल के साथ डिअटैच किए जाने पर अस्थिर हो जाता है ऐसे में कैटेलिस्ट को सीएफ3 के डिकंपोज होने से पहले स्थानांतरिक करने के लिए तेजी से काम करना होता है। एमआईटी टीम ने पैलेडियम से बने कैटेलिस्ट का इस्तेमाल किया। पैलेडियम एक सिल्वरी-व्हाइट मेटल है जो कि आम तौर पर कैटेलिटिक कन्वर्टर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि रिसर्च टीम की सफलता में सबसे अहम ब्रैडपोज का इस्तेमाल रहा जो किसी और मकसद के लिए विकसित किया गया था। ब्रैडपोज एक मॉलीक्यूल होता है जो कि मेटल को स्थिर कर रिएक्शन को तेज करता है। उपयोगी रिएक्शन के लिए पैलेडियम, लिगंड, सीएफ3 सोर्स, टेंपरचर और अन्य कारकों का योगदान होता है सेंशेल का कहना है कि उपयोगी रिएक्शन के लिए जरूरी है कि सबकुछ मैच कर।
रिएक्शन के दौरान सीएफ3 ग्रुप को सिलिकॉन कैरियर के माध्यम से पैलेडियम में स्थानांतरित किया जा सकता है जो कि क्लोरील एटम को डिस्प्लेस करता है। रिएक्शन के परिणामस्वरूप एरिल सीएफ3यूनिट जारी की जाती है और कैटेलिटिक साइकिल नए सिर से शुरू होती है। शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के एरिल कंपाउंड के साथ सिंथेसिस का प्रयास किया और ट्राईफ्लूरोमेथिल प्रोडक्ट का 70 से 94 फीसदी तक हासिल किया। मौजूदा स्थिति में दवा कंपनियों के इस्तेमाल के लिए यह प्रक्रिया ज्यादा महंगी है। हालांकि दवा की खोज के लिए प्रक्रिया उपयोगी हो सकती है क्योंकि यह पूरी सिंथेसिस प्रक्रिया को सरल और कारगर बनाती है जिससे पूरी प्रक्रिया में आने वाली लागत घटती है। किंजेल का कहना है कि डिस्कवरी केमिस्ट्री के लिए मेटल की कीमत का महत्व कम है।
रिएक्शन में काम आने वाले कंपोनेंट आमतौर पर व्यावसायिक रूप से उपलब्ध है। ऐसे में दवा बनाने वाली और अन्य कंपनियां तत्काल इस तरीके का इस्तेमाल करने में सक्षम होंगी। हेल्थ नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ जनरल साइंस मेडिकल साइंस के प्रोग्राम डायरक्टर जान स्वाब का कहना है कि नई दवाओ को विकसित करने के लिए नए तरीके का उपयोग आसानी से किया जा सकता है। यह इस बात का शानदार उदाहरण है कि अमेरिका में स्वास्थ्य सुविधाओं के उपभोक्ता एनआईएच और बेसिक, बॉयोमेडिकल रिसर्च से किस तरह से लाभान्वित हो रहे हैं(बिजनेस भास्कर,दिल्ली,28 जून,2010)।
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