रायपुर के आंबेडकर अस्पताल में 19 जून से लीनियर एक्सीलरेटर मशीन चालू होने के साथ ही कैंसर के इलाज की विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। देश के किसी भी मेडिकल कालेज अस्पताल में कैंसर के उपचार की इतनी हाईटेक मशीन नहीं है। गरीबी रेखा से नीचे आने वालों का इन मशीनों से बिलकुल मुफ्त इलाज होगा।
देश के महानगरों में लीनियर एक्सीलरेटर से कैंसर मरीजों की सिंकाई का कोर्स करने की फीस एक लाख से डेढ़ लाख तक ली जाती है। चैरिटी वाले अस्पतालों में भी 50-60 हजार रुपए फीस तय है। ऐसे संकेत हैं कि अन्य अस्पतालों की तुलना में 10 प्रतिशत शुल्क ही लिया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल से हरी झंडी का इंतजार है।
अस्पताल की कैंसर यूनिट में लीनियर के साथ सीटी सिम्यूलेटर मशीन भी लगायी गई है। तीन करोड़ की लागत वाली यह मशीन लीनियर एक्सीलरेटर से मरीज की सिंकाई करने में अहम भूमिका निभाती है।
आंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक और रेडियोथेरैपी विभाग के एचओडी डा. विवेक चौधरी ने बताया कि सीटी सिम्यूलेटर मशीन से यह पता लगाया जाता है कि शरीर के कितने हिस्से में सिंकाई की जरुरत है।
लीनियर एक्सीलरेटर से कैंसर के टच्यूमर की पांच मर्तबा सिंकाई करने के बाद यह जांचा जाता है कि इतनी सीटिंग की सिंकाई से टच्यूमर पर कितना असर हुआ है। अब उस टच्यूमर के कितने हिस्से में सिंकाई की जरुरत है। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे सिंकाई की जाती है। इसलिए यह मशीन बेहद जरुरी थी(dAINIK bHASKAR,17.6.2010)।
आप की इस रचना को शुक्रवार के चर्चा मंच पर सजाया गया है.
जवाब देंहटाएंhttp://charchamanch.blogspot.com
आभार
अनामिका
क्या सही किसी मेडिकल कॉलेज में यह मशीन नहीं है ?
जवाब देंहटाएं