भारतीय स्वास्थ्य चिंतन पर दो दिन का राष्ट्रीय सम्मेलन आज शिमला में शुरू हुआ। सम्मेलन का आयोजन इस विचार के साथ किया गया है कि भारत की स्वास्थ्य नीति यहां की भौगोलिक स्थिति, वातावरण, पर्यावरण, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति तथा उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप हो तथा उसी के अनुरूप स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम बने। इस विषय पर अनेकों वर्षों से नीति निर्धारकों, सरकार तथा समाजसेवी संस्थाओं द्वारा विचार-विमर्श तथा चर्चा की जा रही है। इन्हीं विचारों को मूर्तरूप देने के लिए भारतीय स्वास्थ्य चिंतन के तहत गत कई वर्षों से भोपाल, जयपुर व देहरादून में भारत के परिपेक्ष्य में स्वास्थ्य नीति पर गंभीर चिंतन किया गया है।
संगोष्ठी को 9 वैज्ञानिक सत्रों में बांटा गया है। इस संगोष्ठी में स्वाइन फ्लू पर भी चर्चा होगी। संगोष्ठी में कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य प्रमुख लोगों के अतिरिक्त पुणे, महाराष्ट्र से डॉ. अशोक काले, लखनऊ से नरेन्द्र नाथ मेहरोत्रा, जामनगर, गुजरात से डॉ. दिनेश जानी, छत्तीसगढ़ से डॉ. के.मांड्रिक, भोपाल से डॉ. मधुसूदन देशपाण्डे, अहमदाबाद से डॉ. प्रवीण भासार, पटना से डॉ. नरेन्द्र प्रसाद, मुम्बई से डॉ. अमर ठाकोर, दिल्ली से डॉ. दीपक शुक्ला, सिकंदराबाद से डॉ. राघवेन्द्र कुलकर्णी आदि हिस्सा ले रहे हैं।
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