मानसून का नहीं आना कभी खुशखबरी नहीं हो सकती लेकिन इस बार हो सकती है। पिछले दस सप्ताह में देश में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है। पोलियो की १५ साल की लंबी लड़ाई में ऐसी स्थिति पहली बार आई है। लेकिन पोलियो के खिलाफ अभियान चलाने वाली संस्थाएं मानसून के बाद ही पोलियो पर फतह का ऐलान कर पाएंगी। मानसून में पोलियो के मामलों में वृद्धि की संभावना होती है। अगर इस बार ऐसा नहीं हुआ तो यह तय माना जा रहा है कि अगले एक साल में देश से पोलियो का नामो निशान मिट जाएगा। इंडिया नेशनल पोलियो प्लस कमेटी के सदस्य एवं उत्तर प्रदेश में पोलियो उन्मूलन अभियान के प्रमुख अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने कहा कि मॉनसून को हम रोक नहीं सकते लेकिन अगर ऐसा हो पाता तो इस बार हम पोलियो को निश्चित रूप से हरा देते।
पोलियो उन्मूलन की खास रणनीति तैयार करने के लिए राजधानी में हुए पूरे देश के रोटरी गवर्नरों की दो दिवसीय बैठक में यह तय किया गया कि पोलियो पर फतह के इस मौके को किसी भी सूरत में हाथ से नहीं जाने देना है। रोटरी इंटरनेशनल के २०११ के लिए निर्वाचित अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष कल्याण बनर्जी ने कहा कि पोलियो उन्मूलन के जिस मुकाम पर हम पहुंच चुके हैं, उसे देखते हुए मैं कह सकता हूं कि पोलियो पर फतह करने में एक-डेढ़ साल से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। इंडियन नेशनल पोलियो प्लस कमेटी के अध्यक्ष दीपक कपूर ने कहा कि हम इतना कह सकते हैं कि पोलियो उन्मूलन अभियान में ९९.५ काम हो चुका है। देश में पूरी तरह से पोलियो उन्मूलन की खुशी अब बहुत दूर नहीं है।
सभी का मानना था कि बाइवैलेंट टीके की पोलियो पर फतह के बीच पहुंचने में बहुत बड़ी भूमिका रही है। पहले सन् २००० में देश को पोलियो से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कुछ राज्यों की वजह से बार-बार गोलपोस्ट को आगे खिसकाना पड़ा।
(धनंजय,नई दुनिया,दिल्ली,21.5.2010)
और इस देश के भ्रष्ट और बेईमान नेताओं के वजह से जो समाज को पोलिओ हो गया है उसका क्या होगा ? रमण जी हम चाहते हैं की इंसानियत की मुहीम में आप भी अपना योगदान दें कुछ ईमेल भेजकर / पढ़ें इस पोस्ट को और हर संभव अपनी तरफ से प्रयास करें ------ http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/05/blog-post_20.html
जवाब देंहटाएंयह तो बहुत ही अच्छी खबर है।
जवाब देंहटाएंमोनसून तो आएगा और आना भी चाहिए , लेकिन पोलिओ को भी ख़त्म होना ही चाहिए ।
Good news !
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