एमबीबीएस डाक्टर ग्रामीण इलाकों में जाने को तैयार नहीं होते। अलबत्ता,सरकार ने गांवों में सेवा देने की शर्त पर साढे तीन साल में एमबीबीएस की डिग्री देने की पहल की थी। प्रस्ताव के सार्वजनिक होने के बाद से ही एमबीबीएस डाक्टरों के संगठन इसका लगातार विरोध करते रहे। ऐसा लगता है कि अब उऩकी खिलाफत रंग दिखाने लगी है। देखिए,आज के हिंदुस्तान की रिपोर्टः
अंकल आपने बहुत अच्छी जानकारी दी ,इसके लिए धन्यवाद / पता नहीं कोई भी अच्छा प्रयास इस देश में टायं -टायं फ़ीस क्यों हो जाता है /
जवाब देंहटाएंयानि फिर वही ढाक के तीन पात।
जवाब देंहटाएंइतना अच्छा प्रयास...और क्या कर दिया ये.
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