मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

बीजीएस अस्पताल का लिवर जागरूकता सप्ताह

बीजीएस अस्पताल,बंगलौर लोगों को लिवर के प्रति जागरूक बनाने के लिए इन दिनों हैप्पी लिवर वीक मना रहा है। यह सप्ताह 25 अप्रैल तक चलेगा। अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉ. एन.के.वेंकटरमण का कहना है कि इस सप्ताह के दौरान,लिवर के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लिए अवेयरनेस वाक,व्याख्यान और मुफ्त जांच का आयोजन किया जा रहा है। अस्पताल ने बंगलोर के सार्वजनिक पार्कों(कबन पार्क में एक और राजराजेश्वरनगर में तीन अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र बनाए हैं। इन केंद्रों पर रक्तचाप,आरबीएस औऱ बीएमआई की जांच मुफ्त की जाएगी। अस्पताल की ओर से ऐसी विवरणिकाएं भी वितरित की जा रही हैं जिनमें बताया गया है कि लिवर को स्वस्थ रखने के लिए क्या किए जाने चाहिए। बीजीएस अस्पताल के हैपेटोलॉजिस्ट डाक्टर एस.टी.त्यागी का कहना है कि लिवर की बीमारी तेजी से बढ रही है और यह साइलेंट किलर साबित हो रहा है। उनका कहना है कि लिवर के रोगों के लक्षण तब सामने आते हैं जब लिवर का 70 प्रतिशत नुकसान हो चुका होता है। यह एक तथ्य है कि लिवर ट्रांसप्लांट के मामलों में जबरदस्त प्रगति के बावजूद,दुनिया भर में लिवर रोगों से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। कैंसर के तमाम मामलों में संख्या के लिहाज से लिवर कैंसर का स्थान छठा है। देर से पता चलने के कारण इस रोग से मरने वालों का प्रतिशत ज्यादा होता है। कैंसर से मरने वाला हर तीसरा रोगी लिवर कैंसर का होता है। देश में 3 से 4 फीसदी लोग हैपेटाइटिस-बी से पीड़ित हैं। विकासशील देशों में,लिवर कैंसर के 82 प्रतिशत मामले हैपेटाइटिस-बी और सी के कारण होते हैं। यह भी गौरतलब है कि हार्ट अटैक की तुलना में,लिवर की नाकामी से मौत का जोखिम कहीं ज्यादा होता है। यदि इसकी समय पर पहचान हो जाए तो नुकसान की भरपाई काफी हद तक संभव होती है। डॉ. गोपाल का यह भी कहना है कि खान-पान की आदतों में तब्दीली लाकर,शराब से परहेज कर,धूम्रपान छोड़कर,कम वसायुक्त भोजन लेकर और सब्जी तथा फलों का सेवन बढाकर लिवर को तंदुरुस्त रखा जा सकता है। नियमित व्यायाम भी इसमें सहायक है। इस ब्लॉग पर पाठकों को सूचित किया गया था कि पिछले सप्ताह ही,बीजीएस अस्पताल ने मेटस्टैटिक लिवर ट्रांसप्लांट करने में कामयाबी पाई थी जो भारत में इस प्रकार का पहला मामला था।
अस्पताल ने इसी वर्ष जनवरी से लिवर,पैंक्रिएटिक रोग और मल्टीऑर्गन प्रत्यारोपण केंद्र की शुरूआत की है।

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