रविवार, 28 फ़रवरी 2010

हृदय रोगियों की बढती संख्या चिंता का विषयःप्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि दिल के रोग से समय से पहले होने वाली मौतों की वजह से देश के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने इस पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि काम की उम्र में ही लोगों का दिल का मरीज हो जाना अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन रही है। अब गरीब भी दिल के रोगी बन रहे हैं।प्रधानमंत्री ने यह बात "दी एशियन सोसायटी फॉर कार्डियोवास्कुलर एंड थोरेसिक सर्जरी, इंडियन एसोसिएशन ऑफ कार्डियोवास्कुलर एंड थोरेसिक सर्जंस एवं अमेरिकन एसोसिएशन फॉर थोरेसिक सर्जरी द्वारा कल संयुक्त रूप से आयोजित हार्ट सर्जनों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "सीटी कॉमकॉन" के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा, यह चिंता की बात है कि ३५ से लेकर ६४ वर्ष की उम्र के लोगों के हार्ट रोगों की चपेट में आ जाने की वजह से उत्पादन के कीमती वर्ष नष्ट हो रहे हैं। जीने की उम्र बढ़ने व जीवन शैली में परिवर्तन से जो चुनौतियां पैदा हुई हैं, उनमें दिल और नसों की बढ़ती बीमारी सबसे बड़ी चुनौती है लेकिन मुझे अपने देश के हार्ट सर्जनों की ख्याति पर गर्व है। मेरा स्वास्थ्य खुद उनकी काबिलियत का गवाह है।
इस सम्मेलन के अध्यक्ष व वैशाली स्थित पुष्पांजलि क्रॉसले के जाने माने हार्ट सर्जन डॉ. संपत कुमार ने बताया कि चार दिवसीय इस सम्मेलन में विदेश से खासी संख्या में नामचीन डॉक्टर आए हैं।

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