गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

बैक-पेनःअनदेखी होगी घातक

बदलती जीवन शैली और भागमभाग भरी जिंदगी के कारण आज हर दसवां व्यक्ति बैक पेन से परेशान है। कभी बुढ़ापे में होने वाला यह पीठ या कमर दर्द आज युवाओं और अधेड़ों से लेकर बच्चों में भी दिखाई पड़ने लगा है। यदि कमर दर्द के लक्षणों की लंबी समय तक अनदेखी की जाए तो यह गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकता है क्योंकि रीढ़ की हड्‌डी और कमर दोनों मिलकर ही शरीर को आधारभूत संरचना प्रदान करते हैं और दैनिक कार्य करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारे शरीर का पूरा भार कमर पर होता है। यह भार जब असंतुलित ढंग से मसल्स, कार्टिलेज, बोन्स या स्पाइनल कार्ड पर पड़ता है तो दर्द की शुरुआत होती है।

क्या हैं कारण 
बैक पेन के कई कारण हो सकते हैं। वजन का बढ़ना कुछ सबसे सामान्य कारणों में से एक है। इसके अलावा ऑर्थराइटिस व प्रोलेप्स डिस्क (स्लिप डिस्क), उठने-बैठने और सोने का गलत ढंग, कमर की मांसपेशियों में अत्यधिक खिंचाव और स्पॉन्डीलाइटिस कुछ अन्य कारण हैं, जो बैक पेन का कारण बनते हैं। एक ही स्थिति में लगातार खड़े रहना भी पीठ में दर्द पैदा करता है। स्त्रियों में अनियमित मासिक धर्म की वजह से भी बैक पेन होता है या फिर गर्भवती होने के दौरान ऐसा होना आम है। नौकरी या पढ़ाई से जुड़ा मानसिक तनाव या अवसाद भी बैक पेन के लिए जिम्मेदार है। 

लक्षणों पर करें गौर
-किसी नर्व के दब जाने से पैरों में अकड़न।
-जलन, सुन्नपन, झुनझुनी होना।
-कमर के पिछले हिस्से में सामान्य दर्द की शुरुआत।
-दर्द का फैलाव पैर की अंगुलियों तक होना। 
-ज्यादा से ज्यादा आराम करने पर ही आराम महसूस होना। 

ये होते हैं ज़्यादा प्रभावित 
बैकपेन लोगों को विभिन्न कारणों से और अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। ऐसे लोग जिनका वजन लगातार बढ़ रहा हो, वे इसके लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। कंप्यूटर पर लगातार काम करने वाले लोग, गलत ढंग से कसरत करना दर्द की शुरूआत करता या उसे बढ़ाता है। जिन्हें लगातार एसिडिटी की शिकायत हो या गरिष्ठ भोजन करने वाले भी इसके लिए वल्नरेबल होते हैं। ज्यादा कोमल गद्दों पर सोना भी दर्द दे सकता है। 

रोकथाम के उपाय
-वजन पर नियंत्रण रखना जरूरी क्योंकि वजन बढ़ने के साथ कमर दर्द की शिकायत भी बढ़ती है।
-एक्सपर्ट की देखरेख में नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार लें।
-खड़े रहते समय दोनों पैरों पर समान वजन डालें, पीठ और पांव सीधे रखें।
-लंबे समय तक बैठते वक्त यदि संभव हो तो फुट स्टूल का इस्तेमाल करें।
-फ्लैट फुटवेयर का इस्तेमाल करें। 
- लंबे समय तक बैठे-बैठे काम करना हो तो बीच-बीच में ब्रेक लें।

उपचार 
दो या दो से अधिक दिनों तक बैक पेन बना रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है। दर्दनिवारक दवाइयां राहत तो पहुंचा सकती हैं लेकिन दर्द को जड़ से खत्म नहीं करतीं और इसके साइड-इफैक्ट्‌स भी हैं। फिजियोथैरेपी में दर्द कम करने के लिए गर्म पानी या बर्फ से विशेष सिंकाई की जाती है। इसके तहत अत्याधुनिक मशीनों जैसे लेजर अल्ट्रावॉयलेट आदि भी कमर दर्द में बहुत राहत पहुंचाती है। ट्रैक्शन (कैल्कुलेट खिंचाव) के द्वारा वर्टिब्राओं के बीच के गैप को सामान्य रखने की कोशिश की जाती है। कसरत के जरिए बीमार की रीढ़ की हड्डियों से लगी मांसपेशियों को मजबूती दी जाती है।

क्या करें 
कमर दर्द का सबसे बड़ा कारण पोश्चर का सही नहीं होना है इसलिए इसमें सुधार जरूरी है। जैसे, शरीर के वजन को पंजे के मुकाबले एड़ियों पर ज्यादा डालें। एकदम मुडें या झुकें नहीं। ड्राइविंग करते वक्त कार की सीट को सही तरीके से एडजस्ट करें। दोपहियां वाहन चलाते समय लंबर बेल्ट का इस्तेमाल करें। सोते समय जांघों और घुटनों को थोड़ा सा मोड़ लें। बिस्तर छोड़ते समय एकाएक न उठकर पहले करवट लें और फिर उठें।

क्या न करें 
-औंधे मुंह न सोएं।
-न अचानक उठें, न एकदम से बैठें।
-बॉश बेसिन का उपयोग झुककर न करें।
-भारी सामान को धकलने की कोशिश न करें।
-दो हफ्तों से ज्यादा बेड रेस्ट न करें। अधिक बेड रेस्ट करने से दूसरी बीमारियां पैदा हो सकती हैं(रायपुर के फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. गीतेश अमरोहित का यह आलेख नई दुनिया के सेहत परिशिष्ट,मार्च द्वितीयांक,2013 में प्रकाशित है)।

12 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक जानकारी भरी पोस्ट . आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें नरेन्द्र से नारीन्द्र तक .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

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  2. बहुत अच्छी जानकारी....
    आजकल ये समस्या आम है....
    बड़ी उम्र के ही नहीं बल्कि युवा वर्ग में भी ये समस्या आम है.

    आभार
    अनु

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  3. बहुत अच्छी जानकारी....
    महोदय हप्ते में एक दिन ब्लोगिंग के निकाल लिया करें !!!
    नववर्ष और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाए,,,,
    recent post : भूल जाते है लोग,

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  4. बैक पैन को झेल चुके हैं ...........:) पर आदतें सुधरने का नाम नहीं लेती.


    नव वर्ष विक्रमी सम्वत 2070 की हार्दिक शुभकामनायें.

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  5. बहुत उपयोगी जानकारी !
    जो इसकी गिरफ़्त में आ चुके हैं...उनका इससे छुटकारा होना बहुत मुश्किल है... :(
    ~सादर!!!

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  6. आजकल तो यह आम समस्या है , अच्छी जानकारी

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  7. उपयोगी हमारे लिए विशेसकर |

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  8. बड़ी मुश्किल है बाबा....जानने हैं फिर भी सुधरने का नाम नहीं लेते...व्यायाम पर इतने रिसर्च आते हैं कि समझ नहीं आता कैसे करें...प्रशिक्षित लोगो के पास जाओ तो तीन चार हजार झाड़ने के बाद ही कुछ बताते हैं...हैं न मुश्किल ..तो बेहतर है कि हफ्ते में चार दिन सस्ता व्यायाम करें...यानि चार-पांच किलोमीटर समान्य गति से थोड़ा तेज गति में सैर कर लें....

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