बुधवार, 6 मार्च 2013

किस ख़ुशबू में क्या

खुशबू में सूदिंग और रिलैक्सिंग प्रॉप्रटीज तो हैं ही, साथ ही चिकित्सकीय गुण भी हैं। विशेषकर पौधों का सत्व, जिसे एसेंशियल ऑइल भी कहा जाता है, ऐसे गुणों से भरपूर है। तो आइए खुशबूओं में नहाकर स्वास्थ्य-लाभ लें। एसेंशियल ऑइल बैक्टीरियल, फंगल और वाइरल संक्रमण दूर करने में काफी मदद करते हैं। वहीं सौंदर्य चिकित्सा में इनका कोई सानी नहीं। १९३७ में तकनीकी रूप से आए इस ऑइल का कंसेप्ट वैसे तो प्राचीनकाल से सुना जा रहा है। इन अतिसांद्र ऑइल के इस्तेमाल का विज्ञान एरोमाथैरेपी कहलाता है और खासा लोकप्रिय भी हो चुका है। 

इस तरह करें उपचार 
बालों की कंडीशनिंग के लिए 
१ टीस्पून जोजोबा ऑइल और एक से तीन बूंदें रोजमैरी ऑइल की लेकर बालों पर लगाएं, तीस मिनट इसे रखें और फिर धो लें। 

दाग-धब्बों के लिए 
३ बूंदें लेवेंडर ऑइल की लेकर इसमें ३ टीस्पून वीटजर्म ऑइल मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। 

मुहांसे दूर करने के लिए 
३ बूंदें बर्गामॉट में २ बूंदें कैमोमिल, १ विटामिन ई कैप्सूल और ६ टीस्पून सनफ्लावर ऑइल मिलाकर लगाएं। 

ब्लैकहैड्‌स दूर करने के लिए 
२ बूंद लैवेंडर में २ बूंद जेरानिअम, १ बूंद नींबू, ६ टीस्पून सनफ्लावर ऑइल और १ विटामिन ई कैप्सूल मिलाकर प्रभावित भाग पर लगाएं। 

ऐसे हो इनका उपयोग 
- स्नान के समय पानी में अपने शरीर को सूट करने वाले एसेंशियल ऑइल की कुछ बूंदें मिलाएं। 
- मालिश इनके इस्तेमाल का सबसे प्रचलित तरीका है। किसी लोशन के साथ मिलाकर इससे मालिश मानसिक-शारीरिक दोनों तरह से रिलैक्स करती है। 
- इनहेलेशन में ऑइल की पांच बूंदें गर्म पानी में डालकर तौलिए का इस्तेमाल करते हुए भाप लेते हैं। 
- कंप्रेसिंग में गुनगुने पानी में तेल की कुछ बूंदें डालकर एक कपड़ा भिगोएं और प्रभावित स्थान पर इसे रखें। कई तरह के दर्द में लाभकारी, खासकर मसल क्रैम्प्स में। 

सेफ्टी टिप 
अरोमा ऑइल पौधों का सत्व होते हैं, जबकि दूसरे सुगंध द्रव्य रासायनिक प्रक्रिया से बनते हैं। एसेंशियल ऑइल लगाने से पहले इनकी सांद्रता कम कर लेनी चाहिए। एक निश्चित मात्रा में ही उपयोग करें, वरना सिरदर्द और बेचैनी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गलती से ये ऑइल मुंह के भीतर चले जाएं तो पानी से कुल्ला करें। ढेर सारा पानी पिएं और आराम न होने पर चिकित्सक की सलाह लें। अगर आप प्रेगनेंट हैं, गंभीर अस्थमा है या किसी किस्म की एलर्जी है। कीमोथैरेपी चल रही हो तो भी अरोमा थैरेपी न लें।

बढ़ रहा है क्रेज़ 
अल्टरनेटिव थैरेपी को लेकर लोगों में खासा आकर्षण भी है और दिनों दिन इसे आजमाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। भारतीयों के अलावा बड़ी संख्या में विदेशी भी इसके मुरीद बन रहे हैं। चाहे साधारण सिरदर्द हो या कैंसर जैसी बीमारी, अल्टरनेटिव थैरेपीज़ में सबके लिए इलाज के दावे किए जाते हैं। इस मामले में यह साल भी खबरों से भरा रहा। वेट लॉस करवाने से लेकर अस्थमा, डिप्रेशन, स्वाइन फ्लू आदि जैसी हर चीज़ के लिए कोई उपाय होने का दावा अल्टनेट थैरेपी में किया जाता है। 

कॉमन ऑइल और उनके गुण 
कैमोमिल- कारगर एंटीडिप्रेजेंट, अवसाद कम करता है। मुंहासे जड़ से खत्म करता है। 

यूकेलिप्टस- श्वाससंबंधी बीमारियों में असरदार। अपनी कूलिंग प्रॉप्रटीज के कारण माइग्रेन, बुखार और मांसपेशियों का दर्द दूर करता है। 

लैवेंडर- फ्लू, कोल्ड में भी कारगर। घाव और जले हुए स्थान पर एंटीसेप्टिक का काम। 

सीडरवुड- युरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण को दूर करने में प्रभावशाली। 

टी-ट्री ऑइल- मुंहासों के लिए सबसे अच्छा इलाज। 

रोजमैरी- बालों की संपूर्ण देखभाल जैसे डैंड्रफ और बालों का झड़ना रोकता है। 

पेपरमिंट- मैंथॉल सिरदर्द और मांसपेशियों का दर्द घटाता है लेकिन सोने से पहले इसका उपयोग टालें।

जोजोबा ऑइल- बहुत ही शानदार मॉइश्चराइजर है और झुर्रियां कम करता है। बेस ऑइल बतौर भी इस्तेमाल होता है। 

सैंडलवुड- हर तरह की त्वचा के लिए फायदेमंद है। सूखी खांसी और गले के विकार दूर करने में इस्तेमाल होता है। 

जिंजर- कोल्ड और फ्लू में असरदार। 

नेरोली- अनिद्रा और सिरदर्द का इलाज होता है। 

जेरानिअम- त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत। 

गेहूं के अंकुर का तेल- विटामिन ई से भरपूर होने के कारण सन-बर्न में फायदेमंद। स्ट्रेच मार्क्स दूर करने में भी सहायक। 

आपकी त्वचा के लिए 
वातज स्किन (ड्राय और रफ) रोज-ऑइल इस तरह की त्वचा के लिए सर्वश्रेष्ठ है। 

पित्तज स्किन (अतिसंवेदनशील व नाजुक) सैंडलवुड सबसे अच्छा है। 

कफज स्किन (दाग-धब्बेदार व तैलीय) बर्गामॉट तेल इस त्वचा के लिए लाभकारी(डॉ. माधवी वटी जगत,सेहत,नई दुनिया,मार्च प्रथमांक 2013)।

10 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन जानकारी आभार ॥

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  2. मुझे तो ये सब एक फैशन ट्रेण्ड की तरह प्रतीत होता है. कभी यूनानी की बहार, कभी होमियो की, कभी नेचुरो की..

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  3. अच्छी रही जानकारी आभार !

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  4. हाय खूबसूरत दिखने का मन बहुत करता है राधारमणजी ..पर अक्सर चूक हो जाती है। बंदर से लंगूर तो बन जाते हैं .तो कभी आधे तीतर आधे बटेर वाली हालत हो जाती है। एक बार कोशिश की थी पर इतनी मेहनत करने में नानी याद आ गई..तब से कुछ नहीं करते। लानत भी भेजते हैं लोग कानपुर वाया नागपुर की तरह ..पर क्या करें।

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  5. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !

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