गर्म और उमस भरे मौसम की सबसे बड़ी समस्या पसीने की होती है। पैरों का एरिया ऐसा होता जहां कीटाणु पनपते हैं और बदबू का कारण बनते हैं। हानिकारक चीजें जो पसीने में छिपी होती हैं, को प्रतिदिन धोने से पसीने की बदबू दूर होती है और स्वच्छ-तरोताजा महसूस करते हैं। नहाने के दौरान पैरों पर खास ध्यान दें। पैरों को अच्छी तरह धोने के बाद अच्छी तरह पोंछ लें और फिर इन पर टेल्कम पाउडर छिड़कें । अगर आप बंद जूते पहनती हैं तो जूतों के अंदर भी टेल्कम पाउडर छिड़क सकती हैं। हालांकि गर्मियों में स्लीपर और ओपन सेंडल ही बेस्ट होते हैं क्योंकि इनसे पैरों को हवा मिलती रहती है और पसीना भी सूख जाता है । लेकिन खुले फुटवियर डस्ट को आकषिर्त करते हैं, जिससे पैरों का हाइजिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है। गर्मी और उमस भरे मौसम में पैरों की आम समस्या आसानी से शुरू हो जाती है जिसे ‘एथलीट्स फुट’ कहते हैं क्योंकि यह सूखी त्वचा पर होती है। अगर इन्हें नजरअंदाज किया गया तो यह खुजली के साथ बड़ी समस्या बन सकता है। एथलीट्स फुट की शुरुआत फंगल इंफेक्शन के साथ होती है। इसलिए अगर पैरों में सूखापन नजर आए, खासकर पंजों के बीच खुजली के साथ तो आपको बिना देर किये डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
इस समस्या से निबटने के लिए शुरुआती दौर में एंटी फंगल प्रिपरेशन फायदेमंद साबित होता है। हालांकि पसीने का कारण अत्यधिक मॉइश्चर, कसे जूते और उमस भरा मौसम बैक्टिरियल एक्टिविटी का कारण होता है और यह स्थिति को और ज्यादा खराब कर देता है। इसलिए मोजों को अवाइड करते हुए खुले जूते पहनें, टेल्कम पाउडर का प्रयोग करें और पैरों को जहां तक संभव हो पैरों को सूखा रखें। साप्ताहिक पैडिक्योर भी पैरों और नाखूनों को साफ रखने में सहायता करता है और फंगल इंफेक्शन से बचाता है, खासतौर से गर्म और उमस भरे मौसम में।
होम पेडिक्योर
-पॉलिश को रिमूव करने के बाद पैरों को एक चौथाई गुनगुने पानी से भरी बाल्टी में डुबोयें। इसमें आधा कप दरदरा नमक और 10 बूंदें नींबू या ऑरेंस एसेंशियल ऑयल (अगर आपके पास एसेंशियल ऑयल नहीं है तो आधा कप नींबू या ऑरेंज जूस का प्रयोग कर सकती हैं) मिलाएं।
-अगर आपके पैरों की प्रवृत्ति अत्यधिक पसीने वाली है तो कुछ बूंदे टी ट्री ऑयल का प्रयोग करें क्योंकि इसमें जर्मिशियल प्रॉपर्टी पाई जाती है। यह दुर्गध से बचाती है। पैरों को 10 से 15 मिनट तक डुबो कर रखें। नाखूनों को ब्रश की सहायता से साफ करें। यह बहुत ज्यादा हार्ड नहीं होना चाहिए।
-पैरों के किनारों और तालुओं पर प्यूमिक स्टोन का प्रयोग करें। आप चाहें तो पूरे पैरों पर रफ टॉवल या लूफा से स्क्रब कर सकती हैं। स्क्रबिंग से र्जम्स रिमूव होते हैं। जब यह हो जाए तो पैरों को साफ पानी से धो लें। फिर टॉवल की सहायता से अच्छी तरह पोंछ लें।
-अगर आपके नाखूनों के कटिंग की आवश्यकता है तो नेल क्लिपर का प्रयोग करें। अंगूठे के नाखून को स्क्वायरली काटे। इन्हें स्मूद करने के लिए इमरी बोर्ड का प्रयोग करें। बढ़ते नाखूनों को बचाने के लिए गोलाई में काटने से बचे। नाखूनों के क्यूटिकल्स न काटें। इनमें क्रीम लगाएं और कॉटन बड की सहायता से पीछे की ओर धकेल दें।
-पैरों और नाखूनों पर क्रीम लगाएं और त्वचा पर मसाज करें, यह क्यूटिकल्स पर भी काम करेगा। नाखूनों को साफ करने के लिए शार्प इंस्ट्रूमेंट्स का प्रयोग न करें। हील्स पर खास ध्यान दें, अगर आवश्यकता हो तो यहां ज्यादा क्रीम लगाएं।
-मसाज के लिए नाखून से एड़ी तक अपर्वड स्ट्रोक का प्रयोग करें। फिर गीले तौलिये से पैरों को पोंछ लें और पैरों पर टेल्कम पाउडर लगाएं।
-अगर आप पॉलिश लगाना चाहती हैं तो अंगुलियों के बीच में कॉटन वूल लगाएं। नाखून के बेस से नाखून के टिप्स तक नेल वार्निश के लंबे स्ट्रोक्स लगाएं। जब पहला कोट सूख जाए, तब कलर का दूसरा कोट लगाएं।
घरेलू उपाय :
फुट लोशन : तीन टेबलस्पून ऑफ रोज वाटर, दो टेबलस्पून नींबू का रस और एक टीस्पून शुद्ध ग्लिसरीन को अच्छी तरह मिलाएं। इसे पैरों पर लगाएं और आधे घंटे के लिए छोड़ दें।
कूलिंग फुट बाथ : गुलाब जल, नींबू का रस और यू डी कोलोन के छींटें ठंडे पानी में डालें और पैरों को इसमें डुबोयों। यह पैरों को साफ, ठंडा और बदबू से दूर करेगा।
कूलिंग मसाज ऑयल : 100 एमएल ऑलिव ऑयल और दो ड्रॉप्स यूकोलिप्टस ऑयल, दो ड्रॉप्स रोजमेरी ऑयल और तीन ड्रॉप्स खस या रोस ऑयल लें। इन्हें एक साथ मिलाएं और एयर टाइट ग्लास जार में रखें। इसका थोड़ा भाग फुट मसाज के लिए प्रयोग करें। यह त्वचा को ठंडा और उसकी रक्षा करता है(आधी दुनिया,राष्ट्रीय सहारा,16.8.12)।
अच्छी जानकारी देता सार्थक आलेख ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंआभार ....
राधारमण जी नमस्कार...
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग 'स्वास्थ्य सबके लिए' से लेख भास्कर भूमि में प्रकाशित किए जा रहे है। आज 25 अगस्त को 'मानसून में पैरों को चाहिए खास ख्याल' शीर्षक के लेख को प्रकाशित किया गया है। इसे पढऩे के लिए bhaskarbhumi.com में जाकर ई पेपर में पेज नं. 8 ब्लॉगरी में देख सकते है।
धन्यवाद
फीचर प्रभारी
नीति श्रीवास्तव