फूड चाहे पका हुआ हो या कच्चा , ढंग से प्रिजर्व न किया जाए तो अपनी शेल्फ लाइफ से पहले ही खराब हो जाता है। अगर आप भी परेशान रहते हैं कि अच्छी दुकान से बेहतर क्वॉलिटी का सामान खरीदने पर भी वह जल्द खराब हो जाता है तो सामान को अच्छी तरह रखने की ट्रिक्स जान लें। फूड को ढंग से प्रिजर्व करने और उनकी लाइफ बढ़ाने के सही तरीकों के बारे में एक्सर्पट्स से बात करके नभाटा के 29 जुलाई,2012 के अंक में पूरी जानकारी दी गुंजन शर्मा ने:
रश्मि अरोड़ा कुछ महीनों के राशन की खरीदारी एक साथ करती हैं। उनका तर्क है कि एक साथ चीजें खरीदने से दाम सही पड़ते हैं और बार - बार मार्केट जाने से झंझट से भी बच सकते हैं। लेकिन परेशानी यह है कि अक्सर उनमें से बहुत - सी चीजें अपनी शेल्फ लाइफ से पहले ही खराब हो जाती हैं और फेंकनी पड़ती हैं। इससे रश्मि को बचत की जगह चपत लग जाती है। अगर खाने की चीजों को ढंग से संभाल कर रखें तो आप ऐसी स्थिति से बच सकती हैं और खाने की शेल्फ लाइफ को बढ़ा सकती हैं। चीजों की पैकिंग डेट और एक्सपायरी डेट के बीच की अवधि को शेल्फ लाइफ कहते हैं , यानी जिस दौरान चीजें सही बनी रहती हैं।
बिना पका सामान
( रॉ फूड ) चावल , दालें , छोले , राजमा , चने
किस कंटेनर में रखें : एयरटाइट डिब्बे में
सबसे बेहतर : कांच और प्लास्टिक का जार
सबसे बेकार : प्लास्टिक शीट वाले पैकेट
लाइफ कितनी : एयरटाइट डिब्बे में अधिकतम 6 महीने तक
ऐसे बढ़ाएं शेल्फ लाइफ
- दालें , राजमा आदि को स्टोर करने से पहले डिब्बे या जार को अच्छी तरह सुखा लें। अगर उसमें नमी होगी तो स्टोर किया गया सामान जल्दी खराब होगा।
- दालें आदि भरने के बाद डिब्बों को किसी गर्म जगह यानी उस जगह पर न रखें , जहां से वे सीधे गर्मी के संपर्क में आएं। गैस चूल्हे के एकदम ऊपर या साइड में बने सेल्फ में न रखें।
- ऊपर लिखी चीजों को स्टोर करते वक्त डिब्बों में तेज पत्ता या लौंग डाल सकते हैं। एक किलो में 5 तेज पत्ता , 10 से 12 नीम के पत्ते या 8 से 10 लौंग डाल सकते हैं। इन्हें डिब्बे की सबसे ऊपरी और सबसे निचली लेयर में रखें। ऐसा करने से राजमा , चना , दालें आदि खराब नहीं होंगे और ज्यादा दिनों तक स्टोर करके रखे जा सकेंगे।
गेहूं
किस कंटेनर में रखें : मेटल के किसी बड़े बर्तन में या मिट्टी के कंटेनर में।
सबसे बेहतर : स्टेनलेस स्टील के कंटेनर , ऐल्युमिनियम के कंटेनर भी अच्छे।
सबसे बेकार : कांच और किसी दूसरी धातु जैसे पीतल आदि से बने कंटेनर।
लाइफ कितनी : सही तरह से स्टोर करने पर एक साल तक।
कैसे बढ़ाएं लाइफ
- गेहूं भरने से पहले कंटेनर को अच्छी तरह धोकर धूप लगाएं।
- ड्राई और कूल जगह पर स्टोर करें ताकि गेहूं में नमी न आए।
- घर में ज्यादा मात्रा में गेहूं स्टोर नहीं किया जाता इसलिए स्टोर करते समय उसमें किसी तरह की दवाई डालने की बजाय तेज पत्ता , या नीम के सूखे पत्ते डालें। एक कट्टे में 40 से 50 तेज पत्ते , 30 से 35 नीम के पत्तों वाली छोटी डंडियां डाल सकते हैं।
- कट्टे को दीवार से सटाकर न रखें क्योंकि बरसात के दिनों में दीवारों में नमी आ जाती है।
आटा
किस कंटेनर में रखें : स्टेनलेस स्टील और ऐल्युमिनियम के कंटेनर में।
सबसे बेहतर : स्टेनलेस स्टील।
सबसे बेकार : प्लास्टिक का डिब्बा।
लाइफ कितनी : 5 से 6 महीने।
- कंटेनर में आटा भरने से पहले उसे अच्छी तरह सुखाएं। थोड़ी - सी भी नमी होने पर उसमें छोटे - छोटे कीड़े पैदा हो जाते हैं। इससे बचने के लिए आटा भरने से पहले कंटेनर की पेंदी में तेज पत्ता , दाल चीनी या नीम के सूखे पत्ते रखें। फिर आटा भरने के बाद ढक्कन लगाने से पहले आटे की ऊपरी लेयर में उन्हें रखें।
मैदा और बेसन
किस कंटेनर में रखें : स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक के एयरटाइट डिब्बे में।
सबसे बेहतर : प्लास्टिक।
सबसे बेकार : टिन के डिब्बे और बेकार क्वॉलिटी के प्लास्टिक के डिब्बे।
लाइफ कितनी : 3 से 4 महीने।
कैसे बढ़ा सकते हैं लाइफ
अगर इनका रेग्युलर यूज नहीं करते हैं तो इन्हें ज्यादा मात्रा में स्टोर करके न रखें। भरने से पहले डिब्बे को अच्छी तरह सुखा लें। स्टोर करते समय तेज पत्ता और दालचीनी भी डाल सकते हैं।
मसाले
किस कंटेनर में रखें : कांच और प्लास्टिक के डिब्बे।
सबसे बेहतर : प्लास्टिक के एयरटाइट डिब्बे।
लाइफ कितनी : सही से स्टोर करने पर एक साल तक चल जाते हैं। हालांकि एक साल के बीच में ही हल्दी और लाल मिर्च जैसे मसालों के स्वाद और रंग में थोड़ी कमी आ सकती है लेकिन वे खराब नहीं होते। बेस्ट स्वाद 6 महीने तक रहता है।
कैसे बढ़ा सकते हैं लाइफ
- मसालों को ज्यादा मात्रा में खरीदकर स्टोर न करें।
- खुले में न रखें और स्टोर करने से पहले डिब्बों को सुखा लें।
- उन्हें गर्मी से बचाकर रखें। फ्रिज , गैस के पास न रखें।
- खाना बनाते समय मसालों को सीधे डिब्बे से न डालें। चम्मच से डालें। इससे मसालों में भाप और गर्मी नहीं लगेगी और वे जल्दी खराब नहीं होंगे।
ड्राई फ्रूटस
किस कंटेनर में रखें : प्लास्टिक और कांच के डिब्बे। प्लास्टिक के जिप लॉक पाउच में भी सही।
सबसे बेहतर : कांच के कंटेनर , प्लास्टिक के एयरटाइट डिब्बे भी कारगर।
सबसे बेकार : टिन के डिब्बे और बेकार क्वॉलिटी के प्लास्टिक के डिब्बे।
लाइफ कितनी : 6 महीने तक। उसके बाद इनके टेस्ट में थोड़ा फर्क ( कड़वापन ) आने लगता है।
- ड्राई फ्रूटस में फैट होता है। सही से स्टोर न करने पर वे जल्दी खराब हो सकते हैं। गर्मी की वजह से इनमें कीड़े भी पड़ सकते हैं।
- छह महीने तक तो कांच के कंटेनर , प्लास्टिक के डिब्बे में रख रहे हैं। उसके बाद इन्हें रूम टेंपरेचर पर रखने से उनमें नमी के कारण कड़वापन आ सकता है।
- ज्यादा समय के लिए रखने हैं तो प्लास्टिक के एयर टाइट जिपलॉक पैकिट में डालकर फ्रिज में रखें। फ्रिजर में न रखें। छिलके वाले बादाम फ्रिज में रखने पर एक साल तक और बिना छिलके के बादाम , काजू , अखरोट आदि 3 महीने तक बेस्ट रहते हैं।
पका हुआ खाना ( कुक्ड फूड )
मिठाइयां
बेसन से बनी मिठाइयां
किस कंटेनर में रखें : कांच और स्टील के कंटेनर में।
सबसे बेहतर : कांच और स्टील बेस्ट।
सबसे बेकार : ऐल्युमिनियम , टिन और प्लास्टिक।
लाइफ कितनी : फ्रिज में रखने पर बेसन की सूखी मिठाइयां एक महीना , गीली मिठाई एक हफ्ते तक।
- एयरटाइट डिब्बे में डालकर फ्रिज में स्टोर करें।
- मिठाई गत्ते के डिब्बे में आई हो तो उसे निकालकर एयरटाइट डिब्बे में रखें। गत्ते के डिब्बे में ज्यादा देर तक रखने से उसमें महक आ सकती है।
दूध और खोये की मिठाइयां
सबसे बेहतर : कांच और स्टील के डिब्बे।
सबसे बेकार : एल्युमिनियम , टिन और प्लास्टिक।
लाइफ कितनी : जो मिठाइयां खोए में दूध मिलाकर बनाई गई हों , तो 1 हफ्ता और शुद्ध खोए से बनी 3 हफ्ते तक।
- एयरटाइट डिब्बे में डालकर फ्रिज में स्टोर करें। 20 दिन तक मिठाई ठीक रहेगी।
- मिठाई गत्ते के डिब्बे से निकालकर किसी एयरटाइट डिब्बे में रखें।
अचार
किस कंटेनर में रखें : सिरामिक ( चीनी मिट्टी के मर्तबान ) और कांच।
सबसे बेहतर : सिरामिक।
सबसे बेकार : प्लास्टिक।
लाइफ कितनी : लगभग सभी तरीकों के आचारों की लाइफ काफी ज्यादा होती है , सही से प्रिजर्व करने पर दो से तीन साल तक।
आचार में तेल , नमक और चीनी होती है , जोकि प्रिजर्वेटिव का काम करते हैं। इसलिए इनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उनमें अलग से कुछ डालने की जरूरत नहीं होती। फिर भी आचार जल्दी खराब न हो , इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें :
- आचार को सफाई से बनाएं।
- सभी मसाले सही मात्रा में डालें। जैसे नमक कम होगा तो भी अचार जल्दी खराब होगा।
- जिस बड़े मर्तबान में कई किलो आचार रखा हो उसमें सीधे हाथ न डालें। रोजाना के इस्तेमाल के लिए बड़े मर्तबान में से छोटे डिब्बे में आचार निकालकर रखें।
- आचार को आटे से बचाकर रखें। आटे से आचार में फफूंद लग जाता है।
- बरसाती मौसम में अचार को नमी से बचाकर रखें।
- आचार को टाइट जार में बंद करके रखें।
- डिब्बे को दीवार से दूर रखें। बरसाती दिनों में दीवारों में नमी आ जाती है।
- बार - बार डिब्बे को न खोलें और डिब्बे को ज्यादा देर तक खुला न रखें।
- डिब्बे में गीला चम्मच न डालें।
- आचार निकालने के लिए हमेशा साफ चम्मच का यूज करें , पहले से इस्तेमाल हुए चम्मच का नहीं।
दूध
किस कंटेनर में रखें : स्टेनलेस स्टील।
सबसे बेहतर : स्टील।
लाइफ कितनी : गर्मियों में पैकेटबंद कच्चा दूध फ्रिज की चिलर ट्रे में दो दिन तक रख सकते हैं। पैक्ड दूध उबालने के बाद फ्रिज में 5 दिनों तक और गाय व भैंस का दूध 3 से 4 दिन तक फ्रिज में रख सकते हैं। सर्दियों में तापमान पहले से ही कम होता है तो सभी तरह का दूध काफी दिन तक चल जाता है। पैकेट बंद दूध फ्रिज के चिलर टे में 1 हफ्ते तक बिना गर्म किए और गाय और भैंस के दूध को उबालने के बाद 3 से 4 दिन तक फ्रिज में रख सकते हैं।
मदर डेयरी : दूध को बार - बार न उबालें। इससे उसमें मौजूद प्रोटीन कम हो जाते हैं। सर्दी और गर्मी , दोनों में ही दूध को पूरे दिन में सिर्फ एक बार उबालें और ठंडा होने पर उसे फ्रिज में रखें।
भैंस और गाय का दूधः भैंस या गाय का दूध हैं तो पहले उसे छानें , फिर अच्छी तरह उबालें , क्योंकि यह दूध पॉश्चराइज्ड नहीं होता। ऐसे में इनमें बैक्टीरिया होने का डर रहता है। कभी - कभी दूध में गाय - भैंस के बाल या भूसे के तिनके भी आ जाते हैं , जो नुकसानदेह हो सकते हैं। गाय और भैंस के दूध को सुबह लाने के बाद जल्दी उबाल लें। गर्मियों में 1 घंटे से ज्यादा और सर्दियों में 1 से डेढ़ घंटे से ज्यादा उसे बिना उबाले न रखें।
- फ्रिज में हर तरह के दूध को ढककर रखें क्योंकि बाकी चीजों की गंध से मिलकर दूध खराब हो सकता है। गर्मियों में इस बात का खास ध्यान रखें।
रसीले फल
गर्मियों में मौसमी , संतरे जैसे रसीले फलों के अलावा नीबू का इस्तेमाल ज्यादा होता है। गर्मियों में ऐसे फ्रूट्स का रस जल्दी सूख जाता है। इन्हें फ्रिज में रखें और अगर फ्रिज में जगह नहीं है तो नेट की जाली या छेद वाली टोकरी में रखें।
केला
- केलों को इस तरह रखें कि उनमें हवा लगती रहे। वरना वे काले होने के साथ ही गल भी जाएंगे।
- छेद वाले बर्तन में रखें।
- फ्रिज में न रखें , वरना काले हो जाएंगे।
- ऊपर बताए तरीके से स्टोर करने पर गर्मियों में 2 दिन और सर्दियों में 3 दिन तक बढि़या रहते हैं।
सेब
- फ्रिज में रखें। फ्रिज में 1 हफ्ते और बाहर 3 से 4 दिन तक ठीक रहते हैं।
अनार
- फ्रिज में रखें। फ्रिज में 15 से 20 दिन और बाहर 1 हफ्ते तक बेस्ट रहते हैं।
जामुन
- एक के ऊपर एक दबाकर किसी छोटे बर्तन में न रखें।
- छेद वाले खुले बर्तन में फैलाकर रखें , जिससे उनमें हवा लगती रहे।
- नमक डालकर न रखें। इससे जामुन गल जाते हैं।
- इस तरह रखने पर 2 से 3 दिन तक फ्रिज में और 1 दिन बाहर अच्छे रहते हैं। इससे ज्यादा दिन रखने पर गलने लगते हैं।
फालसे
- छेद वाले खुले बर्तन में फैलाकर रखें जिससे उनमें हवा लगती रहे।
- इनमें नमक डालकर न रखें। इससे वे गल जाते हैं।
- इस तरह रखने पर 2 दिन तक फ्रिज में और 1 दिन बाहर बढि़या रहते हैं। इससे ज्यादा दिन रखने पर गलने लगते हैं।
क्या है फूड प्रिजर्वेशन
फूड प्रिजर्वेशन खाने को खराब होने से बचाने और उसकी लाइफ बढ़ाने के लिए किया जाता है। ऐसा करके हम कच्चे और पके , दोनों तरह के खाने को उसमें मौजूद पोषक तत्वों को बरकरार रखते हुए लंबे समय तक यूज कर सकते हैं।
क्या है फ्रोजन फूड
फ्रोजन फूड की कैटिगरी में ऐसा खाना आता है , जिसे उस समय के लिए संरक्षित करके रखा जाता है , जब वे प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नहीं होते। इन्हें भविष्य में संरक्षित करके रखने के लिए प्रिजर्वेटिव्स का यूज किया जाता है। हर मौसम में किसी भी तरह के खाने का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो फ्रोजन फूड अच्छा ऑप्शन है। फ्रोजन फूड इस्तेमाल करने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
- फ्रोजन सब्जियों के लिए फ्रिज का हमेशा चलते रहना जरूरी है।
- अगर आपका फ्रिज बिजली चले जाने से रोजाना 2-3 घंटे बंद रहता है तो फ्रोजन फूड इस्तेमाल न करें।
- फ्रिज बंद रहने से फूड खराब हो जाता है , जो सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होता है।
फ्रोजन सब्जियां ( सभी तरह की )
लाइफ ( खुली या बंद ) : 10 महीने
लाइफ कैसे बढ़ाएं
- इन्हें बनाने के समय ही फ्रीजर से निकालें।
- बचीं हुईं सब्जियों को फ्रीजर बैग में डालकर ही रखें।
- प्लास्टिक बैग में रखने की बजाय चीनी के बर्तन या एयरटाइट डिब्बे में रखें।
फ्रोजन फल ( सभी तरह के )
लाइफ ( खुले या बंद ) : 6 महीने
- खाते समय जरूरत के हिसाब से ही इन्हें फ्रिज से निकालें। - बचे फलों को फ्रीजर बैग में डालकर रखें।
- एक बार बाहर रखे फलों को दोबारा फ्रीजर में न रखें। ऐसे में बैक्टीरिया पैदा होने का डर रहता है।
फ्रोजन जूस
लाइफ , पैकिट बंद : 6 महीने , पैकिट खुलने पर : 3 दिन
- फ्रोजन जूस को भी फ्रिज में रखें।
- सर्व करते समय ही फ्रिज से निकालें।
इन बातों का रखें ख्याल
- फ्रोजन फूड का सही संरक्षण भी जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर ये हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- इस्तेमाल करने से पहले इनकी पैकेजिंग चेक कर लें।
- पैकिंग सही नहीं होगी तो उसमें बैक्टीरिया पैदा होने की आशंका बनी रहती है।
- फ्रोजन फूड का रोजाना इस्तेमाल न करें। अगर कर रहे हैं तो सही पैकेजिंग वाले प्रॉडक्ट ही खरीदें।
- अगर खाने के किसी सामान में हवा और पानी जा रहे हैं तो उसमें बैक्टीरिया के पनपने की पूरी गुंजाइश रहती है। कोशिश करें कि इन्हें नॉर्मल पॉलिबैग्स में न रखें। एयरटाइट डिब्बे या फ्रीजर बैग्स में ही रखें।
- Bread.com के मुताबिक ब्रेड को स्टोर करने की सबसे अच्छी जगह फ्रीजर है। रेफ्रिजरेटर का तापमान ब्रेड को खराब होने से रोकने में कामयाब नहीं होता।
रेफ्रिजरेटर के यूज में रखें ध्यान
- फ्रिज में कभी भी खाना बहुत ठूंस कर न भरें। खाने की चीजों के बीच में इतना फासला जरूर होना चाहिए कि सारे फ्रिज में एक जैसा तापमान बना रहे।
- खाना हमेशा ढक कर रखें। खाने को खुला रखने से उसका मॉश्चर खत्म हता है और फ्रिज के अंदर मौजूद खुश्क हवा खाने को खुश्क करती है।
- खाने को ढककर रखने से खाने की दूसरी चीजों में मौजूद गंध उसमें नहीं मिल पाती। आमतौर पर तीखी गंध वाली चीजें ( पत्ता गोभी , फूलगोभी , लहसुन आदि ) दूसरे खानों की गंध पर हावी हो जाती हैं।
- खाना बनाने के दो घंटे के अंदर खाना फ्रिज में रख दें। इससे उसमें बैक्टीरिया नहीं पनपेंगे या कम पनपेंगे।
- फ्रिज में रखने से पहले फल और सब्जियों को धोएं नहीं क्योंकि पानी रहने से वे खराब हो जाएंगी।
होम टिप्स
- हरी मिर्च को फ्रिज में रखने से पहले उनकी डंडियों को तोड़ लें। इससे वह लंबे समय तक ताजी रहेंगी।
- बींस को स्टोर करने से पहले सही से धोया और सुखाया न जाए तो उसमें फंगस जल्दी लगता है , इसलिए उसे पहले अच्छे से धोकर और सुखाकर ही फ्रिज में स्टोर करें।
- फ्रिज में स्टोर करते समय फलों और सब्जियों को अलग - अलग थैलियों में रखें। फलों से एथलीन गैस निकलती है , जिसके संपर्क में आने से सब्जियों पीली हो सकती हैं।
- अगर अंडों को एक महीने से ज्यादा स्टोर करना चाहते हैं तो अंडों पर किसी ब्रश की मदद से कुकिंग ऑयल लगाएं। ऐसा करने से अंडे जल्दी खराब नहीं होंगे।
- पनीर को लंबे समय तक रखना है तो उसे एक बाउल में ताजा पानी भरकर उसमें रखें। हां , पानी को दो दिन बाद फिर से जरूर बदल लें।
- चीज को फ्रिज में रखने से पहले इसे अच्छी तरह लपेट लें। बेहतर टेस्ट और टेक्स्चर पाने के लिए इसे फ्रिज से निकालकर कर 30-45 मिनट तक कमरे के तापमान पर रखें।
- ब्रेड के पैकिट बेस्ट फूड ग्रेड पैक्स का काम करते हैं। उनका इस्तेमाल नींबू और हरी मिर्चों को स्टोर करने में कर सकते हैं , इससे वे फ्रेश रहेंगे। पैकेट में रबर बैंड लगाकर रखें।
- दूध की थैलियों को फेंके नहीं , इनमें फिश , चिकन और मीट रख सकते हैं। ये बेस्ट फूड ग्रेड पैकेट का काम करते हैं। पैकेट में रबर बैंड लगाकर रखें।
एक्सपर्ट्स पैनल
नीलांजना सिंह , न्यूट्रिशन कंसल्टेंट , पीएसआरआई हॉस्पिटल , शेख सराय संध्या पांडे , चीफ डायटिशन , कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल , गुड़गांव सीमा शर्मा , डाइटिशन , तीर्थराम शाह चैरिटेबल हॉस्पिटल
बहुत ही जानकारी ...
जवाब देंहटाएंकुछ सेकेंड में ही पढ़ लिया मैडम!
हटाएंबढ़िया जानकारी................
जवाब देंहटाएंपता होता है अकसर मगर ज़रूरत के समय ख्याल नहीं आता....
रिवीज़न हो गया पूरे गृहस्थी के कोर्से का...
आभार.
अनु
यह तो अत्यंत उपयोगी पोस्ट है... वाह!
जवाब देंहटाएंसादर आभार।
बेहद काम की जानकारी और सब ठीक है पर
जवाब देंहटाएंआटे का प्लास्टिक का डिब्बा अभी बदल दूंगी !
बहुत अच्छी जानकारी और टिप्स के लिये आभार !
oh ! यह तो बुकमार्क वाली पोस्ट है, धन्यवाद बहुत सारी जानकारियों को साझा करने के लिये ।
जवाब देंहटाएंबेहद उपयोगी जानकारी देने के लिए,,,राधारमण जी आभार,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST काव्यान्जलि ...: रक्षा का बंधन,,,,
Nice post.
जवाब देंहटाएं"क़ुरआन व हदीस की रौशनी में ज़कात के मुस्तहिक़ लोग":
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/blog-post_30.html
आज ही सब को बता दूंगी- बाद में पछताने से अच्छा है यह पोस्ट पढ़ लो !
जवाब देंहटाएंख्याल ज़रूरी है इन बातों का..... आम सी खास बातें
जवाब देंहटाएंबहुत काम की जानकारी है। धन्यवाद।
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