गर्भावस्था के नौ माह के दौरान कौन-कौन सी बातों का ध्यान आपके लिए फायदेमंद और उपयोगी हो सकता है, यह एक अहम जानकारी है। अपनी सेहत के साथ-साथ आपको अपनी त्वचा की सेहत का भी ध्यान रखना होगा।
मातृत्व खुद में कई जिम्मेदारियों को समेटे आता है। यह घर में नन्हे मेहमान के आने की खुशखबरी भर ही नहीं है, बल्कि यह आपके लिए एक सूचना भी है कि आपको अपनी त्वचा का पहले से कहीं अधिक ध्यान रखना होगा, नहीं तो आपको भी स्ट्रेच मार्क्स, काले धब्बे, बेजान त्वचा आदि से दो-चार होना होगा। इसलिए
आज हम आपको दे रहे हैं ऐसे 7 टिप्स, जिन्हें अपनाने से गर्भावस्था के दौरान आप अपनी त्वचा की सेहत के प्रति चिंतामुक्त हो जाएंगी:
खूब पानी पिएं:
यह आपके और आने वाले बच्चे, दोनों के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए कम से कम 2 लीटर पानी रोज पिएं। इससे स्ट्रेच मार्क्स और कब्ज दूर होगी और त्वचा में भी निखार आएगा।
हरी सब्जियां खाएं:
खूब सारी हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। मीट और जंक फूड से परहेज करें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाएं। एक साथ ज्यादा खाना न खाएं। इससे आपको बेचैनी नहीं होगी और कब्ज की वजह से होने वाली जलन भी कम होगी। सब्जियों का सूप अधिक पिएं, ये पचने में आसान होते हैं। भोजन में हरा सलाद जरूर शामिल करें।
व्यायाम अवश्य करें:
गर्भावस्था में व्यायाम बहुत आवश्यक होता है। इस समय में रक्तचाप को नियंत्रित करना बेहद जरूरी होता है, जिसे आप नियमित तौर पर वॉक करके काबू में रख सकती हैं। आप एक्सरसाइज बाइक को घर में रख सकती हैं। टीवी देखते हुए इस पर कुछ देर व्यायाम करेंगी तो यह बच्चे के लिए भी अच्छा रहेगा।
बॉडी स्टीम: बॉडी को स्टीम दें। इससे आप रिलैक्स महसूस करेंगी, साथ ही तनाव भी कम होगा। बेहतर है कि आप गुलाब को गर्म पानी में डालें। इससे स्टीम बॉथ लें। इससे त्वचा में चमक और उसमें कसाव आएगा।
स्ट्रेच मार्क्स पर ध्यान न दें:
जैसे-जैसे पेट का आकार बढ़ता है, उस पर स्ट्रेच लाइंस आती ही हैं। इस बात को स्वीकार करें और इन लाइंस पर अधिक ध्यान न दें। संपूर्ण आहार और विटामिन ई युक्त मॉइस्चराइजिंग लोशन या तेल लगाकर आप इन्हें कम कर सकती हैं। प्रतिदिन स्नान के बाद इस लोशन को लगाएं, क्योंकि इस समय त्वचा तेजी से नमी सोख सकती है। आप मार्क्स को कोकोआ बटर से भी दूर कर सकती हैं। ताजा कोकोआ बटर को सीधे तौर पर स्ट्रेच मार्क्स पर लगाया जा सकता है।
त्वचा का खास ख्याल रखें:
नौ महीनों के दौरान त्वचा और बालों का विशेष ख्याल रखें। एक चम्मच दही और बादाम तेल की कुछ बूंदों को मिलाएं। इसमें थोड़ा गुलाब जल डालें। इसे त्वचा पर मलें और कुछ देर सूखने के बाद धो दें। इससे त्वचा कोमल होती है। इसके अलावा 4 चम्मच क्रीम, 1-1 चम्मच बादाम तेल, खीरे का रस, शहद, गुलाब जल और नीबू का रस मिला लें। इसे छोटे से डिब्बे में रखकर फ्रिज में रख दें। इसे हर रात लगाएं और सुबह धो दें। इससे त्वचा में चमक बढ़ेगी।
सन्स्क्रीन का प्रयोग:
गर्भावस्था के दौरान त्वचा का काला पड़ना एक आम समस्या है। आपके चेहरे की रंगत फीकी पड़ सकती है, साथ ही पेट के आसपास के हिस्से में भी कालापन बढ़ने लगता है। यह मुख्य रूप से शरीर में मेलानिन पिग्मेंट के बढ़ने के कारण होता है। इस पर नियंत्रण रखने के लिए आप सन्स्क्रीन लोशन और स्क्रब लगा सकती हैं(आरती मिश्रा,हिंदुस्तान,दिल्ली,24.5.12)।
राधारमण जी,
जवाब देंहटाएंआपकी दी जानकारी गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी हैं.
वैसे तो ये जानकारी महिलाओं के लिए हैं लेकिन ये खूब पानी पीने वाली सलाह तो आजकल सभी को दी जाती हैं.मैं इसे लेकर भ्रम में हूँ क्योंकि मैंने कहीं पढा हैं कि ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर के कई पोषक तत्व खनिज लवण आदि मूत्र के साथ बाहर निकल जाते है क्या ये सही हैं?
हमें एक बार में कितना पानी पीना चाहिए और कितने कितने अंतराल में पीना चाहिए.क्या यह वजन को नियंत्रित करने में भी सहायक हैं और क्या खाना खाने के तुरंत पहले या तुरंत बाद अथवा व्यायाम के तुरंत बाद पानी पीने की आदत सही हैं?
जानता हूँ कि विषय अलग हैं पर पूछे बिना रहा नहीं गया.यदि समय हो तो कृप्या इसका जवाब दें.धन्यवाद!
जिज्ञासा के लिए आभार। मैं इस बारे में निर्णायक रूप से कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हूं। किंतु,मेरे पास ऐसे कुछ अनुसंधानपरक दस्तावेज हैं जो कहते हैं कि हमारे प्यास की सबसे बड़ी वजह है नमक का सेवन। हम जिस अनुपात में नमक का सेवन करते हैं,प्यास उसी मात्रा में लगती है। खूब पानी पीने की सलाह भी इसीलिए दी जाती है कि हमारा खान-पान तो गरिष्ठ रहता है,मगर उसकी अनुपात में हम पानी कम पीते हैं जो कई रोगों की जड़ है। निश्चय ही,खाद्य पदार्थों की तरह पानी भी शरीर द्वारा पचाया जाता है,इसलिए पानी भी तभी लिया जाना चाहिए जब उसकी आवश्यकता महसूस हो,न कि इसलिए कि इतना लीटर पानी पीया जाना चाहिए। इसलिए,पानी के अंतराल की सलाह बकवास है।
जवाब देंहटाएंपानी वजन को नियंत्रित करने में तभी सहायक है,जब उसका हमारे भोजन की मात्रा और पोषकता से कोई तारतम्य हो। घी-मक्खन के साथ चाहे जितना पानी पी लें,वजन नहीं घटेगा।
यह एक आयुर्वेदिक तथ्य है कि भोजन के कम से कम आधे घंटे पूर्व और पश्चात्,पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। भोजन के दौरान तो हरगिज नहीं।
व्यायाम के तुरंत बाद थोड़े विश्राम के जरिए शरीर को अपनी ऊर्जा ग्रहण कर लेने दें। इस दरम्यान शरीर की आंतरिक क्रियाएँ भी सामान्य हो जाती हैं। उसके बाद ही कुछ लें,तो अच्छा है।
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जवाब देंहटाएंइस जानकारी के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंमैं अक्सर स्वास्थय संबंधी जानकारियाँ नेट पर खोजता रहता हूँ.इस लिहाज से आपका ब्लॉग मुझे महत्तवपूर्ण लगा.