मंगलवार, 8 मई 2012

प्राकृतिक रसायन है लहसुन

सदियों से भारतीय जन-जीवन में लहसुन का विभिन्न रोगों में औषधिमूलक प्रयोग होता आ रहा है। लहसुन को गरीबों का "मकर ध्वज" कहा जाता है, क्योंकि इसका लगातार प्रयोग मानव जीवन को स्वास्थ्य संवर्धक स्थितियों में रखता है।

-कर्णशूल में लहसुन और अदरक बराबर की मात्रा में लेकर अच्छी तरह कूटकर रस कपड़े में छान लें। इसे कुनकुना कर कान में डालें।

-गला बैठ रहा हो तो कुनकुने पानी में लहसुन का रस मिलाकर गरारे करें।

-मितली आने पर लहसुन की कलियाँ चबा लें। लहसुन के हरे पत्तों की चटनी भी लाभकारी होती है।

-महिलाओं में दूध कम आता हो तो शुद्ध घी या ताज़े दूध के साथ लहसुन का प्रयोग करना चाहिए।

-मलेरिया के रोगी को भोजन से पहले तिल के तेल में भुना लहसुन खिलाना चाहिए।

-पुराने घाव, गाँठों या फोड़ों पर लहसुन को सिरके में पीसकर बाँधने से या तो वह पककर फूट जाएगा या ठीक हो जाएगा। कटने या हल्के घावों पर इसका रस लगाने से घाव भर जाता है (डॉ. इकबाल मोदी,सेहत,नई दुनिया,अप्रैल चतुर्थांक 2012) ।

लहसुन पर दो बेहद उपयोगी आलेख यहां और यहां हैं।

6 टिप्‍पणियां:

  1. अनेक बीमारियों का एक इलाज "लहसुन".....
    उपयोगी जानकारी देने के लिए आभार,......

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  2. इससे कॉलेस्ट्रोल भी कम होता है ।
    लेकिन व्रत के दिनों में क्यों परहेज़ करते हैं ?

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    1. मूलाधार से सहस्त्रार तक-शरीर में ऊर्जा के जो सात तल माने गए हैं,उनमें ऊपर की ओर बढ़ने में भोजन की सात्विकता भी सहायक है। लहसुन और प्याज-दो ऐसे पदार्थ हैं,जो इस ऊर्जा के ऊर्ध्वगमन में बाधक हैं। इसे व्यावहारिक अनुभव से स्पष्ट महसूस किया जा सकता है।

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    2. प्याज़ तो निश्चित ही राजसी भोजन है . तभी तो सरकार भी गिर जाती है . :)

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  3. आपकी जानकारिया आवश्यक हैं ...
    शुभकामनायें आपको !

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  4. कितना उपयोगी है लहसुन वाह .....

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