गुरुवार, 31 मई 2012

गुटका और सिगरेट हैं ओरल कैंसर की जड़

क्या आप तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला, पान, गुटखा आदि के बगैर रह नहीं सकते? क्या इस कारण आपके मुंह में तकलीफ रहने लगी है? सावधान हो जाइए, विशेषज्ञ कहते हैं कि यह ओरल यानी मुंह का कैंसर हो सकता है। धर्मशिला हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सर्जिकल ओनकोलॉजिस्ट डॉ. अंशुमन कुमार और डॉ. मुदित अग्रवाल बता रहे हैं कि ओरल कैंसर क्या है, यह कैसे होता है और इससे कैसे बच सकते हैं। 

ओरल कैंसर यानी मुख का कैंसर, कैंसर के कारणों में आठवां प्रमुख कारण है। इसमें मुंह तो प्रभावित होता ही है, होंठ और जुबान पर भी इसका असर पड़ता है। वैसे यह गाल, मुंह के तालु, मसूड़ों और मुंह के ऊपरी हिस्से में होता है। इसके लक्षण आमतौर पर पकड़ में नहीं आते। 

प्रारम्भिक जांच 
ओरल कैंसर की जांच के दौरान सबसे पहले रोगी के स्वास्थ्य की पूर्व परेशानियों का पता लगाया जाता है। इसके बाद रोगी की धूम्रपान की आदतों का अध्ययन किया जाता है कि वह तंबाकू का आदी है या शराब का अधिक प्रयोग करता है या सिगरेट पीता है। विशेषज्ञ होठों, ओरल कैविटी, फारनेक्स (मुंह के पीछे, चेहरा और गर्दन) में शारीरिक परीक्षण द्वारा किसी भी तरह की सूजन, असामान्य या धब्बे वाले टिश्यू और घाव की जांच कर यह निर्णय लेते हैं कि कि कैंसर का कारण क्या है और वह किस स्थिति में है। 

कई बार में होती है जांच 
कोई भी जख्म या अल्सर मिलता है तो बायोप्सी की जाती है, जिसके बाद एनडोस्कोपिक परीक्षण और इमेजिंग इन्वेस्टिगेशन्स (कम्प्यूटिड टोमोग्राफी यानी सीटी), मैगनेटिक रिसोनेन्स इमेजिंग (एमआरआई) और अल्ट्रासोनोग्राफी द्वारा बीमारी की स्टेज जांची जाती है। 

उपचार का तरीका 
इसका उपचार हर मरीज के लिए अलग होता है। यह मुख्य रूप से पांच बातों पर निर्भर करता है। रोगी की उम्र, सामान्य स्वास्थ्य और उसका पिछला मेडिकल इतिहास, कैंसर का प्रकार, आकार व स्थान, कौन सा उपचार संभव है, पहले से मौजूद छुपी हुई बीमारियों का असर क्या होगा और क्या-क्या सुरक्षा जरूरी है।

शुरुआती अवस्था में ही ओरल कैंसर की पहचान हो जाए तो उपचार आसान हो जाता है। पीड़ित व्यक्ति के उपचार के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी और या रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। सर्जरी की सहायता से टय़ूमर टिश्यू को पूरी तरह मिटाने और साथ वाले टिश्यू को सुधारने का काम किया जाता है ताकि कैंसर की समस्या फिर से पैदा न हो। 

अब तो पहचानें दुश्मन को 
अधिकतर ओरल कैंसर का कारण तंबाकू का प्रयोग है, इसलिए रोगियों को सख्त चेतावनी दी जाती है कि धूम्रपान छोड़ दें। रोगी धूम्रपान छोड़ देता है तो सिर, गर्दन और फेफड़ों के कैंसर के पनपने की आशंका से मुक्ति पाई जा सकती है जिसकी आमतौर पर आशंका रहती है। 

उपचार 
कन्जरवेटिव रिसेक्शन्स 
कन्जरवेटिव रिसेक्शन्स ओरल कैविटी के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में होती है। इसका मुख्य काम होता है अंग को बचा कर रोगी को बेहतर जीवन प्रदान करना। इसमें एक छोटा सा ऑपरेशन किया जाता है। प्रारम्भिक स्थिति के लिए यही उपचार पर्याप्त होता है। 

कम्पोजिट रिसेक्शन्स 
एडवांस टय़ूमर ऑफ ओरल कैविटी के लिए यह सर्जरी की जाती है जो थोड़ी बड़ी होती है। तंबाकू चबाने वालों में यह समस्या सामान्य बात होती है। इसमें जबड़े का कुछ हिस्सा या पूरे जबड़े के साथ लगी गाल की अंदरूनी लाइनिंग के साथ में या इसके बिना गाल की त्वचा ही निकाल दी जाती है। 

मैक्सिलेक्टमी 
गाल की हड्डी (मैक्सिला) के कैंसर में रेडिकल मैक्सिलेक्टमी की जाती है। इसमें गाल की हड्डी के खराब हिस्से को निकाला जाता है। 

मेन्डिब्ल आर्क एंड फ्लोर ऑफ माउथ रिसेक्शन्स 
यह चुनौतीपूर्ण सर्जरी जबड़े के लोको-रिजनल टय़ूमर्स के लिए होती है। इसमें टय़ूमर को जबड़े सहित सावधानी पूर्वक हटाने के लिए ऑपरेशन किया जाता है और रोगी की टांग की हड्डी की सहायता से जबड़े का पुनर्निर्माण किया जाता है। 

कीमोथेरेपी 
सबसे जानी-पहचानी क्रिया है कीमोथेरपी। यह सुनियोजित किस्म का उपचार है जो सारे शरीर के सेल्स पर असर डालने वाला है। इसमें असामान्य विकास को रोकने और कैंसर पीड़ित सेल्स को अलग हटाने या उन्हें मारने के लिए दवा का प्रयोग किया जाता है। इस उपचार के बाद कैंसर सेल्स को फिर से बनने का कोई मौका भी नहीं मिलता। कई बार कीमोथेरपी के साथ सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है। 

रेडिएशन थेरेपी 
इसमें कैंसर पीड़ित सेल्स को समाप्त करने के लिए हाई एनर्जी रे या पार्टिकल्स प्रयोग किया जाता है। इसका मकसद कैंसर पीड़ित टिश्युओं को समाप्त करना और स्वस्थ टिश्युओं को बचाना होता है(हिंदुस्तान,दिल्ली,30.5.12)। 


नोटःइसी विषय पर आज इस और इस ब्लॉग पर दो महत्वपूर्ण आलेख प्रकाशित हुए हैं।

7 टिप्‍पणियां:

  1. लोग अपनी मौत को ख़ुद ही मुंह लगाते हैं। आपने आज के दिन लोगों को सावधान करती एक बेहतरीन पोस्ट डाली है।

    जवाब देंहटाएं
  2. मुख कैंसर के विविध आयामों पर एक महत्वपूर्ण आलेख संक्षिप्त एवं सुन्दर विस्तार लिए .कृपया यहाँ भी -

    .


    बृहस्पतिवार, 31 मई 2012
    शगस डिजीज (Chagas Disease)आखिर है क्या ?
    शगस डिजीज (Chagas Disease)आखिर है क्या ?

    माहिरों ने इस अल्पज्ञात संक्रामक बीमारी को इस छुतहा रोग को जो एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुँच सकता है न्यू एच आई वी एड्स ऑफ़ अमेरिका कह दिया है .
    http://veerubhai1947.blogspot.in/

    उतनी ही खतरनाक होती हैं इलेक्त्रोनिक सिगरेटें
    उतनी ही खतरनाक होती हैं इलेक्त्रोनिक सिगरेटें

    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/

    जवाब देंहटाएं
  3. mera muh nahi khulta hai kya karu eska kaya elaj hai

    जवाब देंहटाएं
  4. mera muh nahi khulta hai kya karu eska kaya elaj hai

    जवाब देंहटाएं
  5. mai gutka chodna chahata magar chutta nai kya karu

    जवाब देंहटाएं

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।