शुक्रवार, 25 मई 2012

मधुमेह का सीधा संबंध जीवन-शैली से है

मधुमेह (डायबिटीज) आज बच्चों, महिलाओं और पुरूषों सभी को अपना शिकार बना रही है। महिलाओं में डायबिटीज होने पर कई भयंकर बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। आइए जानते हैं,डायबिटीज के कारण महिलाओं को और कौन-कौन सी परेशानी हो सकती हैं- 

डायबिटीज का सबसे अधिक खतरा शहरों में रहने वाली महिलाओं को होता है। महिलाओं में डायबिटीज से ग्रस्त होने पर शारीरिक कमजोरी अधिक होती है। जैसे हाथ-पैरों में कंपकपी होना, कंधों में दर्द या अकड़न महसूस होना। मसूढ़ों में सूजन, आंखों से कम दिखने लगना या धुंधला दिखना, चीजें रखकर भूलना या फिर बातें भूल जाना, बहरेपन की शिकायत या कम सुनाई देना जैसी प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं डायबिटीज के कारण हो सकती हैं। छोटी-सी खरोंच लगने पर जख्म हो जाना, जख्म का देर से भरना या न भरना जैसी लंबे समय तक रहने वाली समस्याएं डायबिटीज के कारण हो सकती हैं। डायबिटीज के दौरान मोटापा बढ़ने लगता है, लेकिन डायबिटीज से ग्रस्त कुछ महिलाओं का वजन कम भी होने लगता है। 

डायबिटीज के कारण 
शरीर में मौजूद पेंक्रियाज ग्रंथी के ठीक से काम ना कर पाने के कारण या फिर इसके बेकार होने के कारण डायबिटीज हो जाती है। डॉक्टर शर्मीली राज के मुताबिक, वर्तमान में डायबिटीज का मुख्य कारण महिलाओं की लाइफस्टाइल और खान-पान है। इसके साथ ही शारीरिक रूप से बढ़ती निष्क्रियता भी महिलाओं में डायबिटीज होने का मुख्य कारण है। डायबिटीज अनुवांशिक भी होती है। इसके अलावा समय पर खाना ना खा पाना, बहुत अधिक जंकफूड का सेवन करना, वजन ज्यादा होना, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित न होना, बहुत अधिक मीठा खाना, नियमित रूप से बाहर का खाना, पानी बहुत कम पीना, व्यायाम ना करना, शारीरिक रूप से निष्क्रिय होना, खाने के बाद तुरंत सो जाने आदि से भी डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है। 

क्या कहते हैं शोध 
हाल ही में आए शोध के मुताबिक, मछली में पाया जाने वाला विषाक्त पदार्थ जब शरीर में ज्यादा मात्र मे प्रवेश कर जाता है, तब डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल, जो लोग मछली ज्यादा खाते हैं, उनके खून में डीडीई केमिकल की मात्रा बढ़ जाती है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है। 

अमेरिका में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, ज्यादा या कम सोने से डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है। जो लोग 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं और ऐसे लोग जो 5 घंटे से कम सोते हैं उन्हें मधुमेह का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा एक दूसरे अध्ययन से यह पता चला है कि बहुत कम नींद लेने से शरीर की जैविक क्रियाएं बहुत प्रभावित होती हैं, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में इंग्लैंड में डायबिटीज पर हुए एक शोध के मुताबिक कई दवाएं भी डायबिटीज के लिए जिम्मेदार होती हैं। 

डायबिटीज से बचाव 
डायबिटीज के बारे में शक होते ही जल्दी से खून और पेशाब की जांच करवाकर इस रोग के बारे में जानना चाहिए। अगर शुरुआत में ही इस रोग के बारे में मालूम हो जाए तो किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह से दवाइयों, खाने-पीने और रहन-सहन में बदलाव लाकर डायबिटीज को काबू में किया जा सकता है। डॉक्टर शर्मीली राज के मुताबिक, कुछ और उपायों को अपनाकर डायबिटीज से बचा जा सकता हैं- 

-स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। 

-नियमित रूप से व्यायाम करें। 

-संतुलित भोजन लें। 

-अधिक से अधिक कामों सक्रिय रहें। 

-अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें और पानी पिएं। 

-एल्कोहल, तंबाकू और नशीले पदार्थों से दूर रहें। 

-समय-समय पर शुगर की जांच करवाएं(सविता गर्ग,हिंदुस्तान,दिल्ली,16.5.12)।

5 टिप्‍पणियां:

  1. लेख लाभदायक है इस बिमारी की जडे भी ज्‍यादा फैली है आप कोई पथरी नाशक लेख लिखे तथा उसमें देशी ईलाज के बारे मे जानकारी देने की कोशिश करे।
    यूनिक तकनीकी ब्‍लाग

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    1. कृपया निम्नांकित लिंक को देखें-
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  2. अच्छी जागरूक करती पोस्ट....
    नियमित दिनचर्या करें, खान पान व्यवहार।
    डायबिटिक का बढ़ रहा, यहाँ नित्य व्यापार।
    यहाँ नित्य व्यापार, बढ़ाता ग्राहक प्रतिदिन।
    हमको ले ना फांस, करें व्यायाम सभी दिन।
    यही सफल उपचार, जियेँ जीवन मरयादित।
    समय समय में जांच, कराना लेकिन नियमित।


    सादर आभार।

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  3. अच्छी जानकारी आभार ....

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