काली मिर्च एक अनुपम औषधि है। लाल मिर्च की अपेक्षा यह कम दाहक और अधिक गुणकारी है। इसीलिए मसाले में लाल मिर्च की बजाय काली मिर्च का उपयोग प्रचलित है। काली मिर्च का योग्य रीति से उपयोग किया जाए तो वह रसायन गुण देती है। आयुर्वेद में काली मिर्च को सभी प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस आदि का नाश करने वाली औषधि माना जाता है।
लाभ
यूनानी मतानुसार काली मिर्च उदरपीड़ा, डकार और अफ़ारा मिटाकर कामोत्तेजना एवं विरेचन करती है। अरुचि, जीर्ण ज्वर, दाँत दर्द, मसूड़ों की सूजन, पक्षाघात, नेत्ररोग आदि पर भी यह हितकारी है।
-जुकाम होने पर काली मिर्च मिलाकर गर्म दूध पीयें। यदि जुकाम बार-बार होता है, अक्सर छीकें आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज़ एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाए फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएँ। इस तरह जुकाम एक माह में समाप्त हो जाएगा।
-खाँसी होने पर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में ३-४ बार चाटें। खाँसी दूर हो जाएगी।
-गैस की शिकायत होने पर एक कप पानी में आधे नीबू का रस डालकर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण व आधा चम्मच काला नमक मिलाकर नियमित कुछ दिनों तक सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।
गला बैठना : काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली हो जाती है। आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें, इससे गले का संक्रमण खत्म हो जाएगा।
त्वचा रोग : काली मिर्च को घी में बारीक पीसकर लेप करने से फोड़ा,फुंसी आदि चर्मरोग दूर हो जाते हैं। छोटी फुंसियां दिन में दो बार लेप करने से तुरंत बैठ जाती हैं।
फूड पॉइजनिंग
गर्मियों में फूड पॉइज़निंग की आशंका काफी बढ़ जाती है। इस मौसम में तापमान जीवाणुओं के बढ़ने के लिए मुफीद होता है। ज़रा-सी भी चूक से आपका खाना आपको बीमार कर सकता है।
बचने के उपाय
-खाना बनाने और खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोएँ। पालतू जानवरों को छूने और टॉयलेट जाने के बाद हाथ धोना न भूलें।
- खाना बनाने के बर्तन और किचन अच्छी तरह साफ होने चाहिए।
-घर में पालतू जानवर हों तो उन्हें किचन और डाइनिंग एरिया से दूर ही रखें।
-फलों और सब्ज़ियों को खाने से पहले चलते नल के नीचे रख कर धोएँ।
-पकाई हुई दाल, सब्जी, आटे को कई दिनों के लिए फ्रिज में रखकर उपयोग में न लें।
-खाना ताज़ा ही बनाएँ।
-यदि खाने की कोई चीज़ बच गई हो तो उसे तुरंत फ्रिज में रख दें और जल्द ही खा लें। पकाया हुआ खाना दिनभर बाहर रह गया हो तो उसे फेंकने में ही भलाई है। भले ही आपको लग रहा हो कि वो खराब नहीं हुआ है, फिर भी हो सकता है कि उसमें कीटाणु पनपना शुरू हो गए हों। ये खाना भी आपको बीमार कर सकता है।
-बासी चीज़ों को फेंकने के लिए उनके सड़ने का इंतज़ार न करें, उसके पहले ही फेंक दें।
खाने के दूषित होने की शुरुआत उसके घर आने से पहले ही शुरू हो सकती है। जिस स्थान से आप फल-सब्ज़ियाँ या दूध खरीद रहे हैं, वहाँ इन्हें सही तापमान पर न रखा जाए तो ये जल्दी खराब हो जाती हैं। इसके अलावा घर में लाने के बाद चीज़ों को तुरत ही फ्रिज में सही ढ़ंग से स्टोर करने पर विशेष ध्यान दें। फ्रिज को नियमित रूप से साफ करना बहुत ज़रूरी है। चीज़ों को फ्रिज में रखकर उन्हें भूल जाने की आदत घातक होती है। फ्रिज में रखी चीज़ों को उपयोग में लेने की समय सीमा होती है। अधिक समय तक फ्रिज में रखी हुई चीज़ें भी खराब हो जाती हैं। इससे फ्रिज में रखी अन्य चीज़ें संक्रमित हो सकती हैं। हर हफ्ते फ्रिज की सफाई अवश्य करें।
उपचार
फूड पॉइज़निंग के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया का असर २४ से ४८ घंटे तक रहता है। इस दौरान उल्टी और दस्त के कारण व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। इससे निर्जलीकरण से तो बचते ही हैं, साथ ही शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ भी आसानी से बाहर निकल जाते हैं। पानी को उबालकर पीएँ। पानी में रीहायड्रेशन सॉल्यूशन भी मिलाकर पी सकते हैं। कई बार इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाएँ भी दी जाती हैं। मामला बहुत गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती भी किया जा सकता है(डॉ. इकबाल मोदी,सेहत,नई दुनिया,मार्च चतुर्थांक 2012)।
गर्मियों के लिए हितकारी लेख.
जवाब देंहटाएंगुणकारी काली मिर्च ।
जवाब देंहटाएंआभार ।
यह अच्छी जानकारी है। इस तरह् के घरेलु उपचार से फ़ौरन आराम मिलता है। कई बार आजमाया है।
जवाब देंहटाएंकाली मिर्च के नायाब नुस्खे ... अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी है,इसे बुकमार्क कर लिया है|
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर वाह!
जवाब देंहटाएंआपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 09-04-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
काली मिर्च खून भी पतला करती है। एस्प्रीन की जगह ले सकती है ।
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी ।
काली मिर्च पर प्रामाणिक बढ़िया जानकारी .आभार
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