ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियाँ पतली व नाज़ुक हो जाती हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए भी कैल्शियम जरूरी है। गर्भस्थ शिशु के सही विकास के लिए कैल्शियम ज़रूरी है, जो उसे अपनी माँ से मिलता है। अतः गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कैल्शियम चाहिए। रजोनिवृत्ति एवं बुढ़ापे की ओर बढ़ रही महिलाओं में कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारी का खतरा अधिक रहता है।
विकास के लिए ज़रूरी
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में कैल्शियम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इससे शरीर की कई ज़रूरतें पूरी होती हैं। रोज़ शरीर को कितनी मात्रा में कैल्शियम चाहिए, यह जानना ज़रूरी है। कैल्शियम बचपन में शरीर को मजबूत एवं हड्डियों को सघन बनाने में मदद करता है। प्रौढ़ावस्था में यह हड्डियों को सुदृढ़ व स्वस्थ बनाए रखता है। शरीर का लगभग ९९ प्रतिशत कैल्शियम हड्डी एवं दाँतों में संग्रहीत होता है। शेष खून, मांसपेशियों एवं कोशिकाओं में तरल रूप से मौजूद रहता है। मांसपेशियों एवं शिराओं के संकुचन व फैलाव, हारमोन व एंज़ाइम के स्राव और तंत्रिका तंत्र के ज़रिए संदेश भेजने के लिए शरीर को कैल्शियम की ज़रूरत पड़ती है। आहार में कैल्शियम का अभाव स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है और भविष्य में रोग का कारण बन सकता है। जब आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता है तो यह हड्डियों से कैल्शियम लेना शुरू कर देता है। ऐसा होने पर आहार के ज़रिए कैल्शियम की भरपाई बेहद ज़रूरी हो जाती है।
हड्डियाँ कैल्शियम की कमी के कारण कमज़ोर होती चली जाती हैं। समय पर इस ओर ध्यान न देने से ऑस्टियोपोरोसिस भी हो सकता है।
रजोनिवृत्ति एवं बुढ़ापे की ओर बढ़ रही महिलाओं में कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारी का ख़तरा अधिक रहता है। इसके अलावा,रजोनिवृत्ति में हड्डी क्षय होने का खतरा बढ़ जाता है और उम्र बढ़ने के साथ कैल्शियम अवशोषण की क्षमता भी घटने लगती है ये दोनों बातें कैल्शियम की ज़रूरत को बढ़ा देती हैं। कैल्शियम की आपूर्ति करने वाली गोली कैल्शियम यौगिक ख़ासकर कार्बोनेट या कैल्शियम साइट्रेट के रूप में होती है
दैनिक मात्रा
एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 1000 से 1500 मिलीग्राम मौलिक कैल्शियम लेना आवश्यक है। अधिकांश विशेषज्ञ एक बार में 500-600 मिलीग्राम मौलिक कैल्शियम लेने की सलाह देते हैं क्योंकि कैल्शियम की अधिक मात्रा लेने पर इसका अवशोषण घट जाता है।
दुष्प्रभाव
कैल्शियम कार्बोनेट पूरक आहार लेने से कुछ लोगों को पेट की परेशानियाँ अत्यधिक गैस बनने के साथ भूख न लगने की शिकायत भी हो सकती है। मुँह सूखना, बार-बार पेशाब होना, मति भ्रम, मुँह का स्वाद बिगड़ना, उल्टियाँ होना, पेटदर्द आदि दुष्प्रभावों शामिल हैं। कैल्शियम साइट्रेट खाने से कब्ज़ एवं पेट में खराबी हो सकती है(डॉ. अनिल शर्मा,सेहत,नई दुनिया,मार्च तृतीयांक 2012)।
bahut badhaiya jankari....
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी हेतु आभार.............
जवाब देंहटाएंअधिक आयु में अधिक सचेत रहने की जरुरत है ।।
जवाब देंहटाएंजागरूक करती अच्छी पोस्ट
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी ...आभार ।
जवाब देंहटाएंJAANKARI KA SHUKRIYA .
जवाब देंहटाएंrudrapandey.blogspot.in
upyogi jankari ke liye dhanyvad
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी के लिये आभार...
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य में पर्याप्त सावधानी की जरूरत है।
जवाब देंहटाएंउपयोगी प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंसादर आभार।
बहुत ही उपयोगी जानकारी आभार ।
जवाब देंहटाएंडॉक्टर सुबह शाम एक ग्लास दूध पीने की सलाह देते हैं ।
जवाब देंहटाएं