इस मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और बीमारियां आपके करीब आने लगती हैं। आइए जानते हैं कैसा हो आपका खानपान और व्यायाम ताकि आप रहें चुस्त-दुरुस्तः
चुस्ती-फुर्ती बनी रहे, यह हम सब चाहते हैं, लेकिन कई बार खानपान में लापरवाही और जरूरी एक्सरसाइज में कमी की वजह से हमारी चुस्ती-फुर्ती छिन जाती है। अब तो मौसम भी बदल रहा है। दिल्ली में इस मौसम में कई समस्याएं भी सामने आती हैं, क्योंकि दिल्ली की जीवनशैली में खानपान और एक्सरसाइज के प्रति लापरवाही बढ़ती जा रही है। आपकी इस लापरवाही से आपके शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और आखिरकार आप कई बीमारियों की चपेट में आने लगते हैं। अगर बीमारियों से रहना है दूर, तो खानपान को सुधारें और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में प्रमुखता से शामिल करें।
20 साल तक के लिए
दिल्ली के बच्चों की शारीरिक गतिविधियां कम हो गईं। वे पार्कों में खेलने के समय भी कम्प्यूटर पर गेम खेलने में लगे रहते हैं। इस कारण इस उम्र में भी गर्दन दर्द, कमर दर्द, मोटापा, सांस फूलने की समस्याएं सामने आने लगी हैं। आपको काफी सक्रिय रहना चाहिए और इसके लिए अपनी दिनचर्या में साइकलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, योग और हर जोड़ के लिए भरपूर व्यायाम करना चाहिए।
इस मौसम में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है और खांसी, जुकाम, नजला, बुखार आदि की समस्या भी सामने आती हैं। इससे बचे रहने के लिए खानपान को सुधारें। अपनी डाइट में प्रोटेक्टिव फूड को शामिल करें। इस उम्र में थोड़ा-थोड़ा लेकिन बार-बार खाते रहें। खाने में केवल चावल, रोटी, दाल आदि को ही शामिल कर लेना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसके बराबर मात्र में सब्जियां और फल शामिल करें। आपको दिन भर में कम से कम तीन फल लेने चाहिए। ध्यान रखें कि फल अलग-अलग रंग के हों। इस उम्र में बच्चे या किशोर आमतौर पर पानी कम ही पीते हैं। पानी की कमी पाचन क्रिया में डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा कर सकती है। अगर पानी कम पी रहे हैं तो उसकी कमी जूस से पूरी करें।
इस बात को याद रखें कि आपके शरीर का तेजी से विकास हो रहा है। इसलिए खानपान और एक्सरसाइज में लापरवाही बरतना काफी नुकसानदेह साबित होगा। इस उम्र में जंक फूड और तले हुए सामान ज्यादा भाते हैं, लेकिन यह आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं।
21 से 40 साल तक के लिए
इस उम्र में गर्दन और पीठ में दर्द की समस्या होती है। आपको ऑफिस में काम करते समय पॉस्चर केयर की जरूरत है। ज्यादा देर तक कुर्सी पर न बैठें और बीच-बीच में थोड़ा टहल लिया करें। 2-3 घंटे मॉर्निग या ईवनिंग वॉक पर निकलें। इस मौसम में वॉक पर सुबह 7 बजे के बाद और शाम 7 बजे के पहले जाएं। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज आपको पीठ की समस्या से दूर रखेगी। बाहर जाने का समय न मिले तो घर में ही ट्रेड मिल करें।
खानपान में दिन भर में तीन बार के बजाए छह बार खाएं। साबुत अनाज सेहत के लिए ज्यादा अच्छा होता है। ह्वाइट राइस, ब्रेड, आटा आदि के बजाए ब्राउन राइस, दलिया, ज्वार, बाजरा, जई आदि को अपनी थाली में शामिल करें। हरी सब्जियों का मौसम है, इसलिए हरी सब्जियां भरपूर मात्र में लें। कोशिश करें कि आपके खाने में पर्याप्त मात्र में सलाद के रूप में हरी सब्जियां हों। दिन भर में एक ग्लास मौसमी फलों का जूस जरूर लें। गाजर, अनार, आंवला, अदरक आदि का जूस ले लेना चाहिए। यह हरी सब्जियों का मौसम है, इसका लाभ उठाएं और सलाद के रूप में हरी सब्जियां लें।
41 से 50 साल तक के लिए
इस मौसम में आपको गर्दन, पीठ दर्द और घुटने का दर्द भी सता सकता है। इससे बचने के लिए खानपान को दुरुस्त कर लें। अब आपकी शारीरिक गतिविधियां थोड़ी कम होंगी। इसलिए खाने की मात्र थोड़ी कम कर दें। अब आपको रोज तीन फल की जगह दो ही फल लेने चाहिए। फिटनेस के लिए अब आप दौड़ना छोड़ दें। हल्की जॉगिंग करें। बीपी और सुगर की जांच करा लें और नियमित रूप से जांच कराते रहें। याद रखें, अगर कोई दिक्कत हो तो लापरवाही न बरतें, बल्कि डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करें।
50 साल से अधिक उम्र है तो
इस उम्र में जोड़ों के दर्द की शिकायत आम है। ऐसे में सिर्फ सैर करें। एक बार में दो-ढाई किलोमीटर से अधिक सैर न करें। जोड़ों से संबंधित एक्सरसाइज डॉक्टर की सलाह से करें। खानपान को हल्का रखें, इम्यून सिस्टम दुरुस्त रहे, इसके लिए फल, सब्जियों को प्रमुखता से शामिल करें। अगर उम्र 60 के पार है तो याद रखें, अब तक योग नहीं कर रहे थे तो अब योग शुरू करने की कोशिश न करें। इस उम्र में शरीर में कैल्शियम का स्तर ठीक रखें।
सावधानियां
बच्चों की तकलीफ में: बच्चे को बैठकर पढ़ने और कम्प्यूटर पर काम करने के कारण कमर दर्द की तकलीफ हो सकती है। अगर ऐसा है तो थोड़ा व्यायाम करें ताकि जोड़ों में लचक बनी रहे। इसके लिए साइकलिंग, स्विमिंग और एरोबिक्स आदि करनी चाहिए, जिसमें मन भी आसानी से लग जाता है।
पीठ दर्द रहता है तो:
आपको झुकने वाली एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। आपको उल्टा पेट के बल लेटकर गर्दन और छाती को उठाने वाला व्यायाम करना चाहिए।
मोटापा से परेशान हैं तो:
पेट के लिए एबडॉमिनल एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसमें सीधा लेटकर घुटने मोड़कर गर्दन और छाती को ऊपर उठाने की कोशिश करते हैं।
बीपी की समस्या है तो:
आपको वॉक करनी चाहिए। सुबह में वॉक करेंगे तो ऑक्सीजन अच्छी मिलेगी। वॉक पर सूर्योदय के पहले जाना चाहिए।
(ऐसा व्यायाम विशेषज्ञ की सलाह से करें )
संतुलित आहार और आप
आपकी थाली
आपकी थाली में आपको अनाज यानी चावल, रोटी की मात्र अधिक नजर आती होगी और उसकी तुलना में सब्जियों की मात्र आधी होगी। फल तो गायब ही होंगे। सूखे मेवे की तो शायद बात ही नहीं करनी चाहिए। अगर ऐसा है तो अपनी सेहत के लिए थोड़ा सावधान हो जाइए। आपकी थाली में आधा से ज्यादा अनाज यानी चावल, रोटी आदि नहीं होनी चाहिए। आधी थाली में दाल, सब्जियां और फल रखें। खाने के अतिरिक्त एक मुट्ठी मिक्स सूखे मेवे लें, जिनमें काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि शामिल हों। अगर आप नॉनवेज पसंद करते हैं तो मछली को प्राथमिकता दें। इसमें ओमेगा 3 फैट, सेलिनियम आदि होता है। मछली के बाद अंडे और चिकेन को प्राथमिकता दें। मटन लेना चाहें तो कभी-कभार ही लें और इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चर्बी कम से कम हो।
खाने का समय
आपका पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहे, इसके लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखें। खाना तीन बार लेने के बजाय, उसे छह बार में लिया करें। सोने और खाने में तीन घंटे का अंतर जरूर रखें। रात में खाना ज्यादा देर से न खाएं, बल्कि 7-8 बजे तक जरूर खा लें। हल्दी, आंवला, अदरक का नियमित सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने
में काफी सहायक होता है।
इनसे बचें
जंक फूड और खासकर तले-भुने खाने तो सेहत के दुश्मन होते ही हैं, इस मौसम में ऐसे खाने आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं। इसलिए नमकीन, समोसे, कचौड़ी, पकौड़े आदि व बेकरी प्रोडक्ट से बचें। इनकी जगह सूखे मेवे लेने की आदत बनाएं।
अगर ड्रिंक करते हैं..
ड्रिंक की सलाह तो आपको दी नहीं जा सकती। अगर आप ड्रिंक करते हैं तो रात में एक पैग से ज्यादा न लें। सप्ताह में सात ड्रिंक्स से अधिक न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखें। एक ग्राम अल्कोहल में लगभग 7 कैलोरी होती है, जो कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की समान मात्र से लगभग दोगुनी होती है। बीयर की एक केन में लगभग 150 कैलोरी होती है। आपके शरीर को इसकी जरूरत नहीं है। शरीर की जरूरतें फल, सब्जियों, मसालों आदि से पूरी हो जाती हैं(डा. पूजा सेठी,हिंदुस्तान,दिल्ली,15.2.12)।
सही सलाह ....अगर हम मान जाते हैं तो जिन्दगी में कई बीमारियों से बच जायेंगे ......!
जवाब देंहटाएंNice post.
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी है
"अपनी बेटियों के सफ़ेद बाल काले कीजिए नीम से":
http://pyarimaan.blogspot.com/2012/02/blog-post_17.html
सच कहा है आपने, हम बहुत लापरवाह होते जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंमै भी एक्सरसाइज नहीं कर पाता..
जवाब देंहटाएंबडी उपयोगी बातें हैं, हर किसी के लिए।
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क्या आप टाइगर मम्मी हैं?
रितुमाला: अनचाहे गर्भ से बचने का प्राकृतिक उपाय।
चालीस की उम्र पार हो जाने के बाद दौड़ लगाने के क्या नुकसान हैं। बिना दौड़ लगाये वजन घटाने का क्या उपाय है? एक सीमा के बाद भोजन में कटौती संभव नहीं है।
जवाब देंहटाएंबडे काम की जानकारी है, हर किसी के लिए।
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क्या आप टाइगर मम्मी हैं?
रितुमाला: अनचाहे गर्भ से बचने का प्राकृतिक उपाय।
सही जानकारी ... अच्छे स्वस्थ के लिए व्यवाम का बहुत महत्त्व होता है ...
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