बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

अच्छी नींद के लिए विपरीतकरणी मुद्रा

अच्छी नींद एक सहज स्थिति है, जो हमारी कोशिकाओं को पुनर्जीवन देती है। किंतु जब किसी कारण आपको अच्छी नींद नहीं आती है तो इसे सहज बनाने के लिए अपनी मानसिक, भावनात्मक स्थिति के साथ जीवनशैली में परिवर्तन करना आवश्यक हो जाता है। योगासन इस समस्या का बहुत ही कारगर एवं स्थायी उपाय प्रदान करते हैं। 

आसन 
जरूरत से अधिक शारीरिक क्रियाशीलता एवं शरीर व मन को शिथिल करने में असमर्थता से यह समस्या उत्पन्न होती है। योग के कुछ प्रमुख आसन जैसे-विपरीतकरणी मुद्रा, शशांकासन, हलासन, कूर्मासन, सर्वागासन आदि इस समस्या का बेहतर समाधान देते हैं। 

विपरीतकरणी मुद्रा 
पीठ के बल जमीन पर लेट जाइए। दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर जमीन के ऊपर उठाएं। इसके बाद एक हल्के झटके से नितम्ब को भी जमीन के ऊपर उठाइए। अब हाथों को कमर पर रखते हुए कमर को भी पैर तथा नितम्ब के साथ जमीन से ऊपर उठाइए। शरीर का भार कंधे, गर्दन तथा हाथ पर रखिए। जब तक इस स्थिति में आसानी से रह सकें, रुके रहिए। इसके बाद धीरे-धीरे वापस नीचे आ जाइए। लेकिन एक बात ध्यान रखें कि उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगी इसका अभ्यास न कर शशांकासन का अभ्यास करें। 

प्राणायाम 
अपनी नींद को बेहतर बनाने के लिए नाड़ीय तनाव को दूर करना बहुत आवश्यक है। नाड़ीशोधन, चन्द्रभेदी, भ्रामरी, शीतली व शीतकारी प्राणायाम इसके लिए बेहतर हैं। 

नाड़ीशोधन प्राणायाम 
पद्मासन, सिद्धासन, सुखासन या कुर्सी पर रीढ़, गला व सिर को सीधा कर बैठ जाइए। आंखों को ढीली बंद कीजिए। दायें हाथ को नासिकाग्र मुद्रा में रखकर बायीं नाक से एक गहरी तथा धीमी श्वास अंदर लीजिए। इसके तुरंत बाद बायीं नाक को बंद कर दायीं नाक से एक गहरी तथा धीमी श्वास बाहर निकालिए। फिर दायीं नाक से श्वास अंदर लेकर बायीं नाक से बाहर निकालिए। यह नाड़ीशोधन का एक चक्र है। इसके प्रारंभ में 6 चक्र तथा धीरे-धीरे चौबीस चक्रों का अभ्यास प्रतिदिन कीजिए। 

त्राटक 
रात में बिस्तर पर जाने के पहले इस क्रिया का निम्न विधि के अनुसार प्रतिदिन 15 मिनट तक अभ्यास कीजिए- अंधेरे कमरे में ध्यान से किसी आसन पर बैठ जाइए। एक जलती हुई मोमबत्ती शरीर से 2 फीट की दूरी पर जमीन पर रखिए। अब शरीर को बिल्कुल मूर्तिवत स्थिर रखते हुए लौ को बिना पलक झपकाए कुछ देर तक देखिए। प्रारम्भ में इसे 15 सेकेंड से शुरू कीजिए और धीरे-धीरे इसे 15 मिनट तक बढ़ाइए। 

योगनिद्रा 
प्रतिदिन कभी भी और कहीं पर भी एक बार योगनिद्रा का अभ्यास करने पर शरीर और मन के तनाव को पूरी तरह दूर किया जा सकता है। यह योग की ऐसी बेजोड़ क्रिया है, जो व्यक्ति को गहरी नींद के बराबर शक्ति और ऊर्जा देती है। वास्तव में यह जगकर गहरी नींद लेने की क्रिया है। -रात में सोने के 2 घंटे पहले हल्का तथा संतुलित भोजन लें। रात के भोजन के आधे घंटे बाद धीरे-धीरे टहलने की आदत बनाएं। -बायीं करवट लेटने से नींद जल्दी आती है। इसी प्रकार सिर सही दिशा में रखकर सोने से शांत और गहरी नींद आती है। -पैरों के तलवों पर सोने से पहले सरसों के तेल की मालिश करें। 

योगनिद्रा की विधि 
पीठ के बल जमीन पर लेट जाइए। आंखों को बहुत ढीली बंद कीजिए। अब सजग रहते हुए गहरी श्वास-प्रश्वास कीजिए। इसके बाद अपने दायें हाथ पर मन को एकाग्र कीजिए। दायें हाथ की अंगुलियां, हथेली, कलाई, निचली बांह, कुहनी, ऊपरी बांह तथा कंधे पर बारी-बारी से मन को ले जाइए और उन्हें पूरी तरह से ढीला कीजिए। इसके बाद यही क्रिया बायें हाथ, दायें पैर तथा बायें पैर से क्रमश: कीजिए। फिर पीठ, रीढ़ पर भी अपने मन को केंद्रित कर उसे ढीला कीजिए। सीने तथा पेट को भी उसी भांति ढीला कीजिए। अंत में गले तथा चेहरे को ढीला कीजिए। 

शरीर के सभी अंगों को शिथिल करने के बाद अब कल्पना कीजिए कि आप किसी एक नई दुनिया में हैं। यहां पर रहते हुए अपनी सौ सहज श्वास-प्रश्वास पर उल्टी गिनती के साथ मन को एकाग्र कीजिए। योगनिद्रा की यह क्रिया गहरी नींद के बराबर ताजगी, शांति, प्रसन्नता देती है(कौशल कुमार,हिन्दुस्तान,दिल्ली,२३.२.१२)।

11 टिप्‍पणियां:

  1. यहाँ बहुत ही अच्छी जानकारियाँ प्राप्त होती हैं....
    शशांकासन की जानकारी भी अवश्य प्रदान करें...
    सादर आभार.

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  2. उत्तम....

    आभार आपका....

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  3. बहुत खूब !
    पढ़ते पढ़ते ही आराम सा आने लगा .

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  4. प्राणायाम सुखद अनुभूति देता है ... अच्छी जानकारी देती पोस्ट

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  5. बहुत अच्छी पोस्ट
    ओशो की ध्यान विज्ञानं पुस्तक में इनका जिक्र है
    सुंदर .....

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