संतुलित डाइट की कमी, गलत पॉस्चर और आपकी दिनचर्या में व्यायाम का अभाव मिलकर आपकी रीढ़ में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं और आप कमर दर्द की तकलीफ सहने को मजबूर हो सकते हैं। तो क्यों न इन बातों का ध्यान रखें और इस तकलीफ से दूर रहें। कभी कमर दर्द की शिकायत 40 से 60 वर्ष के बीच के लोगों को हुआ करती थी, लेकिन अब यह शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचने वालों में 50 प्रतिशत से अधिक युवा हैं। ये 20 से 40 वर्ष के बीच के हैं। राजधानी में 60 प्रतिशत से अधिक लोग किसी न किसी रूप में इस दर्द से परेशान रहते हैं और बाकी 40 प्रतिशत लोग घुटने और गर्दन के दर्द से परेशान हैं, जिनके दर्द की शुरुआत कभी कमर दर्द से ही हुई होगी।
सर गंगाराम अस्पताल के पीएमआर विभाग (फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन डिपार्टमेंट) की वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. ज्योति बाला कहती हैं कि युवाओं में बढ़ता कमर दर्द का यह प्रतिशत चिंताजनक है। वह कहती हैं कि इसके लिए तीन मुख्य बातें जिम्मेदार हैं। आजकल के युवा बैठने, खाने से लेकर कार्यस्थल तक में सही पॉस्चर का ख्याल नहीं रखते। देर रात तक जगने और सुबह देर तक सोने, व्यायाम आदि पर बिल्कुल भी ध्यान न देने और खानपान में लापरवाही बरतने जैसी आज की जीवनशैली भी इसके लिए जिम्मेदार है और कमजोर मसल भी कमर दर्द का प्रमुख कारण है।
आप कम्प्यूटर पर लगातार कई घंटे काम करते हैं? आपके कम्प्यूटर की स्क्रीन का मध्य बिंदु आपकी आंखों के बिल्कुल सामने नहीं है? अक्सर आप कुर्सी पर पैर समेटकर कीबोर्ड पर अंगुलियां चलाना शुरू कर देते हैं? इन सवालों का जवाब हां में पाते हुए भी अगर अब तक आप कमर दर्द से बचे हैं तो इससे बचे रहने के लिए तुरंत सावधान हो जाइए, अन्यथा आपकी कमर कभी भी दर्द की चपेट में आ सकती है। काफी संख्या में छात्रों और युवाओं में कमर दर्द की समस्या देखी जा रही है। छात्रों में कमर दर्द का यह कारण बिस्तर पर लेटे-लेटे पढ़ने, टीवी देखते वक्त कभी लेट जाना तो कभी सोफे पर टेढ़े बैठ जाना, महिलाओं में इस दर्द का कारण किचेन में लगातार एक ही पॉस्चर में खड़े होकर काम करने आदि से होता है।
मसल असंतुलन आपके पीठ दर्द, कंधा दर्द और गर्दन दर्द समेत कई तरह के दर्द का कारण बन सकता है। कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीटय़ूट के सेंटर फॉर फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन के कन्सल्टेंट डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव कहते हैं- यह रीढ़ में तनाव और दर्द या दबाव का भी कारण साबित होता है। इसी इंस्टीटय़ूट के कन्सल्टेंट (स्पाइन सजर्न) डॉ. मिहिर बापट के अनुसार, अगर संतुलित डाइट का अभाव रहा है और कैल्शियम/विटामिन डी की पूर्ति के लिए इसके प्राकृतिक स्रोत यानी धूप का भी लाभ नहीं उठाया गया तो रीढ़ से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं और इसमें कमर-पीठ दर्द प्रमुख हैं।
‘कमर दर्द और अन्य दर्द के इलाज के लिए अस्पताल आने वाले 80 प्रतिशत से अधिक लोगों में विटामिन डी की कमी होती है।’ मुंबई के हिन्दुजा अस्पताल के कन्सल्टेंट (स्पाइन सजर्न) कहते हैं, ‘पिछले वर्ष के प्रारम्भ में कुछ डॉक्टरों द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि रुटीन जांच के लिए अस्पताल आए 561 पुरुषों में से 77.5 प्रतिशत और 443 महिलाओं में से 72.68 प्रतिशत में विटामिन डी की कमी थी।’
डॉ. बापट कहते हैं कि इस समस्या से बचे रहने के लिए जरूरी है कि 25 वर्ष की उम्र से ही मसल्स का ध्यान रखा जाए और वजन को नियंत्रित रखा जाए।
सही बैठें, तनकर बैठें
आप जब भी बैठें, सीधे बैठें। अपने पॉस्चर को ठीक रखें। कम्प्यूटर पर काम करें तो इस बात का ख्याल रखें कि आपके कम्प्यूटर के स्क्रीन का मध्य बिन्दु आपकी आंखों के सामने हो। कम्प्यूटर स्क्रीन और आपकी आंखों के बीच की दूरी लगभग 20 इंच हो और कोहनी से कलाई आपके बाजू से 90 डिग्री की सीध में हो। पैरों को जमीन पर सामने रखा करें। अगर आपकी कुर्सी अनुकूल नहीं है तो उस पर गद्देदार कुछ रखकर कुर्सी को लेबल में ले जाएं या कम्प्यूटर के नीचे कुछ रखें। लगातार लंबे समय तक कुर्सी पर न बैठे रहें, बल्कि लगभग हर एक घंटे पर 5 मिनट टहल लिया करें। बीच-बीच में अपने बाजू को पीछे से आगे की ओर 10 बार घुमाएं और अपनी गर्दन को 5 से 10 बार आगे झुकाएं और इसी तरह दाएं व बाएं भी।
थोड़ी-सी धूप है जरूरी
शहरी जीवनशैली में लोग एयरकंडीशन्ड ऑफिस से लेकर एयरकंडीशन्ड कार तक में अपने जीवन को सीमित कर लेते हैं। गोवा के समुद्री तट पर सन बाथ का मौका भी कभी-कभी ही निकाल सकते हैं, लेकिन घर की बालकनी में आने वाली धूप को नजरअंदाज करना कहां की समझदारी है। डॉ. बाला कहती हैं, विटामिन डी और कैल्शियम के लिए नियमित रूप से 15 मिनट धूप में बैठें तो इससे अच्छा कुछ हो ही नहीं सकता- डॉ. अभय नेने, कन्सल्टेंट (स्पाइन सजर्न), हिन्दुजा अस्पताल, मुंबई
रोजाना 40 मिनट टहलें
रोजाना 40 मिनट टहलने की आदत को इस वर्ष का संकल्प बना सकें तो यह आपकी अपने ऊपर सबसे बड़ी कृपा होगी। योग भी पीठ दर्द में बेहद कारगर साबित होता है। तीन-चार महीने तक नियमित रूप से ऐसा करें और उसके बाद जरूरत समझों तो और अधिक व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। हां, अपने कमर दर्द का ज्यादा टेंशन न लें। एक अच्छी खबर यह है कि कमर और पीठ दर्द से परेशान 5 से 10 प्रतिशत लोगों को ही ऑपरेशन कराने की जरूरत पड़ती है अन्यथा सही पॉस्चर, सही जीवनशैली के साथ नियमित शारीरिक व्यायाम से इस दर्द से मुक्त रहा जा सकता है- डॉ. मिहिर बापट,कन्सल्टेंट (स्पाइन सजर्न),
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीटय़ूट, मुंबई
‘आह’ नहीं ‘वाह’ कहेगी कमर
खानपान का रखें ख्याल
गर्भवती महिलाओं में कमर दर्द की समस्या तो आम है, जो उनके वजन में वृद्धि के कारण होती है। वजह बढ़ने से रीढ़ पर जोर पड़ता है, जिससे कमर दर्द की समस्या पैदा होती है। लेकिन अन्य लोगों में डाइट की गड़बड़ी एक बड़ा कारण बनती है। डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हड्डियों की कमजोरी का कारण बनती है और आखिरकार कमर और पीठ दर्द का भी कारण बनती है। इस कमी को दूर करने में दूध उत्पाद के अलावा अंडे भी खास भूमिका निभाते हैं। रोजाना एक मुट्ठी सूखे मेवे, जिनमें 10 बादाम, 5 किसमिस, अखरोट आदि शामिल हों, लेना काफी फायदेमंद साबित होता है।
ना बरतें लापरवाही
कमर दर्द कई बार झटका लगने से, मोच से, वजन उठाने से भी हो सकता है। लंबा व्यक्ति झटके से झुके तो भी कमर दर्द की समस्या हो सकती है। मोटे व्यक्ति को वजन उठाने से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। लड़कियों में हाई हील सैंडल से भी यह समस्या पैदा हो सकती है। किसी भी कारण से डिस्क स्पेस कम होने से भी आप इस समस्या की चपेट में आ सकते हैं। चाहे आप किसी भी कारण इसकी चपेट में आएं। अगर कमर दर्द कुछ घंटे लगातार बना हुआ है तो घरेलू उपचार में समय गंवाने के बजाए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। अगर लापरवाही बरतेंगे और स्थिति गंभीर होने के बाद डॉक्टर से मिलेंगे तो ऑपरेशन की स्थिति भी आ सकती है।
डॉ. ज्योति बाला, वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट, सर गंगाराम अस्पताल
दिल्ली में कमर दर्द की शिकायत करने वाले
-60 प्रतिशत से अधिक लोग कमर दर्द से परेशान हैं
-40 प्रतिशत लोग घुटने और गर्दन के दर्द से परेशान
-50 प्रतिशत युवा करते हैं इसकी शिकायत(हिंदुस्तान,दिल्ली,18.1.12)
सही है कमर कसने की जरुरत है
जवाब देंहटाएंकमर दर्द से छुटकारा पाने के लिये !
जीवन शैली कई बीमारियों का कारण बन चुकी है.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी...
जवाब देंहटाएंपढ़ने से ज़रा अक्ल आ गयी...
शुक्रिया.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 06-02-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
बहुत उत्तम जानकारी के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
इस बढ़ती समस्या पर जानकारी देने के लिए आभार|
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर जानकारी जो सबके लिये जानना जरूरी है. ऐसी और जानकारी भी देते रहें भविष्य में.
जवाब देंहटाएंbhaut upyogi jankari mili .....vakai apka blog bahut hi upyogi laga .....charmanch pr apka balog aksar padhata rahata hoon ...kalyankari prastuti ke liye abhar.
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