लिवर ५०० से भी ज़्यादा अलग-अलग काम करता है। ऊर्जा का भंडारण करने से लेकर संक्रमण से लड़ने और शरीर से विषैले पदार्थ दूर करने तक यह किसी केमिकल फैक्टरी की तरह काम करता है। लिवर का दो-तिहाई हिस्सा लिवर कोशिकाओं से और बाकी का हिस्सा बाइल नलिकाओं से बना होता है।
कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाएँ तो लिवर कुछ ही घंटों में नई कोशिकाओं का निर्माण कर लेता है। लिवर अपनी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की जगह पर नई कोशिकाओं का निर्माण तो कर लेता है लेकिन बाइल डकट में खराबी आने पर यह उनकी मरम्मत नहीं कर पाता। लिवर अपनी कोशिकाओं का पुनर्निर्माण एक हद तक ही कर पाता है। उससे ज़्यादा नुकसान होने पर यह खुद की मरम्मत नहीं कर पाता।
महत्वपूर्ण कार्य
*पाचन में सहायक
*पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए महत्वपूर्ण
*दवाओं के हानिकारक तत्व और शराब आदि विषैले पदार्थों को प्रोसेस करके नुकसानकारी तत्वों को दूर करता है। ब्रेड, पास्ता, आलू आदि से भरपूर होते हैं। शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति मुख्य रूप से कार्बोहायड्रेट द्वारा होती है। लिवर कार्बोहायड्रेट को ग्लूकोज़ में परिवर्तित करता है जिससे शरीर को ऊर्जा की आपूर्ति होती है। जब शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है, तब ग्लूकोज़ ग्लाइकोजन के रूप में इकट्ठा कर लिया जाता है। ग्लूकोज़ का कुछ हिस्सा मांसपेशियों में इकट्ठा किया जाता है लेकिन अधिकांश हिस्सा लिवर में ही संग्रहीत होता है। रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर नियंत्रित करने में लिवर अहम भूमिका निभाता है।
दौड़ते हुए या कसरत करते हुए जब शरीर को ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है तो ऐसे में इकट्ठा किया गया ग्लाइकोजन ग्लूकोज़ में बदल दिया जाता है ताकि शरीर इसका उपयोग कर सके। सबसे पहले मांसपेशियों में संग्रहीत ग्लाइकोजन को परिवर्तित किया जाता है लेकिन ये जल्द ही ख़त्म हो जाती हैं। फिर लिवर द्वारा ग्लूकोज़ की पूर्ति की जाती है। लिवर में खराबी आने पर शरीर में ग्लाइकोजन इकट्ठा करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है जिससे मरीज़ को जल्दी-जल्दी थकान महसूस होने लगती है।
अन्य कार्यः
* ग्लूकोज,विटामिन और खनिजों को संग्रहीत करके रखता है।
* वसा के चयापचय और रक्तधारा के ज़रिए पूरे शरीर में वितरण।
* हार्मोन का निर्माण और संतुलन बनाना।
* एंज़ाइम व अन्य प्रोटीन का निर्माण करता है जिनका इस्तेमाल चोट लगने पर खून का थक्का जमने और क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत जैसी अनेक केमिलक रिएक्शंस में होता है।
* लिवर खुद की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत का काम भी करता है।
लिवर को बहुत ज्यादा क्षति पहुंचने पर यह फेल होने लगता है जिससे शरीर का हर अंग प्रभावित होने लगता है।
संक्रमण से लड़ाई में लिवर
संक्रमण से लड़ाई करने में लिवर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसमें मेक्रोफेज नामक कोशिकाएं होती हैं जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का एक हिस्सा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाने में लिवर बहुत महत्वपूर्ण होता है। संक्रमण का पता लगते ही ये कुछ ऐसे रसायनों का निर्माण करता है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय हो जाती है। लिवर के क्षतिग्रस्त होने पर प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है।
शुरुआती लक्षण
*थकान और कमज़ोरी।
*भूख कम होना।
*मितली-उल्टियाँ होना।
*वज़न घटना।
*पेट दर्द।
*लिवर में सूजन।
*पेशाब का रंग गहरा होना।
क्षति के लक्षणः
लिवर के क्षतिग्रस्त होने पर शुरूआती लक्षण उतने स्पष्ट नहीं होते। लक्षण सामने आने तक लिवर काफी प्रभावित हो चुका होता है। लिवर के खराब होते ही चयापचय की प्रक्रिया भी गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती है।
गंभीर क्षति के लक्षण
*त्वचा और आँखों में पीलापन।
*पेट पर सूजन होना।
* तेज़ बुखार और कँपकँपी।
*खून की उल्टी होना(डॉ. अश्मित चौधरी,सेहत,नई दुनिया,जनवरी तृतीयांक 2012)
बहुत ही काम की जानकारी पहुंचाई है आपने.... साधुवाद!
जवाब देंहटाएंकाम की जानकारी..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी है !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ........
बहुत ही अच्छी जानकारी ..आभार।
जवाब देंहटाएंक्या लीवर ठीक से काम नहीं करने की वजह से ब्लड में क्रितिनिन बढ़ जाता है? मेरे पिता के ब्लड में क्रितिनिन का लेवल २.८ है और उनको मधुमेह भी है,जो अभी १३० एम् जी खाने के बाद है. डॉक्टर का कहना है की किडनी सही वर्क नहीं कर रहा है, मैंने उनका अल्ट्रा साउंड का रिपोर्ट देखा उसमे लीवर में स्वोलेन भी बता रहा है, रिपोर्ट में किडनी नोर्मल बता रहा है केवल एक किडनी थोरा साइज से बड़ा है , पिताजी का उम्र ६७ साल है,
जवाब देंहटाएंकृपया सही मार्गदर्शन दे, मेरा ई मेल आई डी है kn_jsr@yahoo.co.in
आप का धनयबाद काफ़ी अच्ही जानकारी दी है !
जवाब देंहटाएंराजेन्दर् कुमार
उपचार तो बताया ही नहीं
जवाब देंहटाएंउपचार तो बताया ही नहीं
जवाब देंहटाएंउपचार तो बताया ही नहीं
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