खुराक में मौजूद रेशों को पचाने के लिए अपेंडिक्स काफी महत्वपूर्ण होता है लेकिन इंसानों के शरीर में यह किसी काम का नहीं है और शरीर में इसके न होने पर भी सभी काम सुचारु रूप से चलते हैं।
क्यों होता है?
पेंडिक्स में किसी ची़ज़ का फँसना या उसमें संक्रमण होना अपेंडिसाइटिस का कारण बनता है। हालाँकि संक्रमण की वजह स्पष्ट नहीं है, माना जाता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने पर अंतड़ी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया अपेंडिक्स तक जा पहुँचते हैं। यही अपेंडिसाइटिस या अपेंडिक्स में संक्रमण और सूजन का कारण बनते हैं।
किसे होता है?
अपेंडिसाइटिस किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है लेकिन बच्चों में यह अधिक होता है।
लक्षण
*इससे प्रभावित बच्चे शुरुआत में पेट में बीच के हिस्से में तेज़ दर्द की शिकायत बार-बार करते हैं। फिर यह दर्द पेट में दाहिनी ओर उठने लगता है और असहनीय हो जाता है।
* भूख कम हो जाना या उल्टियां होना।
*कब्ज़ या डायरिया होना।
*पेट दर्द के कारण सुस्ती आना,चेहरा लाल होना आदि।
*इसका सबसे स्पष्ट लक्षण है-पेट दर्द होना-ख़ासकर दाहिने हिस्से में। इसलिए,यदि पेट में बार-बार तेज़ दर्द हो रहा हो,तो डाक्टर से जांच करवा लें।
इलाज
मरीज़ को असहनीय दर्द होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। उसे कुछ भी खाने-पीने को न दें। स्थिति गंभीर होने पर अपेंडिक्स फूटने का डर रहता है इसलिए बिना देर किए ही सर्जरी करनी पड़ सकती है। यदि अपेंडिक्स फूट जाता है तो संक्रामक मवाद पूरे पेट में फैल जाता है और अंदरुनी सतह पर सूजन आ जाती है। इससे लंबे समय में बाँझपन जैसे गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। इलाज के दौरान एंटीबायटिक दवाएँ और कभी-कभी दर्दमारक दवाएँ भी दी जाती हैं। अपेंडिक्स को शरीर से निकालने के बाद ज़्यादातर मरीज़ कुछ दिनों ही में ठीक हो जाते हैं(डॉ. अनिल भदौरिया,सेहत,नई दुनिया,जनवरी तृतीयांक 2012)।
सुंदर जानकारी देती उपयोगी प्रस्तुति, बहुत अच्छी लगी.,
जवाब देंहटाएंwelcome to my post --काव्यान्जलि--हमको भी तडपाओगे....
अपेंडिसाइटिस एक इमरजेंसी है . तुरंत भर्ती होना ज़रूरी होता है . घर पर कोई दवा न ही लें तो बेहतर है .
जवाब देंहटाएंअपेंडिसाइटिस के बारे में अच्छी जानकारी!! आभार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी...
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह..
शुक्रिया.
बहुत अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंसादर आभार.
nice ,
जवाब देंहटाएंhttp://aryabhojan.blogspot.com/2012/02/energy.html
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंएक जरुरी सुझाव देती हुई सार्थक पोस्ट ..
जवाब देंहटाएंबड़ा ही खतरनाक रोग है।
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी. शायद कुछ देशों में तो बचपन में ही इसे हटा देते हैं...
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