सोमवार, 23 जनवरी 2012

बढ़ाएं दिमाग़ की ताक़त

परीक्षाओं की तैयारियों के दिन आ चुके हैं। सीखे हुए पाठों को याद रखना एक बड़ी चुनौती है। मस्तिष्क की क्षमताओं को खींच कर अंतिम सिरे तक ले जाना होता है। यह कोई ऐसा काम नहीं है जिसे करने के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक का दिमाग़ चाहिए। मन में सामान्य जोड़-घटाव के कई समीकरण हल किए जा सकते हैं। निरंतर अभ्यास से मस्तिष्क की धार इतनी तेज़ हो जाएगी कि हर काम आसान लगने लगेगा। किसी भी भाषा की कविताएँ या शेरो-शायरी याद करना भी इसी तरह की मानसिक कवायद है जिससे मेधा प्रखर होती है।

दरअसल शरीर स्वस्थ रहे तो मस्तिष्क भी सामान्य रूप से काम करने लगता है। संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ के लिए योगासन, ध्यान साधना का भी उतना ही योगदान है जितना नियमित कसरतों का। फर्क केवल इतना है कि जिम्नेशियम में माँसपेशियाँ विकसित कर मनचाहा आकार प्राप्त किया जा सकता है लेकिन मस्तिष्क के स्वास्थ पर इसका कम ही असर पड़ता है। अक्सर ऐसा होता है कि परीक्षा हॉल में सारे प्रश्नों के उत्तर आते हुए भी कई विद्यार्थियों का दिमाग़ सुन्ना हो जाता है। उत्तर जानने के बावजूद वे लिख नहीं पाते। यही मस्तिष्क की कमज़ोरी का प्रमाण है। इस अंक में याद रखने के टिप्स इसी को ध्यान में रखकर दिए गए हैं। नियमित रूप से क्रासवर्ड पज़ल्स सॉल्व करने से लेकर पहाड़े रटने जैसी मानसिक कवायद तक सभी एग्ज़ामिनेशन फीयर पर काबू पाने में मददगार साबित हो सकते हैं। शरीर की तरह आपके दिमाग़ को भी बेहतर काम करने के लिए व्यवस्थित रहना ज़रूरी है। इसके लिए कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं। इनसे न सिर्फ आपका दिमाग़ त़ेज गति से काम करने लगेगा, बल्कि परीक्षा के लिए किसी भी पाठ को याद रखना आसान हो जाएगा। 

आप दिमाग़ी कसरत करने के लिए अपने आपको तैयार करें। दिमाग़ी कसरत शारीरिक कसरत से भिन्ना होती है। हमारे देश में शतरंज ईजाद किया गया तो इसीलिए कि यह दिमाग़ की सबसे कठिन और ज़ोरदार कसरत है। खैर शतरंज तो सभी नहीं खेलते हैं, लेकिन क्रासवर्ड पज़ल्स या कम्प्यूटर पर दिए गए गेम सालिटायर को तो लगभग सभी पसंद करते हैं। आप इनसे शुरुआत कर सकते हैं। आप यदि यह भी नहीं करना चाहते हैं तो आसान तरीका है साधारण स्तर के गुणा-भाग अथवा जोड़-घटाव करना। 

हफ्ते में एक बार कोई कविता या जोक याद करने की कोशिश करें। इससे आपका दिमाग़ शेप में रहेगा और इसकी ताकत भी बढ़ेगी। हमेशा कुछ नया करने की सोच रखिए। नए-नए आइडियाज़ को सामने आने दें। इसके लिए एक बच्चे की तरह सोचना ही काफी है। बच्चे सकारात्मक ऊर्जा, विस्मित भाव और उत्सुकता से सोचते हैं। अपने आपको दिवास्वप्न देखने दीजिए। इससे मस्तिष्क तीक्ष्ण होगा और उसकी ताकत भी बढ़ेगी। अपने आपको केवल एक ही व्यक्ति न बनने दें। एक ही व्यक्ति में बहुत सारे व्यक्तित्व पैदा कीजिए। जितने अधिक हो सकें,उतने तरीक़ों से सोचिए। 

परीक्षा का भय? 
कई विद्यर्थियों को परीक्षा के बारे में सोचकर ही बेचैनी महसूस होने लगती है। मन में कई विचार घूमने लगते हैं, -"क्या मैं सभी प्रश्नों का उत्तर दे पाउँगा?" "थोड़ा और पढ़ लेता तो अच्छा होता"आदि। ये विचार लगभग हर विद्यार्थी को परेशान करते हैं। थोड़ा-बहुत दबाव बेहतर प्रदर्शन के लिए मददगार होता है। इससे शरीर में एड्रिनलिन हारमोन स्त्रावित होता है जो व्यक्ति को सचेत और फोकस्ड बनाए रखता है। हल्का तनाव या दबाव होना स्वाभाविक है लेकिन ज़्यादा घबराहट परेशानी का सबब बन जाती है। यह व्यक्ति के चारों ओर एक नकारात्मक घेरा बना देती है और फिर वो एकाग्र होकर सोच-समझ नहीं पाता। इसका बुरा प्रभाव पड़ता है प्रदर्शन पर क्योंकि विद्यार्थी न तो प्रश्नों पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाता है और न सटीक उत्तर ही दे पाता है। ऐसे कई उपाय हैं जिनसे परीक्षा का भय दूर किया जा सकता है ताकि विद्यार्थी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें -
परीक्षा से पहले 
अपना कोर्स समय रहते पढ़ लें और उसका रिविज़न भी कम से कम एक दिन पहले ही पूरा कर लें। ऐन वक्त तक पढ़ते रहने से तनाव बढ़ता है। चित्त स्थिर रखने और मन शांत करने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं, किसी को संगीत सुनने पर सुकून मिलता है तो किसी को व्यायाम करने से या फिर कुनकुने पानी से स्नान करना भी अच्छा तरीका हो सकता है। अपने लिए रिलेक्स करने का ऐसा ही कोई तरीका चुनें।

परीक्षा के दिन और उससे एक दिन पहले इस तरह के उपाय बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। जो कुछ भी आपने पढ़ा है उसे याद रखने में ये सहायक होते हैं और आत्मविश्वास बढ़ताता है। एग्ज़ाम सेंटर का रास्ता पता न होना भी घबराहट का कारण बन सकता है। इस बारे में पहले ही जानकारी जुटा लें और संभव हो तो एक बार खुद वहाँ जाकर देखें। इससे ऐन वक्त की हड़बड़ी से बच जाएँगे। परीक्षा के नियमों को ध्यान से पढ़ लें। परीक्षा से पहले की रात नींद पूरी करें।

परीक्षा के दौरान 
"मुझे कुछ नहीं आता"। पढ़ाई नहीं की हो तो ये ख़्याल परेशान कर सकता है लेकिन अच्छे से पढ़ने पर भी ऐसे विचार उत्पन्न होना घबराहट के संकेत हैं। तनाव के कारण विद्यार्थी ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। कई तो प्रश्न भी ठीक से नहीं पढ़ पाते हैं। इससे बचने के लिए ये उपाय कर सकते हैं -

परीक्षा कक्ष में सही समय पर पहुँचें।

कक्ष में पहुँचकर लंबी-गहरी साँसें लें और छोड़ें। घबराहट में अक्सर लोग ठीक से सांस नहीं लेते हैं। गहरी सांस लेते हुए अपनी पीठ एकदम सीधी कर लें।

आपके सामने रखी किसी स्थिर निर्जीव वस्तु (दीवार, तस्वीर, आदि) की ओर देखकर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। मन में कोई सकारात्मक बात दोहराएँ जैसे - "मैं ये परीक्षा पास करने वाला हूँ।" १-२ मिनिट तक यही दोहराते रहें और फिर सामान्य रुप से सांस लें। शांति अनुभव करेंगे। प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें। यदि परीक्षा के बीच फिर से घबराहट होने लगे तो फिर से एकाग्रता के उपाय दुहराएं। प्रश्नपत्र हल करने की रणनीति तय कर लें। कौन से प्रश्न पहले हल करेंगे आदि और बिना समय बर्बाद किए उत्तर लिखना शुरू कर दें। 

याददाश्त के टिप्स... 
किसी भी बात को याद रखने के लिए दिमाग़ उस बात का अर्थ मूल्य और औचित्य के आधार पर तय करता है। दिमाग़ की प्राथमिकता भी इसी क्रम में काम करती है। याद रखने की सबसे पहली सीढ़ी है अर्थ जानना, अतः किसी भी बात को याद रखने से उसका अर्थ ज़रूर समझिए। यदि अर्थ ही समझ में नहीं आया है तो रटने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए पहले जिस बात या पाठ को याद रखना है, पहले उसका अर्थ समझिए, फिर उसका महत्व और मूल्य समझिए इसके बाद आपके जीवन में उस बात का क्या औचित्य है यह जानिए। किसी बात के प्रति आपका रवैया क्या है,इससे उस बात को याद रखने का सीधा संबंध है। यदि आप किसी बात को याद रखते समय उसके प्रति सकारात्मक रवैया रखेंगे तो वह बात या पाठ आपको पहली बार में ही याद हो जाएगा। 

किसी भी नई बात को समझना आपके पहले से अर्जित ज्ञान पर निर्भर है क्योंकि तब आप नई बात को उसकी कसौटी पर रखकर जोड़ते हुए याद रख सलेंगे। आप जितना मूलभूत ज्ञान बढ़ाते जाएंगे,उतना नए ज्ञान को समझना आसान होता जाएगा। यही बात याद रखने पर भी लागू होती है(डॉ. अनिल शर्मा,सेहत,नई दुनिया,जनवरी 2012 द्वितीयांक)।

8 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा लगा पढ़कर, बहुत काम आएगा.

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  2. Nice.

    http://hbfint.blogspot.com/2012/01/27-frequently-asked-questions.html

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  3. बच्चों के लिये ही नहीं बड़ों के लिये भी उपयोगी
    टिप्स है !

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  4. बेनामीजनवरी 23, 2012

    बहोत बढिया लेख ।

    हिंदी ब्लॉग

    हिंदी दुनिया

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  5. बहुत ही उपयोगी सुझाव हैं ...आभार

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  6. अच्छे टिप्स दियें हैं आबाल -वृद्धों के लिए जीवन खुद एक परीक्षा है यहाँ रोज़ नया इम्तिहान होता है नित नया सीखना करना बांटना ज़रूरी .

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  7. बहू उपयोगी एवं जानकारी पूर्ण आलेख आभार

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  8. अत्यंत उपयोगी पोस्ट....
    सादर आभार...

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