सोमवार, 28 नवंबर 2011

बॉडी वेट नहीं,बॉडी फैट चैक करें

मोटापा आज शहरी लोगों की एक बड़ी समस्या हो गया है। महीनों भूखे रहकर,जिम में घंटों पसीना बहाकर भी कई लोग मनचाहा वज़न कम नहं कर पातै। सारे प्रयत्न करने के बाद भी वे यह बात भूल जाते हैं कि जब तक बॉडी फैट नहीं घटेगा,परमानेंट वेट लॉस नहीं होगा। इसके लिए न केवल बॉडीफैट घटना चाहिए बल्ल्कि मसल्स,वाटर और मेटाबॉलिक रेट भी बढ़ना चाहिए जो न केवल आपको फिर मोटा होने से रोकेगा,बल्कि आगे और बॉडी वेट घटेगा। मोटापा घटाने के लिए क्या करें? इस उलझन का एक जवाब आज की तकनीक में मौजूद है। अगर आप मोटापा कम करने की कोशिश कर रहे हैं,तो आपको बीच-बीच में अपनी बॉडी कम्पोजिशन की जांच और समीक्षा करवाते रहना चाहिए। बॉडी कम्पोजिशन का विश्लेषण करवाते रहने से आपको पता चल सकेगा कि मोटापा खत्म करने के आपके प्रयास सही हैं या नहीं? 

असल में मोटापा कम करने के लिए हम आज भी पुराने तौर-तरीकों पर निर्भर हैं। कई लोग वजन कम करने के उन आधुनिक तरीकों को जानते ही नहीं हैं जिनकी सहायता से जल्दी और स्थायी रूप से मोटापा कम किया जा सकता है। अक्सर डॉक्टर, डायटिशियन एवं स्लिमिंग सेंटर भी वेट लॉस को ही फैट लॉस मानकर संतुष्ट होते रहते हैं। वास्तव में अधिकतर प्रचलित उपायों, उपकरणों से बॉडी फैट नहीं घटता मसल्स व पानी घटकर टैम्परेरी वेट लॉस होता है। इस दौरान मैटाबालिक रेट भी घट जाता है। जब तक प्रयत्न चलता रहता है तब तक तो सब ठीक रहता है लेकिन जैसे ही जिम या कोर्स छोड़ा वजन फिर से बढ़ जाता है। अधिकांश लोग पहले से ज्यादा मोटे हो जाते हैं। इसका मुख्य कारण है तुरंत वेट लॉस करने के लिए खाने की अनावश्यक कमी एवं परहेज करना है। खाना छोड़ देने से शरीर स्टारवेशन मोड में चला जाता है। वह खाए गए भोजन को खर्च करने के बजाय बॉडी फैट के रूप में जमा करने लगता है। फिर चाहे आपके भोजन में फैट की मात्रा न भी हो तो भी शरीर तो उसे बॉडी फैट के रूप में ही जमा करता है। 

इंडियन कॉउसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा सुझाई गई डाइट नार्मल वेट के लिए भी आवश्यक है लेकिन कई लोग यह डाइट भी नहीं लेते चाहे मोटापा कम न होने में नेगेटिव कैलोरी बैलेंस भी एक हद तक काम करता है। यदि आप न्यूनतम आवश्यक भोजन नहीं लेंगे व अनावश्यक परहेज भी करेंगे तो मानकर चलिए कि आपको स्थायी लाभ नही मिलेगा व आपका शरीर अनेक बीमारियों का घर बन जाएगा। आप बुढ़ापे की ओर अग्रसर हो जाएँगे। त्वचा खुष्क व ढीली हो जाएगी। चेहरे की चमक भी कम हो जाएगी। मोटापा कम करना है तो बॉडी कम्पोजिशन एनालिसिस, बॉडी एवं डायट एनालिसिस कर फैट चैक करने जैसे उपाय किए जाना चाहिए। आधुनिक कम्प्यूटरीकृत तकनीक के जरिए यह काम आसान हो गया है। बॉडी परफैक्ट सिस्टम (आईसोमीट्रिक पैसिव एक्सरसाइजर) एक ऐसा उपकरण है जो दिल व दिमाग पर किसी प्रकार का असर नहीं डालता। तुरंत इंच लॉस के लिए अल्ट्रासॉनिक केविटेशन आर एफ के साथ व प्रोग्राम्ड एवं इम्पलस्ड इन्फ्रारेड की व्यवस्था भी है जो शरीर के लिम्फैटिक सिस्टम को एक्टीवेट करने, शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकालने में मदद करता है। 

तुरंत इंच लॉस के लिए अत्याधुनिक इटालियन तकनीक पर आधारित अल्ट्रासॉनिक केविटेशन मशीन विभिन्ना हौड के साथ आयात की गई है जिसके द्वारा डीप लेयर, पिड लेयर व अपर लेयर के साथ सुपर सॉनिक वैक्यूम द्वारा फैट की विभिन्ना पर्तों को ट्रीट किया जाता है। इस उपचार में फैट पिघलकर सामान्य प्रक्रिया में पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि अनावश्यक परहेज एवं डायट की कमी करने से बॉडी फैट से मुक्ति नहीं मिलती, बल्कि पानी और मांसपेशियों का वजन घट जाता है। यह टेम्पररी वेट लॉस आपको बीमार कर सकता है और प्रयास बंद करते ही आप ज्यादा मोटे हो जाएँगे(बी एल आनंद,सेहत,नई दुनिया,नवम्बर तृतीयांक 2011)

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया जानकारी|
    इस उपकरण की उपलब्धता कैसी है?

    Gyan Darpan
    .

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  2. बहुत उपयोगी जानकारी !

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  3. बहुत बढ़िया जानकारी|

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  4. बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है ....आभार

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  5. तरह-तरह के नुस्खे आते रहते है और हम अपनाते रहते हैं, पर ये मुआ फैट और भी फैटी ही होते जा रहा है।
    यह तकनीक कितना खर्चीला है?

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