सोराइसिस की वजह से त्वचा सख्त हो जाती है, सफेद चकत्ते बन जाते हैं और यह सूख कर खिरने लगती है। त्वचा की देखभाल के लिए उपलब्ध विभिन्न उत्पाद इन परेशानियों को कम करने में सहायक होते हैं। यदि त्वचा की नमी बनी रहे तो इसके फटने और खिरने की संभावना कम हो जाती है। इस तरह त्वचा के संक्रमण और एलर्जी से भी बचा जा सकता है। समय-समय पर मॉश्चराइज़र के प्रयोग से त्वचा को नम और मुलायम बनाया जा सकता है।
सोराइसिस जैसे रोगों में त्वचा बहुत ज़्यादा सूखती है इसलिए ऐसे मरीज़ों के लिए कुछ विशेष उत्पाद हैं जो त्वचा की जलन, खुजली और रूखेपन को प्रभावी रूप से कम करने में कारगर होते हैं। सोराइसिस के मरीज़ों को त्वचा पर किसी भी उत्पाद के उपयोग से पहले उसमें मौजूद तत्वों (इंग्रीडियंट्स) के बारे में जान लेना चाहिए। इन मरीजों के लिए साबुन और मॉश्चराइज़र फायदेमंद होते है। त्वचा के लिए उत्पादों का चुनाव करने के लिए त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। ग्लिसरीन, तेल और मॉश्चराइज़र बार-बार लगाते रहना चाहिए। सोराइसिस के रोगियों को त्वचा को नमीयुक्त रखने का मूलमंत्र कभी नहीं भूलना चाहिए। त्वचा रूखी सूखी न रहे तथा उसमें हमेशा पर्याप्त नमी बनी रहे इसे उपाय किए जाने चाहिए। शेया बटर, कोलॉजेन, ग्लिसरीन, वैसलीन, कोको बटर जैसे कुछ उत्पाद गहराई तक त्वचा में नमी बनाए रखते हैं।
किन्हें होता है यह रोग?
इस रोग का कोई निश्चित कारण अभी तक ज्ञात नहीं हो सका है लेकिन कुछ महत्वपूर्ण तत्व इसके लिए जरूर जिम्मेदार हैं। आनुवांशिकता। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता।
क्या संक्रामक है सोराइसिस?
सोराइसिस संक्रामक नहीं होता। यह एक से दूसरे के शरीर तक नहीं पहुँच सकता। आनुवांशिक विरासत से भले ही यह दूसरी पीढ़ी तक पहुँच जाए लेकिन किसी अन्य तरीके से संक्रमण नहीं लगता(डॉ. अप्रतिम गोयल,सेहत,नई दुनिया,नवम्बर द्वितीयांक 2011)।
बढ़िया जानकारी आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया जानकारी दी…………आभार्।
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ पठनीय है यहाँ आपके ब्लॉग पर-. लगता है इस अंजुमन में आना होगा बार बार.। धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंi really like this treet.
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