आईवीएफ के लिए आई कम उम्र की अनेक महिलाओं की जांच से पता चलता है कि एक मामूली प्रक्रिया या इलाज से उन्हें पेट में ही गर्भ ठहर सकता है। एंडोस्कोपी, दवा, हॉर्मोन के इंजेक्शन आदि ऐसे कई तरीके हैं।
"पेट्री डिश" मानव निर्मित कृत्रिम प्रजनन प्रयोगशाला का वह उपकरण है जहां हम अंडे एवं शुक्राणु के बीच मेल कराकर कुदरत की अनिच्छा के बावजूद निस्संतान दंपतियों की चाहत पूरी करने के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए भ्रूण बनाने की जुगत करते हैं । बेशक टेस्ट ट्यूब बेबी की तकनीक "आईवीएफ" की सफलता अब उस मुकाम पर पहुंच चुकी है कि वह संतान उत्पत्ति के तरीकों में पहली पसंद बनने लगी है । इसलिए शादी के एक-दो साल बाद ही २० साल उम्र तक की लड़कियां सीधे आईवीएफ कराने के लिए आने लगी हैं । लेकिन यह न भूलें कि भ्रूण निषेचन के लिए सबसे सुरक्षित प्रयोगशाला मां का पेट ही है । इसके लिए सबसे पहले मां के पेट में ही जगह ढूंढ़ने का प्रयास करें । अन्य तरीके असफल हो जाएं तभी आईवीएफ का सहारा लें ।
आईवीएफ के लिए आई कम उम्र की अनेक महिलाओं की जांच से पता चलता है कि एक मामूली प्रक्रिया या इलाज से उन्हें पेट में ही गर्भ ठहर सकता है। एंडोस्कोपी, दवा, हॉर्मोन के इंजेक्शन आदि ऐसे कई तरीके हैं । सीधे टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए आने की एक बड़ी वजह यह भी है कि इस तकनीक की सफलता का प्रतिशत काफी बढ़ गया । इलाज के दूसरे तरीकों से यह अंतिम तरीका ज्यादा आसान लगने लगा है । लेकिन हम प्रजनन विशेषज्ञों को उससे पहले पेट में ही भ्रूण बनाने की जुगत करने की सलाह देनी चाहिए । आईवीएफ के पहले अन्य किसी भी यत्न से गर्भ न ठहरे तो उसे कुदरत का कहर कतई न मानें । यहां कुदरत के संकेत को समझने की कोशिश करें। अगर वह पेट भ्रूण बनने को रोक रहा है तो उसे आशंका है कि बच्चा कोई आनुवांशिकी गड़बड़ी लेकर दुनिया में जा सकता है । इसलिए टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक एक तरह से कुदरत के खिलाफ काम है । दंपतियों की संतान की प्रबल चाहत को पूरी करने के लिए ही हमें पेट्री डिश का सहारा लेना पड़ता है । मजे की बात यह भी है कि हम प्रजनन प्रयोगशाला में सफलता के लिए भी भगवान से ही दुआ करते हैं(डॉ. संदीप तलवार,संडे नई दुनिया,13.13.11) ।
आयुर्वेद में जटिलता की अवस्था के अनुसार है बांझपन का इलाज
महिला हो या पुरुष, बांझपन के उपचार की बात करें तो दोनों में ही बांझपन की दो स्थितियां होती हैं- प्राथमिक व स्थायी बांझपन। स्थायी बांझपन के उपचार में सफलता की संभावना तो बहुत कम होती है फिर भी आयुर्वेद में इसके उपचार के कुछ प्रभावी विकल्प हैं । बांझपन के उपचार के लिए सबसे जरूरी है इसके कारणों का पता लगाकर उनसे बचना व उनका उपचार करना । तो सबसे पहले बात करते हैं बांझपन के कुछ सामान्य कारणों की जो स्त्री व पुरुष, दोनों को प्रभावित करते हैं । बांझपन के प्रमुख कारण हैं - बहुत अधिक मैथुन करना व बाद में शिथिल हो जाना, ज्वर या कमजोरी से शरीर का क्षीण होना, लंबे समय तक ब्रह्मचर्य जीवन का पालन करना, अति हस्तमैथुन, भोजन का न पचना, मल-मूत्र के वेग को रोकना, मानसिक परिश्रम अधिक करना, चाय-कॉफी, धूम्रपान व मद्यपान की अधिकता, रात में जागना व दिन में सोना, तनाव, मधुमेह, हार्मोनल संतुलन बिगड़ना, गर्भपात कराना (गोलियों का इस्तेमाल भी हानिकारक हो सकता है ), गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक इस्तेमाल, वंशानुगत, तेज मसाला, खट्टा व चटपटे पदार्थों का अधिक सेवन आदि ।
इसके उपचार के लिए सबसे पहले तो उपर्युक्त कारणों का निवारण करना सबसे जरूरी है । चूंकि आयुर्वेद में इसका इलाज इसकी अवस्थाओं के अनुसार अलग-अलग चरण में होता है, इसलिए बांझपन किस चरण में है इसकी सही जानकारी बेहद जरूरी है । ऐसे में आयुर्वेदिक चिकित्सक से ही इसका उपचार कराएं, बजाय किसी के कहने से कोई दवा लेने के । इसके उपचार के लिए कुछ जरूरी दवाएं हैं - पुष्पदंतरस, कौच बीज चूर्ण, हीरा भस्म, पुखराज भस्म, स्वर्णमहायोगराज गुगुल, त्रिवंग, अश्वगंधा, भवनातक भौदक, माणिक्य भस्म आदि । पंचकर्म क्रिया भी इसके उपचार में बहुत सहायक है । यदि रोगी मधुमेह व तनाव जैसी स्थिति में है तो उसके उपचार पर विशेष ध्यान देना जरूरी है । कई बार इनके उपचार के बाद बांझपन स्वयं दूर भी हो जाता है(डॉ. आकाश परमार,संडे नई दुनिया,13.13.11) ।
समुचित उपचार से ही बांझपन से छुटकारा संभव
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त होम्योपैथ डाक्टर ए.के. अरूण कहते हैं कि बांझपन स्त्री एवं पुरुष दोनों में हो सकता है इसलिए इस बाबत स्त्री और पुरुष, दोनों की अलग-अलग मेडिकल जांच की जाती है ।
आजकल कामकाजी पुरुषों-स्त्रियों में काम का बोझ अधिक है तथा उनकी जीवनशैली में तनाव, ज्यादा से ज्यादा तनहा रहना, धूम्रपान, शराब आदि ऐसी लत हैं जो पुरुष की प्रजनन क्षमता को कम कर रहे हैं । कभी-कभी पुरुषों में अंडकोष के अल्प विकास की वजह से भी बांझपन की आशंका रहती है । कुछ जन्मजात कारण भी हो सकते हैं जो पुरुषों में शुक्राणु को उत्पन्न नहीं होने देते, इस स्थिति में भी बांझपन की स्थिति आ जाती है ।
स्त्रियों में किशोरावस्था के दौरान पोषण संबंधी कमी (विशेषकर प्रोटीन की कमी) से भी जनन तंत्र एवं अंतःस्रावी ग्रंथियों का पूर्ण विकास नहीं हो पाता है और बांझपन की स्थिति आ जाती है । कम उम्र में हुए फेफड़े की टीबी से भी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है । कुछ स्त्रियों में प्रकृति के अनुसार अंडे नहीं बनते, इससे भी बंध्यता आ सकती है ।
लंबे समय तक गर्भनिरोधक के लगातार प्रयोग से भी जनन अंगों में संक्रमण हो जाता है और बंध्यता आ जाती है । मैथुन के तुरंत बाद योनिमार्ग को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से डूश लेने की आदत भी बंध्यता उत्पन्न कर देती है क्योंकि इसमें शुक्राणु मर जाते हैं और फैलोपी नलिकाओं में अवरोध आ जाता है । ऐसा प्रायः एक शिशु के जन्म के बाद देखा जाता है जब प्रसूति अवस्था का संक्रमण नलिकाओं का अवरोध करके द्वितीयक (सेकेंडरी) बंध्यता उत्पन्न कर सकता है । ऐसा भी हो सकता है कि जांच के बाद किसी एक में भी (न तो पति न ही पत्नी में) बंध्यता का समुचित कारण का पता न चले । फिर भी नियमित जांच एवं अनुभवी चिकित्सकों के परामर्श से इसका उपचार हो सकता है ।
कई मामलों में होम्योपैथिक चिकित्सकों ने सफल उपचार के दावे किए हैं । अपने पाठकों को मैं यही सलाह दूंगा कि द्वितीयक बांझपन का उपचार हो सकता है लेकिन यदि यह प्राथमिक या जन्मजात बांझपन है तो इसके लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा सकता है । बेहतर होगा कि इसके उपचार के लिए होम्योपैथी में भी किसी विशेषज्ञ की सलाह ही लें(प्रस्तुति,प्रियंका पांडेय पाडलीकर,संडे नई दुनिया,13.11.11)।
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जवाब देंहटाएंMale infertility is usually caused by problems that affect either sperm production or sperm transport. Natural infertility treatment blow away the competition with its all natural formula, rated as a highly effective product for increasing semen volume and male fertility.Read More http://azoospermia.in/
जवाब देंहटाएंIt is possible to cure male infertility. Herbal supplement is both safe and effective. It works wonders for all age men.
जवाब देंहटाएंAzoospermia is the deficiency of sperms in the semen of a male, which is linked with very low levels of fertility or even sterility. Natural infertility treatment especially made to increase healthful sperm formation and improves a man’s chances of becoming a father.
जवाब देंहटाएंIt is possible to increase male fertility. There are many treatment available but some of them are effective. Natural infertility supplement is proven to be safe and effective.
जवाब देंहटाएंVery useful post. Male infertility is a very frustrating issue. No matter male infertility consider taking natural male infertility supplement.
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