सर्दियों का मौसम सेहत बनाने का मौसम होता है तो अस्वस्थ लोगों के लिए सेहत का खयाल रखने का भी मौसम होता है। कई बीमारियां हैं जो इस मौसम में आपके लिए परेशानियां पैदा कर सकती हैं। तो थोड़ी सावधानी बरतकर आप क्यों न रखें अपनी सेहत को दुरुस्त।
सर्दी के मौसम में अनेक बीमारियां परेशान करने लगती हैं। यह मौसम खांसी और बुखार की समस्या लेकर तो आता ही है, मधुमेह के मरीजों में इस मौसम में दिल और मस्तिष्क आघात का खतरा भी बढ़ जाता है। सर्दी के दिनों में वायरल इंफेक्शंस की वजह से नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी आ जाती है। एक और खतरा है जो इस मौसम में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है, वह है लकवे का खतरा। ठंड में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं जिससे खून का प्रवाह अवरुद्घ हो जाता है। इससे उच्च रक्तचाप के मरीजों में लकवे का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि समय-समय पर रक्तचाप की जांच कराते रहें।
दमा के मरीजों को भी सर्दी के मौसम में खास एहतियात बरतने चाहिए। इस मौसम में बढ़ती ठंड की वजह से दमा के दौरे की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे मरीज अपनी दवाएं और इंहेलर हमेशा साथ में रखें। सर्दी का मौसम मधुमेह के मरीजों के लिए खासा परेशानी वाला होता है। गुड़, गजक जैसी मीठी चीजें खाने से इस समय शुगर की परेशानी बढ़ जाती है। सर्दी-खांसी और बुखार के 100 से ज्यादा वायरस इस मौसम में सक्रिय होते हैं। अगर एक बार आपकी नाक या गले से यह संक्रमण शरीर में प्रवेश कर जाए, तो यह लगातार बढ़ता ही रहता है। इसके लक्षणों में गले में खराश, छींक, नाक और आंखों से पानी बहना, शरीर में दर्द, हल्का बुखार, बंद नाक, खांसी आदि हैं।
खानपान का रखें ध्यान
इस मौसम में बुखार और संक्रमण काफी तेजी से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप पहले से ही एहतियात बरतें। अपने खाने में पपीता, कद्दू, गाजर, टमाटर, पालक, अमरूद जैसी मौसमी सब्जियों और फलों को जरूर शामिल करें। इनसे आपके शरीर का तापमान भी मौसम के मुताबिक गर्म रहेगा। खुद को संक्रमण से बचाने के लिए एक और बेहतर उपाय है। रोज सुबह एक लौंग खा लें।
ऐसे मौसम में प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को चुनें, मसाले और अदरक, लहसुन, काली मिर्च, दाल-चीनी, जावित्री, जायफल, केसर, तिल और गुड़ आदि चीजों का भरपूर सेवन करें। तिल शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं, पाचन क्षमता को तेज कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। गुड़ से पाचन में मदद मिलती है और कफ और जुकाम से सुरक्षा होती है। गुड़ खाएं तो ध्यान दें कि अपने शुगर के यूज को कम कर दें। हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, सरसों, बथुआ, मूली पत्ता का सेवन करें।
खास देखभाल
-पानी गुनगुना कर पिएं।
-गुनगुने पानी से नहाएं।
-घर के अंदर अंगीठी, लकड़ी, कोयला कतई न जलाएं।
-संक्रमण से बचें और संक्रमित हो जाने पर समय से इलाज शुरू करें।
-बच्चों की रोजाना तेल से मालिश करें, बीमारी में नहीं।
-माताएं शिशुओं को दूध अवश्य पिलाएं।
-खाना गर्म करके खाएं।
जंक फूड से बचें।
-मुधमेह, ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखें।
-नियमित व्यायाम करें।
-जुकाम में भाप लेने से बहुत जल्दी फायदा होता है।
ताजा हवा में सांस लें
सर्दी के मौसम में ऐसी समस्या होने पर ताजा हवा में सांस लेना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इस मौसम में घर के भीतर हीटर चलता रहता है और बंद कमरे में सर्दी-जुकाम के वायरस की संख्या बढ़ जाती है। सुबह थोड़ी देर खुली हवा में टहलें।
व्यायाम
सर्दी के मौसम में फिट एवं स्वस्थ रहने के लिए कपालभाति, भ्रामरी प्राणायाम एवं आसनों में सूर्य नमस्कार, भुजंगासन आदि विशेष रूप से किए जाने चाहिए। ऐसे लोगों को सुबह जल्दी सैर करने से बचना चाहिए। खड़े होकर सामने की ओर झुकने वाले योग व प्राणायाम नहीं करना चाहिए। जिन्हें अस्थमा या दिल से संबंधित परेशानी हो, वे लोग अर्ली मॉर्निग योग न करें। वे वर्कआउट करने से पहले प्रॉपर वार्मअप कर लें। ज्यादा ठंड में मसल्स को ज्यादा स्ट्रेस न दें। प्राणायाम करें।
खांसी-जुकाम के घरेलू उपचार
चाय में काली मिर्च के साथ थोड़े से बताशे डालकर गर्म-गर्म पीने से जुकाम दूर हो जाता है और मस्तक भी हल्का हो जाता है।
शहद में अदरक का रस मिलाकर सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है।
खांसी, जुकाम और सामान्य ज्वर में तुलसी व अदरक की चाय पीने से लाभ होता है।
गर्म दूध में छुहारा उबालकर इसमें थोड़ी सी इलायची एवं केसर मिलाकर सेवन करने से जुकाम के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
(डॉ. मुनीश जोशी, डॉ. नेहा गर्ग, डॉ, मनीषा पाल से अनुजा की बातचीत पर आधारित)
नाखून व आंखों की देखभाल
इस मौसम में नाखून कड़क हो जाते हैं, इसलिए वे टूट भी सकते हैं। पेट्रोलियम जैली या जैतून के तेल से नाखूनों की मसाज करें। कोको बटर या विटामिन ई भी नाखूनों के लिए लाभदायक होता है। आंखों के लिए आप दोनों हाथों को रगड़कर हथेलियों को गर्म कर लें, फिर गर्म हथेलियों को आंखों पर रखें, ऐसा 4-5 बार करें।
हाथ-पैर और होंठ
आप जब भी हाथ धोएं, उसके बाद आप मॉइश्चराइजिंग क्रीम जरूर लगाएं। पैरों में भी जुराब पहनने से पहले मॉइश्चराइजिंग क्रीम लगा लें। होंठों पर लिप बाम जरूर लगाएं। एड़ियां फटने से बचाने के लिए बरतन में गर्म पानी डालकर समुद्री नमक और ऑलिव ऑयल की 4-5 बूंद डालें। उस पानी से अपने पैर साफ करें।
बाल
ठंडी हवाओं का विपरीत असर बालों पर भी पड़ता है। ठंड के मौसम में बाल धोने के बाद कंडीशनर जरूर लगाएं। बाल धोने के लिए ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल न करें। गर्म तेल की मालिश फायदेमंद होती है। ऑलिव, तिल तथा नारियल तेल का इस्तेमाल करें।
बुजुर्ग व बच्चों की देखभाल
ठंडक में नमी के कारण वातावरण में धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है जिससे बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। उनकी कमजोर हड्डियों को दर्द भी सताने लगता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से वे आसानी से वायरस की चपेट में आ जाते हैं। बुजुर्ग और छोटे बच्चों के कमरे बंद और गर्म रखने चाहिए। बुजुर्ग जितना हो सके घर के अंदर ही रहें। सर्दी में सुबह-सुबह टहलने से बचना चाहिए। बच्चों को ठंडी हवा से बचाकर रखना चाहिए। बच्चों को नहलाने के बाद तुरंत गर्म कपड़े पहना दें। सर्दी ज्यादा सिर, कान और पैरों के जरिए शरीर में प्रवेश करती है। इन्हें बचाकर रखें(हिंदुस्तान,दिल्ली,3.11.11)।
कल सुबह सात बजे पढ़िए एक खोजी रिपोर्टः
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जवाब देंहटाएंसुबह की सैर बचाए रहता है।
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा मंच-694:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
आपके टिप्स तो बड़े ही कारगर हैं ...
जवाब देंहटाएंकारगर पोस्ट
जवाब देंहटाएंबहुत हि सही समय पर मिली जानकारी!
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